वर्ष के अंतिम सूर्य ग्रहण, इस दिन धनु राशि में छः ग्रह सूर्य, चन्द्रमा बुध, गुरु, शनि एवं केतु रहेंगे उपस्थित जानिए इसका परिणाम
वर्ष 2022 तथा विक्रम संवत् 2079 के अन्तिम सूर्यग्रहण के रूप में कार्तिक कृष्ण, अमावस्या, 25 अक्टूबर, मंगलवार को दिखाई देगा। यह ग्रहण चित्रा/स्वाती नक्षत्र एवं तुला राशि पर लगेगा, जिसकी वजह से धनु राशि विशेष प्रभावित होगी। इस दिन धनु राशि में छः ग्रह सूर्य, चन्द्रमा बुध, गुरु, शनि एवं केतु उपस्थित रहेंगे। जिनका जन्म धनु राशि एवं मूल नक्षत्र में है, उनके लिए यह ग्रहण शुभ फलदायी नहीं है उन्हें यह ग्रहण बिल्कुल नहीं देखना चाहिए। ग्रहण का स्पर्शकाल भारतीय मानक समय के अनुसार 25 अक्टूबर, मंगलवार को सायं 4 बजकर 23 मिनट , ग्रहण का मध्य सायं 5 बजकर 28 मिनट पर ग्रहण का मोक्षकाल सायं 6 बजकर 25 मिनट पर होगा। ग्रहण के स्पर्श, मध्य एवं मोक्ष के समय स्नान करना चाहिए।
ये है स्पर्श और मोक्ष का समय
काशी में खण्डग्रास रूप में दृश्य होगा। ग्रहण का स्पर्श प्रातः 8 बजकर 20 मिनट पर होगा। ग्रहण का मध्य प्रातः 9 बजकर 40 मिनट पर तथा ग्रहण का मोक्षकाल दिन में 11 बजकर 13 मिनट पर होगा। भारतवर्ष में सूर्यग्रहण के स्पर्श के समय ग्रस्तोदित खण्ड सूर्यग्रहण कुछ ही स्थानों पर दिखाई पड़ेगा। देश के अलग-अलग सूर्योदय से मोक्षकाल का समय भी अलग-अलग होगा। सूतक काल के आरम्भ होने के पूर्व मंदिरों के कपाट बन्द हो जाते हैं।
भारत के बाहर इन देशों में दिखेगा
सूर्यग्रहण का सूतक ग्रहण लगने से 12 घंटे पूर्व प्रारम्भ हो जाता है। खण्डग्रास रूप में पूर्वी यूरोप, दक्षिण-पूर्व एशिया, उत्तर-पूर्व आस्ट्रेलिया, सोलोमन द्वीप समूह, अफ्रीका के उत्तर-पूर्वी भाग, प्रशान्त महासागर और हिन्द महासागर के विस्तृत क्षेत्र में दृश्य है। खण्डग्रास के रूप में सूर्यग्रहण मध्य पूर्व के सऊदी अरब, बहरीन, कतर, संयुक्त अरब अमीरात ओमान, उत्तर-पूर्वी पाकिस्तान, लक्षद्वीप, अरब सागर होता हुआ दक्षिण भारत, श्रीलंका, मालद्वीप, उत्तरी सुमात्रा, दक्षिण मलेशिया, मध्य इण्डोनेशिया, पलाऊ सिंगापुर, बोर्नियों के कुछ भाग, आस्ट्रेलिया के उत्तरी भाग, मलेशिया के बाहर के कुछ देशों के भाग और गुआम में दृश्य है।
ज्योतिर्विद् विमल जैन
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