बैकुंठ चतुर्थी : सिर्फ आज चढ़ता हैं महादेव को तुलसी और हरि को बेलपत्र, करें ये उपाय धन में होगी बरसात
आमतौर पर भगवान शिव और विष्णु जी की एक साथ उपासना बहुत कम होती है। सिर्फ बैकुंठ चतुर्दशी की तिथि पर हरि-हर की पूजा साथ करने का विधान है। बस इसी दिन शिव को तुलसी दल अर्पित किया जाता है. मान्यता है इससे देवी लक्ष्मी अति प्रसन्न होती हैं।
वहीं शास्त्रों के अनुसार बैकुंठ चतुर्दशी पर शिव की प्रिय बेलपत्र भगवान विष्णु को अर्पित की जाती है. कहते हैं ऐसा करने से हर काम में सफलता मिलती है और मृत्यु के बाद बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है।
बैकुंठ चतुर्दशी पर भगवान विष्णु को सच्चे मन से 108 या जितने कमल के फूल मिल जाएं वो अर्पित करें। भगवान शिव को भी कमल का फूल के साथ सफेद चंदन, भोग आदि लगाएं। मान्यता है इससे यमराज के प्रकोप नहीं झेलने पड़ते मोक्ष मिलता है।
ये करें उपाय
बैकुंठ चौदस के दिन 3 बेलपत्र विष्णु जी को चढ़ाएं और फिर अगले दिन इन्हें अपनी तिजोरी में रख लें। मान्यता है इससे धन की तंगी दूर होती है। आय में वृद्धि होती है। ऐसा करने से आपके घर में धन की तंगी दूर हो सकती है और साथ ही रुके हुए पैसे भी प्राप्त हो सकते हैं।
इस दिन शिव जी तो 4-5 तुलसी दल चढ़ाएं। फिर इन्हें तांबे के लौटे में जलभर कर उसमें डाल दें। इसे 24 घंटे के लिए रख दें। अगले दिन स्नान के बाद इस जल को मुख्य द्वार सहित पूरे घर में छिड़कें. इससे नकारात्मकता दूर होगी और सुख-समृद्धि आएगी।
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