बाबा लाट भैरव के दरबार मे प्रकांड तंत्र साधकों ने नवाया शीश, की तंत्र साधना
“काशी के न्यायाधीश बाबा लाट भैरव का हुआ, सतो-रजो-तमो विधियों से पूजन-अर्चन”
“भूतसंघनायकम के द्वार पर पंचमकार पूजन”
भूतों के संघ नायक अर्थात भूत, प्रेत, पिशाचादि जिनके गढ़ हैं। ऐसे भूतभावन भगवान शंकर के प्रतिरूप बाबा श्री कपाल भैरव के द्वार पर पंचमकार पूजन किया गया। शुक्रवार को पौष कालाष्टमी के अवसर पर श्री कपाल भैरव अथवा लाट भैरव प्रबंध समिति के तत्वावधान में कज्जाकपुरा स्थित अनादिकालेश्वर बाबा श्री लाट भैरव का त्रिगुणात्मक श्रृंगार किया गया।बाबा श्री के भव्य मुखौटे को विग्रह पर विराजमान कराकर रजत मुंडमाला, नवीन वस्त्र, काला गण्डा सहित गेंदा, गुलाब इत्यादि के फूल-मालाओं से सुसज्जित कर अद्भुत श्रृंगार किया गया।गर्भ गृह में अष्ट भैरव सहित माता काली, प्रथम पूज्य देव गणेश आदि देव प्रतिमाओं का भी श्रृंगार किया गया था।तांत्रिक पूजा के अवसर पर काशी के न्यायाधीश के दरबार मे तंत्र साधकों ने विशेष पूजन-अर्चन किया।सात्विक, राजसिक व तामसिक तीनों विधियों से बाबा की उपासना की गई। काशी के प्रकांड तंत्र साधकों ने बाबा के दरबार में शीश नवाया। परम्परागत रूप से बटुक भैरव के महंत राकेश पुरि ने बाबा के संमुख विधिवत तंत्रोक्त साधना कर विश्व शांति की कामना की। पंचमकार पूजन के दौरान शाम से ही यज्ञ की वेदी में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आहुतियों के पड़ने का क्रम प्रारम्भ हुआ। मंदिर प्रांगण में देर रात्रि तक दर्शन पूजन का क्रम चलता रहा। बाबा को मौसमी व्यंजन चूड़ा-मटर व गाजर का हलवा का भोग अर्पित कर भक्तों में प्रसाद का वितरण किया गया।भक्तों के लगाये जयजयकार से पूरा मंदिर परिसर गुंजायमान हो उठा। मध्य रात्रि में हजारे दीपक से आरती कर कार्यक्रम का समापन किया गया।उक्त अवसर पर श्री कपाल भैरव अथवा लाट भैरव प्रबंधक समिति के अध्यक्ष हरिहर पांडेय, बसंत सिंह राठौर, छोटेलाल जायसवाल, मुन्ना लाल यादव, विक्रम सिंह राठौर, छोटन केशरी, शिवम अग्रहरि, नंदलाल प्रजापति, बच्चे लाल आदि उपस्थित थे।
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