ये हैं हिंदी कैलेंडर के मार्ग शीर्ष या अगहन के महीने के नाम का राज
हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के बाद मार्गशीर्ष मास प्रारंभ होता है कैलेंडर के अनुसार इस बार 9 नवंबर बुधवार से प्रारंभ होकर 8 दिसंबर 2022 गुरुवार को समाप्त होगा। आखिर इस मास का यह नाम क्यों पड़ा..
अगहन का अर्थ
दरअसल इस मास को पहले अग्रहायण कहते थे जो कालांतर में स्थानीय भाषा के समावेश के साथ अगहन कहा जाने लगा। प्राचीन वैदिक क्रम में हिंदी वर्ष का प्रारंभ अगहन मास से ही माना जाता था। अगहन का शाब्दिक अर्थ अगर अग्र यानी आगे से है। दक्षिण भारत और गुजरात में अभी भी इसी मास से वर्ष की शुरुआत मानी जाती है जबकि उत्तर भारत में चैत्र मास से।
श्री कृष्ण के प्रिय माह अगहन या मार्गशीर्ष मास में करें ये काम मिलेगा ……
मार्गशीर्ष का अर्थ
इस महीने का संबंध मृगशिरा नक्षत्र से है। ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्र हैं। इन्हीं 27 नक्षत्रों में से एक है मृगशिरा नक्षत्र। इस माह की पूर्णिमा मृगशिरा नक्षत्र में होती है। इसी वजह से इस मास को मार्गशीर्ष मास कहते है।
मार्गशीर्ष मास : हिंदी के नौवा महीने के व्रत और त्यौहार का यह हैं डिटेल
कभी इस मास से वर्ष की होती थी शुरुआत
सतयुग में देवों ने मार्गशीर्ष से ही साल शुरू किया करते थे। Vसतयुग में देवों ने मार्गशीर्ष मास की प्रथम तिथि को ही वर्ष प्रारम्भ किया था। तब खगोलीय स्थिति अनुकूल होती थीं। मार्गशीर्ष महीने में ही कश्यप ऋषि ने सुन्दर कश्मीर प्रदेश की रचना की थी। इसलिए आज भी इस पूरे महीने भजन-कीर्तन चलता रहता है। इससे भगवान प्रसन्न होते हैं।
मास का महत्व
– पुराणों के मुताबिक इस महीने कम से कम तीन दिन तक ब्रह्म मुहूर्त में किसी पवित्र नदी में स्नान करें तो उसे सभी सुख प्राप्त होते हैं।
– अभीष्ट फल प्राप्ति हेतू नहाने के बाद इष्ट देवताओं का ध्यान करना चाहिए। विधिपूर्वक गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए ।
– स्त्रियों के लिए यह स्नान उनके पति की लंबी उम्र और अच्छा स्वास्थ्य का कारण बनता हैं।
– इस महीने में शंख पूजन का भी विशेष फल प्राप्त होता हैं।
– इस मास में कृष्ण पूजा का खास महत्व होता है क्योंकि इस मास में उन्होंने गीता का ज्ञान दिया था।
– कैलेंडर के हिसाब से यह सनातन या हिंदी कैलेंडर का नौवां महीना होता है।
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