Home 2022 जानिये सबसे पहले किसने किया था छठ पूजा और क्या है इससे जुड़ीं पांडव की कथा

" मोक्ष भूमि " आपका अभिनंदन करता हैं। धार्मिक जानकारियों के लिए हमारे साथ बने रहिये।   निवेदन : " मोक्षभूमि " डेस्क को 9889940000 पर व्हाट्सअप कर निशुल्क ज्योतिष,वास्तु, तीज - त्यौहार और व्रत या अन्य समस्या का समाधान पूछ सकते हैं।

जानिये सबसे पहले किसने किया था छठ पूजा और क्या है इससे जुड़ीं पांडव की कथा



छठ व्रत की कथा के अनुसार प्रियव्रत नाम के एक राजा थे जिनकी पत्नी का नाम मालिनी थी। राजा की कोई संतान नहीं थी जिसकी वजह से राजा और रानी दोनों ही बहुत दुखी रहते थे। पुत्र प्राप्ति के लिए राजा ने महर्षि कश्यप से पुत्रेष्टि यज्ञ करवाया। इस यज्ञ के फलस्वरूप रानी गर्भवती हो गयी लेकिन 9 महीने के पश्चात् रानी को मरा हुआ बच्चा पैदा हुआ। जब यह खबर राजा तक पहुंची तो वे बहुत दुखी हुए और उन्होंने आत्महत्या का मन बना लिया।जैसे ही राजा आत्महत्या के लिए आगे बड़े वैसे ही उनके सामने एक देवी प्रकट हुई। देवी ने राजा से कहा मैं षष्ठी देवी हूँ और मैं लोगों को पुत्र का सौभाग्य प्रदान करती हूँ। देवी ने राजा से कहा की अगर तुम सच्चे मन से मेरी पूजा करोगे तो मैं तुम्हारी सभी मनोकामनमायें पूरी करूंगी और तुम्हे पुत्र रत्न दूंगी।राजा ने देवी के कहे अनुसार उनकी पूजा की। राजा और उनकी पत्नी ने कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को पुरे विधि विधान के साथ देवी षष्ठी की पूजा की और उसके फलस्वरूप उन्हें एक पुत्र की प्राप्ति हुई। तभी से छठ पर्व मनाया जाने लगा।

किसने किया –
देव माता अदिति ने की थी छठ पूजा। एक कथा के अनुसार प्रथम देवासुर संग्राम में जब असुरों के हाथों देवता हार गये थे, तब देव माता अदिति ने तेजस्वी पुत्र की प्राप्ति के लिए देवारण्य के देव सूर्य मंदिर में छठी मैया की आराधना की थी। तब प्रसन्न होकर छठी मैया ने उन्हें सर्वगुण संपन्न तेजस्वी पुत्र होने का वरदान दिया था। इसके बाद अदिति के पुत्र हुए त्रिदेव रूप आदित्य भगवान, जिन्होंने असुरों पर देवताओं को विजय दिलायी। कहते हैं कि उसी समय से देव सेना षष्ठी देवी के नाम पर इस धाम का नाम देव हो गया और छठ का चलन भी शुरू हो गया।

जानिये कौन हैं छठ व्रत में पूजित छठी मैया

जब पांडव अपना सारा राजपाट जुए में हार गए थे तो द्रौपदी ने छठ व्रत रखा था। इस व्रत के प्रभाव से उनकी मनोकामनाएं पूर्ण हुई और पांडवों को उनका राजपाट और वैभव वापस मिल गया।
वहीं एक मान्यता के अनुसार, छठ पर्व पर अ‌र्घ्य देने की शुरुआत महाभारत काल में हुई थी। सबसे पहले सूर्य पुत्र कर्ण ने सूर्य देव को जल का अ‌र्घ्य देकर यह परंपरा शुरू की। आज भी छठ में अ‌र्घ्य की यही पद्धति प्रचलित है।

छठ महापर्व : बचाना चाहिए इन गलतियों से छठ पूजा के दौरान

एक मान्यता के अनुसार, लंका पर विजय के बाद रामराज्य की स्थापना के दिन कार्तिक शुक्ल षष्ठी को भगवान राम और माता सीता ने उपवास किया और सूर्यदेव की आराधना की और सप्तमी को सूर्योदय के समय सूर्यदेव से आशर्वाद प्राप्त किया था।

इन्हें भी पढ़िए..

डाला छठ व्रत विधान : जानिये,चार दिवसीय सूर्य उपासना के इस महापर्व से कैसे मिलता हैं आरोग्य, सौभाग्य व सर्वसुख , क्या है व्रत का तरीका और पौराणिक महत्त्व

छठ पर्व की शुरुआत कैसे हुई, कैसे मनाते है यह महापर्व. और आखिर कौन हैं छठी मैया…

डाला छठ व्रत मुहूर्त : जानिए चार दिवसीय महा व्रत का मुहूर्त और किस दिन क्या होता है



खबरों के लिए क्लिक करें – https://innovest.co.in


यदि आप सनातनी है तो काशी की नष्ट हो रही ऊर्जा को बचाने के लिए अभियान में आप के साथ की जरूरत है। कृपया सम्पर्क करें… 9889881111, 8765000123


Author: Admin Editor MBC

8 Comments

  1. Pingback: जानिये चार दिवसीय महा पर्व डाला छठ में किस दिन क्या होता है - © Moksh Bhumi - Kashi

  2. Pingback: आज का पंचांग : सुबह 10.28 से चतुर्थी तिथि, इससे पूर्व 9.00बजे से राहुकाल - © Moksh Bhumi - Kashi

  3. Pingback: जिनका जन्मदिन है आज : आप अत्यधिक भावुक हैं, आप स्वभाव से शंकालु भी है जानिए अपना अगला वर्ष - © Moksh Bhumi - Kashi

  4. Pingback: आज का राशिफल : जानिए आज के दिन क्या होना है शुभ - © Moksh Bhumi - Kashi

  5. Pingback: चन्द्रग्रहण : आपके राशि पर क्या पड़ेगा ग्रहण का प्रभाव - © Moksh Bhumi - Kashi

  6. Pingback: डाला छठ : इसलिए लगाया जाता है नाक से सिंदूर - © Moksh Bhumi - Kashi

  7. Pingback: गोपाष्टमी : कब शुरू हुआ गाय पूजन, जानिए गाय के शरीर में है किन किन देवता का निवास - © Moksh Bhumi - Kashi

  8. Pingback: काल सर्प योग :जानिये आखिर काशी के ज्योतिषविदों को क्यों नहीं मानते काल सर्प योग को , क्या हैं उनका

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!