चर्चाओं के बाजार में जापानी स्क्रीनप्ले द महाभारत, आखिर छेड़छाड़ का मतलब ..?
शनिवार को जापानी स्क्रीनप्ले द महाभारत में कुंती द्वारा पांच पांडवों के जन्म की कथा के दौरान कुंती की भूमिका निभा रहे पात्र द्वारा शिशु के पांच पुतलों को हवा में उछाल-उछाल कर फेंका गया। सौ कौरवों के जन्म पर केंद्रित कयी दृश्यों में आपत्तिजनक भंगिमाओं का उपयोग किया गया। नाटक के कई दृश्यों में ऐसी मुद्राएं दिखीं जो भारतीय समाज में अश्लील मानी जाती हैं।
प्रदर्शन के दौरान रुद्राक्ष प्रेक्षागृह में जीवनदीप महाविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के छात्र-छात्राएं तथा सनबीम सहित कई अन्य विद्यालयों के छात्र-छात्राएं भी असहज महसूस कर रहे थे।छात्र छात्राओं ने भी स्क्रीनप्ले में अभिनय के तौर-तरीकों पर आपत्ति दर्ज कराई थी। धृतराष्ट्र और गांधारी से जन्मे सौ पुत्रों को भी अस्वीकार्य तरीके से दर्शाया गया।
स्क्रीन प्ले तैयार करने के लिए निर्देशक हिरोशी कोइके ने एशिया के नौ देशों के कलाकारों से करार किया गया था। इनमें केरल का प्रोडक्शन हाउस भी शामिल है। सक्रीनप्ले के माध्यम से महाभारत को जीवन जीने की आदर्श शैली के रूप में निरूपित किया गया। जापान के अलावा चीन, इंडोनेशिया, थाइलैंड और मलेशिया की पारंपरिक नृत्य और अभिनय शैलियों का संतुलित समन्वय भी देखने को मिला।
स्क्रीनप्ले में जापानी नोह शैली औऱ क्योजन आधारित कला भी दिखी। यह स्क्रीन प्ले सात हिस्सों और दुनिया की नौ भाषाओं में तैयार किया गया है। सायंकालीन सत्र में स्क्रीनप्ले का दूसरा भाग दिखाया गया। इसके बाद निर्देशक ने दर्शकों के साथ संवाद भी किया। उद्घाटन सत्र कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर एवं राज्यमंत्री रवींद्र जायसवाल की मौजूदगी में हुआ।
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