आइए जानते हैं कैसे हुआ भाई दूज के त्यौहार का आरंभ, क्या है भाई दूज की अनूठी परंपरा..
ऐसे तो पूरे देश में भैया दूज का पर्व पूरे ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। लेकिन मथुरा में भाई दूज मनाने की एक अनूठी परंपरा है। यहां भाई-बहन एक दूसरे का हाथ पकड़कर यमुना जी में स्नान करते हैं ,और एक दूसरे की लंबी आयु की कामना भी करते हैं ।स्नान के बाद पास के ही मंदिर में यमराज और यमुना जी की पूजा होती है। मथुरा में विश्राम घाट पर भाई बहन एक दूसरे का हाथ पकड़ कर स्नान करते हैं ।कहते हैं की यह वही घाट है जहां कृष्ण भगवान ने कंस का वध करने के बाद विश्राम किया था।
मान्यताओं के अनुसार धर्मराज की बहन यमुना के अंचल में भाई बहन एक दूसरे का हाथ पकड़ कर स्नान करते हैं। दूरदराज से आए, भाई बहनों का हाथ पकड़कर स्नान करने के बाद बहने अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं।
इस परंपरा के पीछे एक बहुत ही दिलचस्प कथा है..
कहते हैं कि सूर्य की पत्नी संध्या की दो संतानें थी पुत्र यम और पुत्री यमुना।सूर्य के तेज को न सह सकने के कारण संध्या ने छाया का वेश धारण किया और वह उत्तरी ध्रुव में जाकर रहने लगी तभी से यमुना धरती पर आ गई और मथुरा में रहकर कृष्ण का इंतजार करने लगीं। यहीं पर यमराज भाई दूज के दिन अपनी बहन यमुना से मिलने आए। जहां यमुना ने अपने भाई का खूब स्वागत किया, जिससे खुश होकर यमराज ने अपनी बहन यमुना से वरदान मांगने को कहा इस पर यमुना ने कहा कि भाई दूज के दिन अगर इस जगह पर भाई बहन एक दूसरे का हाथ पकड़कर स्नान करें तो आप उनको नरक से मुक्ति दे देंगे। इस पर यमराज ने यमुना को यह वरदान दिया। तभी से यहां पर भाई दूज के दिन भाई बहन एक दूसरे का हाथ पकड़ कर स्नान करते हैं। भाई दूज पर होने वाले स्नान की भारत ही नहीं परंतु पूरे देश विदेश में बड़ी ही मान्यता है। इसलिए यहां पर यमुना स्नान के लिए भाई-बहन दूर-दूर से आते हैं और एक दूसरे का हाथ पकड़कर स्नान कर यमत्राश से मुक्ति की कामना भी करते हैं ।
– शालिनी त्रिपाठी
खबरों के लिए क्लिक करें – https://innovest.co.in
यदि आप सनातनी है तो काशी की नष्ट हो रही ऊर्जा को बचाने के लिए अभियान में आप के साथ की जरूरत है। कृपया सम्पर्क करें… 9889881111, 8765000123
Leave a Reply