शरद पूर्णिमा 2022
शरद पूर्णिमा -जिस दिन चन्द्रकिरणों से मिलेगा आरोग्य लाभ, दीपदान कर करे दु:ख-दारिद्र्य की छुट्टी , श्रीकृष्ण ने रचाया था महारास और श्रीलक्ष्मीजी के आठ स्वरूप के पूजन कर करे जीवन को धन-धान्य से परिपूर्ण
शरद (कोजागरी) पूर्णिमा : 9 अक्टूबर, रविवार को
भारतीय संस्कृति के सनातन धर्म में आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा का प्रमुख पर्व हर्षोल्ïलास के साथ मनाया जाता है। शरद पूर्णिमा के पर्व को कौमुदी उत्सव, कुमार उत्सव, शरदोत्सव, रास पूर्णिमा कोजागरी पूर्णिमा
कौन से पाठ से मिलेगी समृद्धि—श्रीसूक्त, श्रीकनकधारास्तोत्र, श्रीलक्ष्मीस्तुति, श्रीलक्ष्मी चालीसा का पाठ करना एवं श्रीलक्ष्मीजी का प्रिय मन्त्र ॐ श्रीं नम:’ जप करना अत्यन्त फलदायी माना गया है।
शरदपूर्णिमा पर भगवान श्रीकृष्ण ने रचाया था महारास
पौराणिक मान्यता के मुताबिक भगवान श्रीकृष्ण ने आश्विन शुक्लपक्ष की पूॢणमा तिथि के दिन यमुना तट पर मुरली वादन करके असंख्य गोपियों के संग महारास रचाया था। जिसके फलस्वरूप वैष्णवजन इस दिन व्रत उपवास रखते हुए इस उत्सव को मनाते हैं। इस दिन वैष्णवजन खुशियों के साथ हर्ष, उमंग, उल्लास के संग रात्रि जागरण भी करते हैं। इस पूॢणमा को ‘कोजागरी पूर्णिमा ’ भी कहा जाता है।
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