कथा चौथा दिन : 33 करोड़ देवी-देवताओं के पूजा का फल मिलता है देवाधिदेव महादेव की बेल पत्र पूजा से
कथा चौथा दिन
33 करोड़ देवी-देवताओं के पूजा का फल मिलता है देवाधिदेव महादेव की बेल पत्र पूजा से
कार्तिक पूर्णिमा की चतुर्थी पर आज करवा चौथ के दिन प्रख्यात कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने कहा कि संसार के प्रत्येक प्राणी को उसके कर्मो का फल अवश्य मिलता है, उसके बुरे कर्मों के लेख को केवल कालो के काल महाकाल (महादेव) ही मिटा सकते हैं, उनकी पूजा से 33 करोड़ देवी देवताओं की पूजा का फल प्राप्त होता है। भक्त जब तक महादेव का स्मरण करता रहता है तब तक उसे यमराज भी नहीं छू सकते हैं। काशी में विट्ठलेश सेवा समिति तत्वाधान में विश्व सुन्दरी पुल के पास (रमना) में आयोजित ज्ञानवापी शिव महापुराण कथा के चौथे दिन भक्तों को महादेव की कथामृत का पान करा रहे थे।
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आगे कहा कि मनुष्य को सदैव अच्छे कर्म ही करना चाहिये क्योंकि कर्म का फल शरीर को ही भोगना पड़ता है। पत्नी, बच्चे, माता- पिता उसे अस्पताल पहुंचा सकते है, दवा दें सकते है किन्तु उनकी पीड़ा उन्हें ही भुगतनी होगी । आपने कहा कि माँ के गुण बेटे में अंदर पिता का गुण बेटी में अवश्य आता है। पिता अहंकारी होगा तो बेटी भी अहंकारी होगी इसलिये माता सती का अहंकार कम करने के लिये भगवान शिव उन्हें कुम्बज के पास कथा श्रवण कराने के लिए ले गये थे क्यों कि उनके ससुर प्रजापिता अहंकारी थे। भगवान शिद ने माता पार्वती को हर जन्म में स्वयं कथा सुनायी थी। गर्भ में भी उनकी कथा सुनने से वेदव्यास सहित एक से एक, विद्वान हुये
करवा चौथ व्रत का महत्व बताते हुये पं. प्रदीप मिश्रा ने कहा कि आज के दिन व्रत करने वाली माताओं-बहनों के अखण्ड सौभाग्य की रचना स्वयं यमराज करते हैं। उन्होंने माता पार्वती की सहेली करवा को यह आशीर्वाद दिया था। भारतीय नारी की प्रतीक है माँ करवा । विदेश में पति की मृत्यु पर स्त्रियां शव पर पंखे चलाती है ताकि क़ब्र ठण्डी हो और वह शीघ्र दुसरा विवाह कर सकें। यहाँ
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