Home 2022 काशी में भी स्थित है बाबा गोरखनाथ का मंदिर, जानिए कहां पर स्थित है यह मंदिर और क्या है इसकी विशेष

" मोक्ष भूमि " आपका अभिनंदन करता हैं। धार्मिक जानकारियों के लिए हमारे साथ बने रहिये।   निवेदन : " मोक्षभूमि " डेस्क को 9889940000 पर व्हाट्सअप कर निशुल्क ज्योतिष,वास्तु, तीज - त्यौहार और व्रत या अन्य समस्या का समाधान पूछ सकते हैं।

काशी में भी स्थित है बाबा गोरखनाथ का मंदिर, जानिए कहां पर स्थित है यह मंदिर और क्या है इसकी विशेषता?….

‌ वाराणसी एक ऐसा अद्भुत शहर है जहां हर गली, हर मोड़ पर कोई न कोई धार्मिक स्थल देखने को मिल ही जाता है। इसीलिए इसे धर्म की नगरी काशी भी कहते हैं। यह विश्व की सबसे प्राचीन शहर वाराणसी की विशेषता है। इसी क्रम में यहां गुरु गोरक्षनाथ मंदिर भी आता है। यह भव्य मंदिर 750 वर्ष पुराना है इस मंदिर को योग, जप तथा तंत्र का प्रतीक माना जाता है।

कहां पर स्थित है ये प्राचीन मंदिर…?

वाराणसी के मैदागिन क्षेत्र में यह भव्य मंदिर स्थित है। बाहर से देखने में यह मंदिर अत्यंत ही छोटा दिखाई पड़ता है। किंतु मंदिर की भव्यता अंदर जाने पर देखने को मिलती है। इस मंदिर में प्रवेश करने के बाद एक अलग तरह की दिव्य अनुभूति प्राप्त होती है। ऐसी मान्यता है कि काशी खंड में आने वाले इस मंदिर में जप तप के साथ ही तंत्र की साधना भी की जाती है।

गुरु गोरक्षनाथ मंदिर की विशेषता… ‌

गोरखपुर के गोरखनाथ पीठ से जुड़ा हुआ नाथ संप्रदाय का यह पहला मंदिर वाराणसी में स्थित है। योग, जप एवं तंत्र के प्रतिक इस मंदिर में काशी खंडोक्त बाबा विशेश्वर महादेव विराजमान है। सीढ़ियों से नीचे भूतल में मां त्रिपुर सुंदरी भी विराजमान है। तो वहीं बाई और हनुमान जी की मूर्ति के साथ आंगन में मां शीतला मैया भी अपनी भव्यता लिए विराजमान है। इस मंदिर की पौराणिक मान्यता है कि गोरक्षनाथ जी ने यहीं से नाथ संप्रदाय का प्रवर्तन किया था। यह भव्य मंदिर काशी के सिद्ध पीठों में से एक माना जाता है। नाथ संप्रदाय की परंपरा के अनुसार कई योगियों ने काशी के इसी गोरक्ष नाथ सिद्ध पीठ में रहकर तंत्र और योग के सहयोग से विभिन्न प्रकार के प्रयोग किए। इनमें से सात योगियों की समाधि भी मंदिर परिसर में बनाई गई है। यहां की ऐसी मान्यता है कि योगी बसंत नाथ जी ने मंदिर के मुख्य द्वार पर जीवित समाधि भी ली थी। उनकी समाधि गोरक्षनाथ मंदिर के मुख्य द्वार पर स्थापित की गई है।

‌ काशी के गुरु गोरक्षनाथ मंदिर में ही सरकारी मान्यता प्राप्त गुरु गोरक्षनाथ संस्कृत विद्यालय भी है। जिसका पूरा संचालन मंदिर समिति द्वारा ही किया जाता है। और यहां बटुक छात्रों को शिक्षित किया जाता है। तथा उन्हें भी जप, तप एवं योग की संपूर्ण शिक्षा प्रदान की जाती है।

– शालिनी त्रिपाठी


उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। अन्य लेख पढ़ने के लिए साथ ही अपनी सुझाव संग पसंद – नापसंद जरूर बताएं। साथ ही जुड़ें रहें हमारी वेबसाइट ” मोक्ष भूमि – काशी ” के साथ। हमारी टीम को आपके प्रतिक्रिया का इन्तजार है। 9889881111



नवीनतम

जानिए, विद्वान और शिव भक्त रावण की पूरी बातें

जानिए, अग्नि देवता की पूरी बातें, स्वाहा से संबंध इनके पुत्र पुत्रियों का नाम

रत्न : जानिए मूंगा रत्न पहनने के क्या क्या है लाभ

एस्ट्रो टिप्स : घर के मंदिर में माचिस क्यों नहीं रखनी चाहिए ? परिणाम भी जाने

नदी : ऋग्वेद में सबसे पवित्र नदी किसे बताया गया है, कहां है ये नदी

विदेश में मंदिर : क्यों दुनिया में ख़ास है दुबई का जेबेल अली में पूजा गांव

आध्यात्म : क्या सच में हिन्दू धर्म में 33 करोड़ देवी देवता हैं ?

वास्तु : अपार धन दौलत के लिए मंगलवार को करें ये चमत्कारी उपाय

साप्ताहिक राशिफल : 21 से 27 नवम्बर

जानिए, करियर में सफलता के लिए कौन सा रुद्राक्ष करे धारण

काशी के दुर्लभ मंदिर : हयग्रीव केशव, भक्त और भगवान की कड़ी

करिये सूर्य की उपासना पाइये बल और तेज के साथ सुख और समृद्धि

सोम प्रदोष व्रत 21 नवम्बर : भगवान भोलेनाथ की कृपा से होगी सुख-सौभाग्य में अभिवृद्धि सोम प्रदोष व्रत से मिलेगा आरोग्य सुख

एकादशी तिथि का आध्यात्म एवं ज्योतिष में का महत्त्व


आज का राशिफल

राशिफल : 25 नवंबर 2022

राशिफल : 23 नवंबर 2022

राशिफल 22 नवंबर 22 – ग्रहओं के चाल से ऐसा रहेगा आप का आज का दिन


दैनिक पंचांग

पंचांग : 25 नवंबर 2022

पंचांग : 23 नवंबर 22


जन्मदिन राशिफल

आपका जन्मदिन : 25 नवंबर 2022

जन्मदिन दिन : आज पैदा हुए जातक जाने अपना शुभ रंग, अंक और महीना

जन्म दिन 22 नवंबर 22 – आज जन्मे जातक जिद्दी, कुशाग्र बुद्धि वाले और साहसी…

21 नवंबर 22 : जानिए जिनका आज जन्मदिन है उनका कैसा रहेगा यह वर्ष


साप्ताहिक राशिफल

साप्ताहिक राशिफल : 21 से 27 नवम्बर

साप्ताहिक राशिफल : ये है इस सप्ताह 14 से 20 नवम्बर का ग्रह चक्र, जानिये…

व्रत – त्यौहार

उत्पन्ना एकादशी : आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व्रत के नियम तथा महत्व..

मार्गशीर्ष मास : हिंदी के नौवा महीने के व्रत और त्यौहार का यह हैं डिटेल

काशी में जब राक्षसी बन जाती है एक दिन की देवी , प्रसाद में चढ़ता है बैगन और मूली


– वास्तु – टोटका

वास्तु : अपने घर या प्रतिष्ठान में लगाए कुबेर का पौधा, ये मिलेगा चमत्कारी परिणाम

वास्तु : जानिये काले चावल के उपाय जो आप में ला देगा बदलाव

वास्तु : अपने घर या प्रतिष्ठान में लगाए कुबेर का पौधा, ये मिलेगा चमत्कारी परिणाम

वास्तु : घोड़ा के नाल से न सिर्फ सुख-समृद्धि आती है बल्कि बचाती है बुरी नजर से भी

यदि आपके दाम्पत्य जीवन में है कुछ खटास तो करें ये उपाय, होगा सुखी वैवाहिक जीवन

परेशानियों से छुटकारा का उपाय है पवित्र पीपल पेड़, जानिए क्या है उपाय


– इन्हें भी जानिए

जानिए पूजा का सही समय …आखिर दोपहर के समय पूजा क्यों नहीं करनी चाहिए?

जानिये नवंबर माह 2022 के तीज-त्यौहार और उसके मुहूर्त

गोपाष्टमी : कब शुरू हुआ गौ पूजन, जानिए गाय के शरीर में है किन किन देवता का हैं निवास


जिन्हें ज्यादा पढ़ा गया

प्राचीन मंदिर : अपने माँ के पापों के प्रायश्चित के लिए गरुण ने स्थापित किया था गरुड़ेश्वर महादेव को

काशी का अदभुत लोटा भंटा मेला : जहाँ श्रद्धांलु भगवान शिव को चखाते है बाटी चोखा का स्वाद

काशी में एक स्थान ऐसा भी जहां स्वयं भगवान शिव के मंत्रोच्चार से होती है मोक्ष की प्राप्ति


मानो न मानो

आखिर जेठ के तपती दुपहरियां में बगीचे में वो कौन थी….

वह बूढ़ा…


खबरों के लिए क्लिक करें – https://innovest.co.in


यदि आप सनातनी है तो काशी की नष्ट हो रही ऊर्जा को बचाने के लिए अभियान में आप के साथ की जरूरत है। कृपया सम्पर्क करें… 9889881111, 8765000123


डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। जानकारी पूरी सावधानी से दी जाती हैं फिर भी आप पुरोहित से स्पस्ट कर लें।

Author: Admin Editor MBC

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!