Home 2022 उपाय : शनि के प्रकोप से बचाती शक्ति की प्रतिमूर्ति मां काली

" मोक्ष भूमि " आपका अभिनंदन करता हैं। धार्मिक जानकारियों के लिए हमारे साथ बने रहिये।   निवेदन : " मोक्षभूमि " डेस्क को 9889940000 पर व्हाट्सअप कर निशुल्क ज्योतिष,वास्तु, तीज - त्यौहार और व्रत या अन्य समस्या का समाधान पूछ सकते हैं।

उपाय : शनि के प्रकोप से बचाती शक्ति की प्रतिमूर्ति मां काली

आज शनिवार है और शनि को संचालित करने वाली देवी हैं माता काली, ऐसे में माता काली ही लोगो को शनि के प्रकोप से बचा सकती हैं। आपने शनिदेव को प्रसन्न करने के कई उपायों के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि शनि का आशीर्वाद पाने के लिए माता काली का आशीर्वाद भी होना जरुरी है। दुष्टों का संहार करने वाली मां काली हिंदू धर्म में शक्ति स्वरूपा मां काली की उपासना का अलग ही महत्व है। तो आइए जानते हैं मां काली के विषय में कुछ विशेष बातें साथ ही उनकी उपासना के बारे में,

दो तरीके से होती है मां काली की पूजा

एक सामान्य और दूसरी तंत्र पूजा। सामान्य पूजा कोई भी कर सकता है, पर तंत्र पूजा बिना गुरू के संरक्षण और निर्देशों के नहीं की जा सकती। आराधना में कुछ विशेष बातों का अवश्य ध्यान रखना चाहिए। साफ-सफाई और शुद्धता के अलावा विशेष मुहूर्तों में मां की आराधना करने का श्रेष्ठ समय मध्य रात्रि या अमावस्या का होता है काली की उपासना सही समय मध्य रात्रि का होता है। इनकी पूजा में लाल और काली वस्तुओं का विशेष महत्व है।

पूजा विधि

आप घर के मंदिर में मां काली की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। इसपर तिलक लगाएं और पुष्प आदि अर्पित करें, मां काली की पूजा में पुष्प लाल रंग का और कपडे काले रंग के होने चाहिए।

1- एक आसन पर बैठकर प्रतिदिन मां काली के किसी भी मंत्र का 108 बार जप करें। काली गायत्री मंत्र या मां के बीज मंत्रों का जप करना बेहद फलदायी माना जाता है।

2- जप के बाद प्रसाद के रूप में मां काली को भोग अवश्य अर्पण करें। अपनी इच्छा पूरी होने तक इस प्रयोग को जारी रखें। यदि आप विशेष उपासना करना चाहते हैं तो सवा लाख, ढाई लाख, पांच लाख मंत्र का जप अपनी सुविधा अनुसार कर सकते हैं।

ज्ञान और सिद्धी की प्राप्त के लिए मंत्र

मां को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष मंत्रों का भी प्रयोग कर सकते हैं। यह शास्त्रों में वर्णित हैं और इन्हें काफी असरदार माना जाता है। परंतु इस बात का विशेष ध्यान रखें कि मंत्रोच्चारण शुद्ध होना चाहिए ।

“ह्रीं” और “क्रीं” मंत्र का प्रयोग फलकारी माना गया है। इसके अलावा घर पर प्रतिदिन “क्रीं क्रीं क्रीं स्वाहा” मंत्र का 108 बार जप करने से सभी दुखों का निवारण करके घन-धान्य की वृद्धि होती है। इसके जप से पारिवारिक शांति भी बनी रहती है।

“ॐ क्रीं क्रीं क्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं स्वाहा:” मां काली को समर्पित एक बेहद शक्तिशाली मंत्र है जिसका जाप नवरात्रों के विशेष मौके पर करना चाहिए।

काली की पूजा-उपासना से भय खत्म होता है। इनकी अर्चना से रोग मुक्त होते हैं। राहु और केतु की शांति के लिए मां काली की उपासना अचूक है मां अपने भक्तों की रक्षा करके उनके शत्रुओं का नाश करती हैं। इनकी पूजा से तंत्र-मंत्र का असर खत्म हो जाता है। इसके साथ ही शनि को संचालित करने वाली देवी होने के कारण माता काली शनि के प्रकोप पर भी लगाम लगाती हैं।

– सौम्या सिंह


उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। अन्य लेख पढ़ने के लिए साथ ही अपनी सुझाव संग पसंद – नापसंद जरूर बताएं। साथ ही जुड़ें रहें हमारी वेबसाइट ” मोक्ष भूमि – काशी ” के साथ। हमारी टीम को आपके प्रतिक्रिया का इन्तजार है। 9889881111



नवीनतम

क्यों होता है राहु खराब ? क्या देता हैं परिणाम…राहु ग्रह खराब होने पर होता हैं ये रोग

Gita Jayanti 2022: आज मनाये जाने वाला गीता जयंती क्या हैं , मनाये जाने की वजह और महत्व

सरकारी पहल : शीघ्र ही काशी में 100 भव्य स्तंभों का निर्माण से होगा पौराणिक मंदिरों की पहचान

रत्न : मूंगा रत्न पहनने से पहले जाने इसकी खासियत

दिसम्बर मासिक राशिफल : मिथुन और कर्क राशि के जातको का ऐसा रहेगा दिसंबर माह , जाने क्या हैं भाग्योदय टिप्स0

राजनीति में ये ग्रह दिलाते हैं सफलता, बनाते हैं मंत्री और विधायक

काशी में एकमात्र ऐसा मंदिर जहां पूजा करने से दूर होते हैं सफेद दाग जैसे भी असाध्य रोग….

कुंडली में यदि बुध ठीक है तो, जीवन में सब कुछ ठीक है बुध खराब तो, सब कुछ खराब

लाफिंग बुद्धा : आठ तरह के होते हैं लाफिंग बुद्धा, जानें किसके आने से होती है कौन सी इच्छा पूरी

जानकारी : स्वास्तिक का अर्थ, इस प्रतीक का मतलब और केवल लाल रंग से ही स्वास्तिक क्यों …

पाठ जप : जरूर आजमाइए बजरंग बाण के ये 8 अचुक उपाय

काशी के कौड़ी माता का अद्भुत इतिहास, यहां दर्शन करने से मिलता है करोड़पति होने का वरदान

सूर्य को जल देना पुरानी परम्परा है, क्यूँ दिया जाता है सूर्य को जल? और क्या प्रभाव होता है इससे मानव शरीर पर?

काशी में भी स्थित है बाबा गोरखनाथ का मंदिर, जानिए कहां पर स्थित है यह मंदिर और क्या है इसकी विशेषता?….

जानिए, विद्वान और शिव भक्त रावण की पूरी बातें

जानिए, अग्नि देवता की पूरी बातें, स्वाहा से संबंध इनके पुत्र पुत्रियों का नाम

रत्न : जानिए मूंगा रत्न पहनने के क्या क्या है लाभ

एस्ट्रो टिप्स : घर के मंदिर में माचिस क्यों नहीं रखनी चाहिए ? परिणाम भी जाने

काशी के दुर्लभ मंदिर : हयग्रीव केशव, भक्त और भगवान की कड़ी

करिये सूर्य की उपासना पाइये बल और तेज के साथ सुख और समृद्धि


आज का राशिफल

राशिफल 3 दिसम्बर 2022 : पढ़िए आज का दिन आपके लिए कैसा hoga

राशिफल 1 दिसंबर 22 : ग्रहों की चाल से आज इनका होगा बल्ले बल्ले

आज का राशिफल 30 नवंबर 2022 :

राशिफल : 29 नवंबर 2022 को कुछ ऐसा होगा आपका समय


दैनिक पंचांग

पंचांग 3 दिसम्बर 2022

पंचांग 01 दिसम्बर 2022 : न करे आज दक्षिण दिशा का यात्रा

पंचांग 30 नवंबर 2022 : पढ़िए आज का बुधवार क्यों है ख़ास


जन्मदिन राशिफल

जन्मदिन 3 दिसम्बर 2022 :

राशिफल 1 दिसंबर 22 : ग्रहों की चाल से आज इनका होगा बल्ले बल्ले

जन्मदिन फल : जिनका आज जन्मदिन है जाने कैसा रहेगा यह वर्ष

जन्मदिन 28 नवंबर 2022 : आज जन्मे जातको का ऐसा रहेगा ये साल


साप्ताहिक राशिफल

साप्ताहिक राशिफल : जानिये आपके लिए कैसा रहेगा 28 नवंबर से 4 दिसंबर 2022 का समय

साप्ताहिक राशिफल : 21 से 27 नवम्बर

साप्ताहिक राशिफल : ये है इस सप्ताह 14 से 20 नवम्बर का ग्रह चक्र, जानिये…

व्रत – त्यौहार

उत्पन्ना एकादशी : आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व्रत के नियम तथा महत्व..

मार्गशीर्ष मास : हिंदी के नौवा महीने के व्रत और त्यौहार का यह हैं डिटेल

काशी में जब राक्षसी बन जाती है एक दिन की देवी , प्रसाद में चढ़ता है बैगन और मूली


– वास्तु – टोटका

वास्तु : अपने घर या प्रतिष्ठान में लगाए कुबेर का पौधा, ये मिलेगा चमत्कारी परिणाम

वास्तु : जानिये काले चावल के उपाय जो आप में ला देगा बदलाव

वास्तु : अपने घर या प्रतिष्ठान में लगाए कुबेर का पौधा, ये मिलेगा चमत्कारी परिणाम

वास्तु : घोड़ा के नाल से न सिर्फ सुख-समृद्धि आती है बल्कि बचाती है बुरी नजर से भी

यदि आपके दाम्पत्य जीवन में है कुछ खटास तो करें ये उपाय, होगा सुखी वैवाहिक जीवन

परेशानियों से छुटकारा का उपाय है पवित्र पीपल पेड़, जानिए क्या है उपाय


– इन्हें भी जानिए

जानिए पूजा का सही समय …आखिर दोपहर के समय पूजा क्यों नहीं करनी चाहिए?

जानिये नवंबर माह 2022 के तीज-त्यौहार और उसके मुहूर्त

गोपाष्टमी : कब शुरू हुआ गौ पूजन, जानिए गाय के शरीर में है किन किन देवता का हैं निवास


जिन्हें ज्यादा पढ़ा गया

प्राचीन मंदिर : अपने माँ के पापों के प्रायश्चित के लिए गरुण ने स्थापित किया था गरुड़ेश्वर महादेव को

काशी का अदभुत लोटा भंटा मेला : जहाँ श्रद्धांलु भगवान शिव को चखाते है बाटी चोखा का स्वाद

काशी में एक स्थान ऐसा भी जहां स्वयं भगवान शिव के मंत्रोच्चार से होती है मोक्ष की प्राप्ति


मानो न मानो

आखिर जेठ के तपती दुपहरियां में बगीचे में वो कौन थी….

वह बूढ़ा…


खबरों के लिए क्लिक करें – https://innovest.co.in


यदि आप सनातनी है तो काशी की नष्ट हो रही ऊर्जा को बचाने के लिए अभियान में आप के साथ की जरूरत है। कृपया सम्पर्क करें… 9889881111, 8765000123


डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता को जाँच लें । सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/ प्रवचनों /धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। जानकारी पूरी सावधानी से दी जाती हैं फिर भी आप पुरोहित से स्पस्ट कर लें।

Author: Admin Editor MBC

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!