Home 2022 न हो भर्मित,करवा चौथ पर बन रहे हैं विशेष संयोग, निसंकोच रखें व्रत,करें शुक्र अस्त पर भी उद्यापन

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न हो भर्मित,करवा चौथ पर बन रहे हैं विशेष संयोग, निसंकोच रखें व्रत,करें शुक्र अस्त पर भी उद्यापन

न हो भर्मित,करवा चौथ पर बन रहे हैं विशेष संयोग, निसंकोच रखें व्रत,करें शुक्र अस्त पर भी उद्यापन

ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र आकांक्षा श्रीवास्तव
 इस बार करवा चौथ पर चंद्रोदय यानि  चांद निकलने समय रात 7 बजकर 53 मिनट पर है।
महिलाओं को इस समय तक निर्जला व्रत रहना है। करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 01 मिनट से 07 बजकर 53 मिनट तक है।
करवा चौथ का त्योहार सरगी के साथ शुरू होता है। सरगी करवा चौथ के दिन सूर्योदय से पहले खाया जाता हैl
इस वर्ष बहुत से शास्त्रीय नियमों का हवाला देकर तारा डूबने के कारण करवा चौथ पर उद्यापन करने के लिए मना करके भ्रमित किया जा रहा है और जनसाधारण को असमंजस में डाल दिया है। यह तर्कसम्मत नहीं है। इसके विपरीत इस बार करवा चौथ पर विशिष्ट संयोग बन रहे हैं जिन्हें कई विद्वान बिना देखे ही शुक्रास्त के चक्कर में , नजरअंदाज किए जा रहे हैं। इस दिन रोहिणी तथा कृतिका नक्षत्र के अलावा सिद्धि योग भी बन रहा है।
रोहिणी नक्षत्र चंद्रमा का सबसे शुभ नक्षत्र माना गया है। शुक्र या गुरु अस्त होने पर ज्योतिषीय दृष्टि से विवाह जैसे मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं न कि सभी त्योहार। करवा चौथ तो जीवन साथी की दीर्घायु ,स्वस्थ जीवन,व्रत रखने,उपहार देने,उद्यापन करने जैसी परंपराएं निभाने केइस वर्ष बहुत से शास्त्रीय नियमों का हवाला देकर तारा डूबने के कारण करवा चौथ पर उद्यापन करने के लिए मना करके भ्रमित किया जा रहा है और जनसाधारण को असमंजस में डाल दिया है। यह तर्कसम्मत नहीं है।
इसके विपरीत इस बार करवा चौथ पर विशिष्ट संयोग बन रहे हैं जिन्हें कई विद्वान बिना देखे ही शुक्रास्त के चक्कर में , नजरअंदाज किए जा रहे हैं। इस दिन रोहिणी तथा कृतिका नक्षत्र के अलावा सिद्धि योग भी बन रहा है। रोहिणी नक्षत्र चंद्रमा का सबसे शुभ नक्षत्र माना गया है। शुक्र या गुरु अस्त होने पर ज्योतिषीय दृष्टि से विवाह जैसे मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं न कि सभी त्योहार।

करवा चौथ तो जीवन साथी की दीर्घायु ,स्वस्थ जीवन,व्रत रखने,उपहार देने, जैसी परंपराएं निभाने केलिए है जिसमें तारा डूबने के कारण इस पर कोई रोक  नहीं है।

Author: adminMBC

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