Lunar Eclipse 2022 : चंद्र ग्रहण के बाद जरूर करें घर केचंद्र ग्रहण के बाद ऐसे करें घर के मंदिर की सफाई, आएगी समृद्धि
मंदिर में करें गंगाजल का छिड़काव
चंद्रग्रहण के लगभग 9 घंटे पहले से ही सूतक काल लग जाता है और इस दौरान मंदिर की पूजा या किसी भी तरह की अर्चना वर्जित होती है। ऐसे में जब भी चंद्र ग्रहण का प्रभाव पूर्ण रूप से समाप्त हो जाए तब आपको तुरंत स्नान करके साफ़ वस्त्र धारण करने चाहिए और पूरे मंदिर और सभी मूर्तियों पर गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए। ऐसा करने से चंद्र ग्रहण के किसी भी नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है।
घर के मंदिर की मूर्तियों को करें साफ़
जैसे ही चंद्र ग्रहण समाप्त हो सभी मूर्तियों की अच्छी तरह से सफाई करें। मूर्तियों की सफाई के लिए आप नींबू पानी, दही, शहद और चंदन का इस्तेमाल करें। इससे चंद्र ग्रहण के सभी दुष्प्रभाव दूर हो सकते हैं। सभी मूर्तियों को उनके वस्त्र बदलकर नए साफ सुथरे वस्त्र पहनाएं। जो भी वस्त्र सूतक के लगते वक्त भगवान ने पहने होते हैं, उन्हें दोबारा आप भूलकर भी भगवान को दोबारा न पहनाएं। मूर्तियां ही नहीं बल्कि साथ ही पूरे मंदिर की सफाई भी करनी चाहिए।
मंदिर की साज सजावट भी बदलें
ज्योतिष के अनुसार आप यदि मंदिर की सजावट करती हैं तो सूतक काल से लेकर चंद्र ग्रहण l तक के समय में जो भी सजावट मंदिर में की गई होती है उसे तुरंत बदल दें। ऐसी मान्यता है कि ग्रहण काल के बाद मंदिर में नकारात्मकता आ जाती है। इसलिए उन सभी चीज़ो को विसर्जित कर देना चाहिए जिनको आप मंदिर से बाहर निकाल सकती हैं जैसे- मंदिर में चढ़ाए गए फूल, धूप, दीप, नैवेद्य आदि मंदिर से तुरंत हटा दें।
चंद्र ग्रहण के बाद सभी भगवानों को सुसज्जित करें
जैसे ही चंद्र ग्रहण समाप्त हो सभी भगवानों के वस्त्र बदलने के साथ उनका पून श्रृंगार भी करें। ऐसा माना जाता है के यदि आप भगवानों को कुमकुम, चंदन आदि से सजाती हैं तो घर की सभी नकारात्मक ऊर्जाएं अपने आप दूर हो जाती हैं और उनकी पूजा का पूर्ण फल भी मिलता है।
चंद्र ग्रहण के बाद जरूर करें पूजन
घर के मंदिर की साफ़ सफाई के साथ ही आपको चंद्र ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव को समाप्त करने के लिए अच्छी तरह से सभी भगवानों का पूजन करना चाहिए और फूल आदि चढ़ाकर उनके सामने धूप और दीप समर्पित करें। पूजन के पश्चात सपरिवार आरती करें। इससे सभी बुरी शक्तियों के प्रभाव से बचाव हो सकता है।
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