छठ महापर्व : बचाना चाहिए इन गलतियों से छठ पूजा के दौरान
हिन्दू धर्म में प्रत्येक व्रत त्योहार का अलग महत्व है। लोग जब पूरी श्रद्धा भाव और मनोयोग से ईश्वर का पूजन और ध्यान करते हैं तो उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। वहीं उनके द्वारा की गयी कुछ गलतियां पूजा का सही फल नहीं देती हैं। ऐसे मान्यता है कि छठ माता उनकी पूजा करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं और अच्छे फल देती हैं। छठ पूजा के दौरान कुछ गलतियों को करने से बचना चाहिए।
गंदा न रखे घर
घर को साफ़ रखना वैसे भी जरूरी होता है लेकिन मुख्य रूप से छठ पूजा के दौरान गंदगी रखने से आपको छठ पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है और मनोकामनाओं को पूर्ति भी नहीं होती है। इसलिए जहां तक संभव हो इस दौरान घर की साफ़ सफाई का ख़ास ध्यान रखें जिससे छठ माता की कृपा दृष्टि बनी रहे।
तामसिक भोजन नहीं
लोग छठ पूजा के दौरान भी तामसिक भोजन जैसे लहसुन प्याज और मांस मदिरा का सेवन करते हैं। जो घर के लिओए अच्छा नहीं होता है। यदि घर में कोई भी छठ पूजा करता हो तो किसी भी सदस्य को भूलकर भी तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। खासतौर पर इस चार दिनों के त्यौहार में मांस मदिरा के सेवन से बचना चाहिए। ऐसा न करने से छठ माता नाराज़ हो सकती हैं।
बच्चों को पूजा से रखें दूर
छठ पूजा के दौरान साफ़ सफाई बहुत जरूरी है इसलिए बच्चों को पूजा की सामग्री छूने से बचना चाहिए। छठ पूजा के दौरान बच्चों को दूर रखना ही बेहतर है जिससे कोई अशुद्धता न हो और पूजा का पूर्ण फल मिल सके।
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कलह कलेश से रहें दूर
छठ पूजा के दौरान कभी भी किसी प्रकार का लड़ाई झगड़ा नहीं करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि लड़ाई झगड़े और कालेज कलेश से घर में अशांति फैलती है और छठ माता नाराज़ हो जाती हैं। जिससे घर की सुख समृद्धि दूर हो सकती है। इस दौरान व्रती को किसी भी तरह की नकारात्मकता से दूर रहना चाहिए और किसी की बुराई करने से भी बचना चाहिए। किसी से भी अपशब्द का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
चारपाई या बिस्तर पर न सोये
छठ पूजा के दौरान मुख्य रूप से व्रती महिलाओं को बिस्तर पर सोने से बचना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि पूरे चार दिन जमीन पर सोने से छठ पूजा का पूर्ण फल मिलता है और घर की शांति बनी रहती है। व्रत के दौरान जमीन पर कपड़ा बिछाकर सोना अच्छा माना जाता है।
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सूर्य को जल देने में रखे सावधानी
आमतौर पर लोग सूरज को जल देते समय किसी भी बर्तन का इस्तेमाल करते हैं। ऐसा करना ठीक नहीं माना जाता है क्योंकि किसी भी अशुद्ध बर्तन से सूरज को जल देने से छठ माता की कृपा दृष्टि नहीं प्राप्त होती है। सूरज को जल देते समय पीतल, ताम्बे या स्टील के बर्तन का इस्तेमाल करें। वहीं इस दिन प्लास्टिक के बर्तनों का प्रयोग न करें।
शुद्धता से बनाये प्रसाद
छठ पूजा का फल प्राप्त करने के लिए जब भी प्रसाद तैयार करें इस बात का ध्यान रखें की कभी भी जूठे या अशुद्ध तरीके से प्रसाद न बनाएं। प्रसाद बनाते समय पूर्ण शुद्धता का ध्यान रखें। सफाई और शुद्धता न रखने पर सही फल प्राप्त नहीं होते हैं। छठ पूजा के दौरान यहां बताई इन सभी गलतियों को करने से बचें जिससे छठ माता की कृपा मिलने के साथ पूजा का पूर्ण फल भी मिल सके।
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