डाला छठ : आखिर क्यों नहीं पहनते सिलाई किए हुए कपड़े
कई लोगों यह बात नहीं जानते है कि आखिर क्यों महिलाएं छठ के दिन पहनती है सूती साड़ी।
सनातन धर्म में मान्यताओं के अनुसार किसी भी अनुष्ठान में सिला कपड़ा पहनना अशुभ माना जाता है। यही वजह है कि छठ पूजा में व्रती महिलाएं बिना सिलाई किए हुए ही कपड़े पहनती हैं जब कि इस त्योहार में शामिल होने वाले सभी लोग नए कपड़े पहनते हैं। ऐसे में महिलाएं सूती साड़ी पहनती है। ये परंपरा काफी सदियों से चलती आ रही है। यही वजह है कि महिला पूजा के दौरान साड़ी के साथ ब्लाउज भी नहीं पहनती है। छठ पूजा के दौरान महिलाएं साड़ी और पुरुष धोती पहनकर ही पूजा करते है। साड़ी खरीदते समय महिलाएं इस बात का खास ख्याल रखती है कि वह सिलाई की हुई साड़ी न पहने। अगर छठ का व्रत एक बार शुरू कर दिया जाए तो छठ पर्व को सालों साल तब तक करना होता है, जब तक कि घर परिवार की अगली पीढ़ी की कोई विवाहित महिला इसे करना न शुरु न कर दें।
ये है छठ पूजा का क्रम
28 अक्टूबर 2022, शुक्रवार : नहाय खाय से छठ पूजा का प्रारंभ होता है।
29 अक्टूबर 2022, शनिवार: खरना इस दिन शाम में खीर और रोटी बनती है।
30 अक्टूबर 2022, रविवार -छठ पूजा, डूबते सूर्य को अर्घ्य ये शाम के वक्त होता है।
31 अक्टूबर 2022, सोमवार, उगते हुए सूर्य को अर्घ्य, छठ पूजा का समापन, पारण का दिन।
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