काशी के प्रसिद्ध अन्नपूर्णा मंदिर में धनतेरस से स्वर्णमयी अन्नपूर्णा के दर्शन की तैयारियां हुई शुरू, जानिए क्या है तिथि और परम्परा
– उदया तिथि के मान के कारण स्वर्ण विग्रह का दर्शन 23 अक्टूबर से
– मंदिर प्रबंधन के साथ आलाधिकारियो ने किया मौका मुआयना
स्वर्णमयी अन्नपूर्णा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने मंगलवार की शाम को मंदिर के महंथ संग बैठक कर मौका मुआयना किया साथ ही मंदिर के महंथ शंकर पूरी से मंदिर द्वारा किये गये भक्तों के सुरक्षा के इंतजामात के बारे में जाना।
पुलिस अधिकारियों ने श्रद्धालुओं की भीड़ और दर्शन पूजन की व्यवस्थाओं के बारे में वार्ता करते हुए पूरी जानकारी ली और मातहतों को इसके अनुसार ही इंतजाम करने के निर्देश भी दिए। भारी भीड़ के मद्देनजर मंदिर पहुंचे अधिकारीगण भक्तों के मंदिर में प्रवेश व निकास द्वार को भी जाँचा । हर वर्ष मंदिर में लगाई जाने वाली अस्थायी सीढ़ियों को देखा और उसके बारे में भी विस्तृत जानकारी ली।अधिकारियों ने मंदिर में बने कंट्रोल रूम को भी देखा जहाँ सुरक्षा बाबत लगभग दो दर्जन कैमरे पहले से लगाए गए हैं। उक्त मौक़े पर डीसीपी ने कहा कि आने वाले भक्तो को सुगम दर्शन कराना ही प्रशासन की प्राथमिकता होगी।
बैठक में ये रहे
डीसीपी काशी जोन आर एस गौतम,एसीपी दशाश्वमेध समेत चौक और दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के प्रभारी, प्रोफेसर डॉ राम नारायण द्विवेदी, प्रबन्धक काशी मिश्रा व के डी दूबे
ये है परम्परा
काशी पुराधीश्वरी मां अन्नपूर्णा के स्वर्ण विग्रह का दर्शन 23 अक्टूबर से होगा। धनतेरस की भोर में आरती के बाद मंदिर के पट भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे। काशी का अन्नपूर्णा मंदिर देश का एकमात्र देवी मंदिर है जहां धनतेरस से अन्नकूट तक मां के खजाने का वितरण होता है। अन्नपूर्णा मंदिर से मिलने वाले सिक्के और धान के लावे को लोग तिजोरी और पूजा स्थल पर रखते हैं। भक्तों के लिए वर्ष में सिर्फ चार दिन खुलने वाले स्वर्ण अन्नपूर्णा मंदिर में दर्शन और उनका खजाना प्राप्त करने की इच्छा लोगों को सैकड़ों-हजारों किलोमीटर दूर से काशी खींच लाती है।
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