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गरुड़ पुराण के अनुसार 16 घोर नरक

 

गरुड़ पुराण के अनुसार 16 घोर नरक – Narak Garud Puran

मृत्यु एक अटल सत्य है ,जिसे चाहे कोई भी बदल नहीं सकता। बदलते है तो सिर्फ हमारे कर्म ,पर कर्म करने के समय यह कोई नहीं सोचता ,के यह किये जाने वाला कर्म अच्छा हे या बुरा बस मनुष्य बुरे कर्म किये जाता है। इसीलिए हमारे पुराणों में मृत्यु के बाद मिलने वाली नरक की सजा के बारे में बताया गया है।  गरुड़ पुराण में ८४ लाख नरक का वर्णन बताया गया है, और इनमे से 16 नरक को घोर नरक बताये गए है। मृत्यु के बाद कौनसा बुरा कर्म करने पर कौन सी सजा मनुष्य को भोगनी पड़ती है। जानिए ….

1. कुंभीपाकम नरक:

जो लोग अपने स्वार्थ और इच्छा के लिए दूसरी जानवरो को मारते है या शिकार करते है ,उन लोगों को यह नरक में लाया जाता है। वहां उन्हें गरम तेल में उबालकर यातना दी जाती है।

2. तमिश्रम नरक:

दूसरे की संपत्ति हड़पने वाले लोग ,इन लोगो की आत्मा को बंदी बनाकर के इस नरक में तब तक मारा जाता है, जब तक वह बेहोश न हो जाये और होश आने पर वापस से उनको यह यातना दी जाती है , शास्त्रों के अनुसार जब तक समय समाप्त न हो जाये तब तक उनको यह पीड़ा दी जाती है।

3. अंधतामिस्त्र नरक:

 यह नरक पति पत्नियों के लिए है जो एक दूसरे को उपयोग और भोग की वस्तु समझते है, एक दूसरे के साथ केवल स्वार्थ की दृष्टि से रहते है ,इनको नरक में मारा जाता है और यह काम तीव्र गति से चलता है।

4. असितापत्रम नरक:

जो लोग गैरजिम्मेदार होते है या अपने कर्तव्य से भागते है ,उनलोगो को चाकू से छलनी करके उन्हें यातना दी जाती है।

5. कलसूत्रम नरक:

इस नरक में उन आत्माओं को लाया जाता है ,जिन्होंने बड़ो का आदर ,सम्मान कभी ना किया हो ,उनको तब तक गर्म जगह पर रखा जाता है ,जबतक उनकी सजा का  समय समाप्त नहीं हो जाता

6. सुकरमुखम नरक:

यहाँ उनलोगो को लाया जाता है ,जो दुसरो को अपने इशारे पर नचाते है ,उनके साथ बुरा बर्ताव करते है ,अपने निजी स्वार्थ के लिए उनसे सब काम करवाते है।

7. वैतरणी नरक:

गरुड़ पुराण में बताया गया है की मृत्यु के बाद आत्मा को गंतव्य स्थान पहुंचने के लिए वैतरणी नदी को पार करना पड़ता है। यह नदी मानव मलमूत्र ,मरे हुए कीड़ो ,मांस एवम हड्डीओं से भरी होती है।  कहते है जिन्होंने अत्यंत पाप किये हो ,जिन्होंने अपनी ताकत का दुरूपयोग करके दुसरो को हानि पहुंचाई हो ,उनलोगो की आत्मा को मृत्यु के पश्चात् यह नदी के घटको पर जीवन जीना होता है।

8. तप्तमूर्ति नरक:

आग में जलने वाले इस नरक में बहुमूल्य रत्नों सोना ,चांदी ,हीरे ,जवेरात आदि की चोरी करने वाले लोगो को इस तप्तमूर्ति नरक की आग में रखा जाता है।

9. पुयोड़कम नरक:

शास्त्रों के वर्णन अनुसार यह नरक एक प्रकार के कुएं जैसा है उसमे रक्त ,मानव मल-मूत्र और अन्य गन्दी धृणित वस्तुओ से भरा होता है। यहाँ इनलोगो की आत्माओ को रखा जाता है ,जो बिना विवाह किए शारीरिक संबंध रखते है ,और फिर उनसे विश्वासघात करते है।

10. अविसि नरक:

यह नरक में उनलोगो को फेका जाता है जो झूठ बोलके दूसरे को फसाते है,उनको बहुत ऊंचाई से निचे फेका जाता है।

11. ललाभक्षम नरक:

जो लोग दुसरो के साथ जबरजस्ती इनके मर्ज़ी के विरुद्ध शारीरिक संबंध बनाते है ,उनको इस नरक के भीषण कुएं में रखा जाता है ,जब तक की सजा की अवधि समाप्त न हो जाये।

12. महावीचि नरक:

यह नरक खून तथा कांटे से भरा होता है। इसमें आत्मा काँटों से बिंधकर कष्ट पाता है ,इस नरक में गायो की हत्या करनेवालों को रखा जाता है।

13. विलपक नरक:

जिन्होंने अपने पुरे जीवन में मदिरा पान किया हो ऐसे ब्राह्मण इस नरक की आग में रखे जाते है।

14. शाल्मलि नरक:

इस नरक में इन स्त्रीओ को जलते हुये काँटों को आलिंगन करना पड़ता है,जिन स्त्री ने पर पुरुष के साथ अनैतिक सम्बन्ध बनाये हो।

15. वज्रा कुठार नरक:

पेड़ काटने वालो को इस नरक में वज्रो से पिसा जाता है।

16. दुर्धर नरक:

यह नरक बिच्छू से भरा हुआ है ,ब्याज का धंधा करने वाले सूदखोरो को यहाँ लाया जाता है।

गरुड़ पुराण में ऐसे ८४ लाख नरक का वर्णन मिलता है। तो सोचिए ,बुरे कर्म से मृत्यु के बाद भी कितनी यातनाए सहनी पड़ती है। अगर हम पुण्य कर्म करे, तो बुरे कर्म  को कम किया जा सकता है।

हम आशा करते है, यह १६ नरक का संक्षिप्त वर्णन आपको अच्छा लगा होगा ,अंत तक बने रहने के लिए,

नरक कितने हैं?

गरुड़ पुराण के अनुसार ८४ साल नरक होते है।

नरक में जाकर क्या होता है?

गरुड़ पुराण के अनुसार नरक में हमे हमारी कर्मो की सजा भोगनी पड़ती है। इसके लिए अलग-अलग नरको का वर्णन बताया गया है।

नरक का अर्थ क्या है?

नरक का अर्थ यह है की व्यक्ति जीते जी जो कर्म करता है। इसकी सजा उसे नरक लोक में उसके किये गए कर्मो के आधार पर दी जाती है। नरक लोक में बुरे कर्म ककिये जाने पर ,उबलते तेल में डालना ,जलती आग में डालना ,उचाई से निचे फेकना ,वज्र से पीटने जैसी सजाए हमे भोगनी पड़ती है।

Author: adminMBC

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