संकटो पर विजय के लिए करिये है ये पूजा, जाना जाता है इसे संकष्टी चतुर्थी के नाम
संकटो पर विजय के लिए करिये है ये पूजा, जाना जाता है इसे संकष्टी चतुर्थी के नाम
हिंदू धर्म में भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है जिसका अर्थ है सभी कठिनाइयों को दूर करने वाला। सभी देवताओं में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि भगवान गणेश की पूजा करने से सभी कार्य पूरे होते हैं। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकट चौथ कहा जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है और सभी बाधाएं दूर होती हैं। साथ ही घर में सुख-समृद्धि आती है।
जानिए शुभ मुहूर्त
संकष्टी चतुर्थी का व्रत गुरुवार, 13 अक्टूबर को सुबह 01:59 बजे शुरू होगा और शुक्रवार 14 अक्टूबर को सुबह 03:08 बजे तक चलेगा।सं
संकष्टी चतुर्थी की व्रत एवं पूजा विधि
व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर भगवान गणेश की पूजा करने के लिए एक छोटी सी चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं और उस पर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें। गणेश जी का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें, फिर हाथ में रोल, अक्षत और फूल लेकर मंत्र का जाप करें। संकष्टी व्रत की मुख्य पूजा शाम को की जाती है। रात्रि में भगवान गणेश की विधिवत पूजा के बाद चंद्रमा का दर्शन करना चाहिए, फिर चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए और उपवास या पूजा के दौरान हुई गलती के लिए क्षमा मांगना चाहिए। इस दिन चतुर्थी व्रत कथा का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन चतुर्थी व्रत की कथा का पाठ करना बहुत फलदायी होता है।
ये है व्रत का कथा
एक दिन माता पार्वती भगवान शिव के साथ नदी के किनारे बैठी थीं। उन्हें चोपड़ खेलने की इच्छा हुई, लेकिन उनके अलावा कोई तीसरा व्यक्ति नहीं था, जो यह तय करे कि खेल में किसकी जीत हुई और किसकी हार हुई। ऐसे में माता पार्वती और शिव ने एक मिट्टी की मूर्ति को जीवन देकर उसे न्यायाधीश की भूमिका दी। माता पार्वती खेल में तीन से चार बार विजयी हुईं, लेकिन एक बार लड़के ने गलती से माता पार्वती को हरा दिया और भगवान शिव को विजयी घोषित कर दिया।
इस पर पार्वती उनसे नाराज हो गईं। क्रोधित पार्वती जी ने उसको लंगड़ा बना दिया। उन्होंने माता से माफी मांगी, लेकिन उन्होंने कहा कि अब श्राप वापस नहीं लिया जा सकता है, लेकिन एक उपाय है। संकष्टी के दिन कुछ लड़कियां यहां पूजा के लिए आती हैं, उनसे व्रत और पूजा की विधि पूछना। आप भी ऐसे ही व्रत और पूजा करें। उन्होंने वैसा ही किया जैसा माता पार्वती ने कहा था। उनकी पूजा से प्रसन्न होकर भगवान गणेश उनके कष्ट दूर करते हैं।
Leave a Reply