Gita Jayanti 2022: आज मनाये जाने वाला गीता जयंती क्या हैं , मनाये जाने की वजह और महत्व
हिंदू धर्म में ढेरों तीज-त्यौहार मनाए जाते हैं, मगर कुछ पर्व ऐसे होते हैं जो बेशक बहुत धूमधाम से न मनाए जाएं मगर उनका धार्मिक महत्व बहुत होता है। गीता जयंती भी ऐसे ही त्यौहारों में से एक है।
गीता जयंती का पर्व भगवत गीता के संदर्भ में मनाया जाता है। यह दिन भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए बहुत ही खास होता है। इस पर्व पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने वाले और गीता का पाठ करने वालों को शुभ फल प्राप्त होते हैं।
कब होती है गीता जयंती
गीता जयंती मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन पड़ती है। इस बार 3 दिसंबर यानि शनिवार के दिन यह पर्व पड़ेगा। आपको बता दें कि मार्गशीर्ष मास को ही अगहन मास कहा जाता है और इस दिन को गीता जयंती के साथ-साथ अगहन एकादशी भी कहा जाता है।
क्या है गीता जयंती का महत्व
महाभारत के युद्ध के दौरान भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता के उपदेश सुनाए थे। ऐसी मान्यता है कि गीता जयंती के दिन ही ही गीता का निर्माण हुआ था। इसलिए यह माह श्रीकृष्ण को भी बहुत प्रिय है। ऐसा कहा जाता है कि गीता जयंती के दिन अगर आप गीता का पाठ करते हैं, तो आपको बहुत ही अच्छे फल प्राप्त होते हैं।
गीता पढ़ने के फायदे जानें
गीता का अगर आप नियमित पाठ करती हैं, तो आपका मन शांत बना रहता है और सारे काम बनते जाते हैं।
गीता का पाठ करने से व्यक्ति के काम, क्रोध, लोभ और मोह मुक्त हो जाता है। ऐसे ही लोगों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मना चलायमान होता है और अगर आप मन नियंत्रण में रखना चाहती हैं तो आपको गीता का पाठ रोज करना चाहिए।
गीता आपको सच और झूठ का ज्ञान कराती है। जब आपको यह ज्ञान हो जाता है, तब आप हमेशा विजय होते हैं।
अच्छे और बुरे की समझ ही व्यक्ति को परिपक्व बनाती है। गीता का पाठ करने से आपके अंदर अच्छे और बुरे में फर्क करने की क्षमता आ जाती है।
गीता का पाठ करने से व्यक्ति के अंदर का आत्मबल बढ़ता है।
सकारात्मक ऊर्जा व्यक्ति के जीवन में मधुरता का संचार करती है, अगर आप गीता का पाठ नियमित करती हैं तो आपके जीवन में हमेशा खुशियां बनी रहती हैं।
अगर आपको किसी से भय लगता है या फिर कोई चिंता आपको सता रही है, तो आपको आपको गीता का पाठ जरूर करना चाहिए क्योंकि इससे आपका डर दूर होता है।
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