कहीं आपके पूर्वज नाराज तो नहीं ? अगहनी अमावस्या पर आज करे ये उपाय ..
ज्योतिष शास्त्र में अमावस्या तिथि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। अगहन महीने का पुराणों में भी विशेष महत्व बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि यह महीना साक्षात श्री हरि विष्णु जी का है। गीता में उन्होंने यह बताया है कि वृक्षों में मैं पीपल हूं और महीनों में मैं अगहन (मार्गशीर्ष) हूं। ऐसे महीने में जो दान पुण्य किया जाता है वह साक्षात श्री हरि विष्णु जी को प्राप्त होता है। किंतु अमावस्या के दिन किया गया दान पूर्वजों अर्थात पितरों के निमित्त होता है।
अमावस्या तिथि ….
23 नवंबर 2022 बुधवार प्रातः 6:56 से 24 नवंबर 2022 गुरुवार प्रातः 4:29 तक अमावस्या तिथि रहेगी। तथा इसमें स्नान दान का शुभ मुहूर्त प्रातः 6:56 से 8:41 तक का है।
स्नान ध्यान तथा पूजन विधि….
अमावस्या तिथि के दिन प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में स्नान आदि से निवृत होकर पूजा पाठ करके पितरों के निमित्त दान करना अधिक महत्वपूर्ण है। इस दिन के दान का विशेष महत्व होता है। यद्यपि दान तो बहुत सी वस्तुओं का किया जाता है किंतु अमावस्या के दिन अन्न, धन दान का विशेष महत्व होता है। अमावस्या के दिन किसी भी जरूरतमंद को अनाज तथा कुछ धन देकर उसे तृप्त करने का विशेष महत्व है। प्रत्येक अमावस्या के दिन ऐसा करने से धीरे-धीरे व्यक्ति के जीवन की समस्त कठिनाइयां दूर होने लगती हैं। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो कुछ भी दान नहीं कर सकते हैं तो ऐसे व्यक्ति को कम से कम अमावस्या तिथि को अवश्य ही किसी गरीब अथवा जरूरतमंद को दान देना चाहिए। इस दिन पूजा के लिए जल में काले तिल और दूध मिलाकर पीपल वृक्ष को जल चढ़ा कर उसके बाद सफेद मिठाई का भोग लगाना चाहिए। तथा सात बार पीपल वृक्ष की परिक्रमा भी करनी चाहिए।
श्राद्ध के नियम तथा महत्व..
कोई भी व्यक्ति जब अनेकों उपाय पूजा-पाठ आदि करके थक जाता है। और उसे उस पूजा-पाठ का लाभ नहीं मिलता तो उसे अपने पितरों के निमित्त दान पुण्य करना चाहिए। कहीं ना कहीं पित्र जब रुष्ट होते हैं तो व्यक्ति को जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में पित्र पूजा विशेष फलदाई सिद्ध होता है। अमावस्या तिथि को पीपल की पूजा का भी विशेष रूप से विधान है। अमावस्या के दिन जो भी भोजन बने उसे तीन हिस्सों में लगाकर गाय, कौवा और कुत्ते के निमित्त जरूर निकालना चाहिए।
कुछ विशेष ध्यान देने योग्य बातें
अमावस्या तिथि को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए जैसे कि इस दिन अपने घर के मुख्य दरवाजे की विशेष सफाई करनी चाहिए। पितरों के निमित्त दान अवश्य करना चाहिए। पीपल वृक्ष का विधि विधान पूर्वक पूजा करना चाहिए तथा अपने पितरों की फोटो के सामने हाथ जोड़कर अपने घर परिवार की खुशहाली के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। तथा अपने द्वारा किए गए जाने अनजाने में किसी भी गलती के लिए क्षमा याचना कर उनसे अपने घर की सुख तथा समृद्धि के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।
– शालिनी त्रिपाठी
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