वैदिक पंचांग : अक्षय फल प्राप्ति के इस समय करें आज जप, ध्यान, दान व पुण्यकर्म
दिनांक – 17 अक्टूबर 2022
दिन – सोमवार
विक्रम संवत – 2079
शक संवत -1944
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद ॠतु
मास – कार्तिक
पक्ष – कृष्ण
तिथि – सप्तमी सुबह 08:06 तक तत्पश्चात अष्टमी
नक्षत्र – पुनर्वसु 18 अक्टूबर प्रातः 04:49 तक तत्पश्चात पुष्य
योग – शिव शाम 04:51 तक तत्पश्चात सिध्द
राहुकाल – सुबह 07:30 से सुबह 09:00 तक
सूर्योदय – 06:17
सूर्यास्त – 17:43
दिशाशूल – पूर्व दिशा में
व्रत पर्व विवरण – कालाष्टमी, संक्रांति (पुण्यकाल : दोपहर 12:24 से सूर्यास्त तक)
संक्रांति
17 अक्टूबर 2012 सोमवार को संक्रांति (पुण्यकाल : दोपहर 12:24 से सूर्यास्त तक) इसमें किया गया जप, ध्यान, दान व पुण्यकर्म अक्षय होता है ।
ज्योतिषचार्य . डॉ उमाशंकर मिश्र
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