भोजन के बाद थाली में क्यों नहीं धोने चाहिए हाथ, जानें क्या कहता है शास्त्र
हिंदू शास्त्रों में भोजन के नियमों में एक प्रमुख बात बताई जाती है कि खाने के बाद थाली में हाथ न धोएं। आइए जानें इसके पीछे के कारणों के बारे में।
अक्सर कहा जाता है कि जिस थाली में आप खाना खाते हैं उसमें कभी भी हाथ नहीं धोने चाहिए। दरअसल ज्योतिष में ऐसी कई मान्यताएं हैं जिनका हमारे जीवन में कुछ न कुछ प्रभाव जरूर पड़ता है। ऐसे ही शास्त्रों में बनाए नियमों के अनुसार भोजन के भी कुछ विशेष नियमों का पालन जरूरी बताया गया है।
जहां तक खाने की बात की जाए तो यह जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यूं कहा जाए कि अन्न के बिना जिंदगी मुश्किल है। हमारे धर्म शास्त्रों में अन्न को मां अन्नपूर्णा माना जाता है।इसलिए भोजन के किसी भी नियम का पालन न करने से माता अन्नपूर्णा का अपमान होता है। मुख्य रूप से यदि आप खाने के बाद उसी थाली में हाथ धोते हैं तो इसे माता लक्ष्मी का सबसे बड़ा अपमान माना जाता है।
रूठ सकती हैं माता लक्ष्मी
चूंकि भोजन को माता लक्ष्मी के ही स्वरूप माता अन्नपूर्णा से सम्बंधित माना जाता है, इसलिए जो लोग खाने के बाद उसी थाली में हाथ धोते हैं उनके घर से माता लक्ष्मी रूठ जाती हैं। ऐसे घरों में यदि पैसा होता भी है तब भी ज्यादा दिनों तक टिकता नहीं है।
जो लोग खाने की खाली थाली का भी अपमान करते हैं उन्हें भी माता लक्ष्मी की कृपा दृष्टि नहीं मिल पाती है। यहां तक कि यज्ञ में भी भोजन का विशेष महत्व बताया गया है और ऐसा माना जाता है कि यज्ञ में जो भी सामग्री अर्पित की जाती है वो देवताओं को भोजन के रूप में मिलती है। इसलिए यदि आप भोजन की ही थाली में हाथ धोते हैं तो ईश्वर को आपका यज्ञ स्वीकार नहीं होता है।
नकारात्मक शक्तियों का आगमन
ऐसा माना जाता है कि यदि हम भोजन के बाद थाली में ही हाथ धोते हैं तो शरीर से जो ऊर्जा निकलती है उसकी ओर नकारात्मक शक्तियां आकर्षित होती हैं और हमारे आस-पास इकठ्ठा होने लगती हैं।
ये शक्तियां हमारे स्वास्थ्य को खराब कर सकती हैं और हमारे शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसी वजह से शास्त्रों में कहा गया है कि आप जिस थाली में खाते हैं उसमें कभी भी हाथ न धोएं।
क्या है वैज्ञानिक कारण
अगर आप ज्योतिष की न भी मानें तब भी विज्ञान के अनुसार भी थाली में हाथ धोने से शरीर के कई कीटाणु उस थाली में ही पानी के साथ रह जाते हैं। ये पानी जब हमारे शरीर से या अन्य स्थानों से छूता है तब कई जर्म्स फ़ैल जाते हैं।
इन कीटाणुओं को अच्छी तरह से साफ़ नहीं किया जा सकता है और जब आप उसी बर्तन में दोबारा खाना खाते हैं तब ये आपकी सेहत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकते हैं। इसी वजह से आपको कभी भी उस प्लेट में हाथ नहीं धोना चाहिए जिसमें आप खाना खाते हैं।
अन्न का अपमान बन सकता है ग्रहों की नाराजगी का कारण
ऐसा माना जाता है कि ज्योतिष में सभी ग्रह किसी न किसी अन्न का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसी वजह से नवग्रह बनाते समय उसमें कोई न कोई अन्न जरूर रखा जाता है। ज्योतिष में ऐसा कहा जाता है कि अन्न का अपमान ग्रहों के अपमान जैसा होता है।
शुक्र और बृहस्पति ग्रह का अपमान
खासतौर पर अन्न का अपमान शुक्र और बृहस्पति ग्रह का अपमान करना होता है। अन्न के अपमान से ग्रहों के अशुभ फल मिलने शुरू हो जाते हैं। यदि आप खाने की ही थाली में हाथ धोते हैं तो ये अन्न के साथ ग्रहों के अपमान का भी सबसे बड़ा कारण होता है।
इसी वजह से हिंदू धर्म शास्त्रों में यह नियम बनाया गया है कि आपको कभी भी भोजन की थाली में हाथ नहीं धोना चाहिए।
उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। अन्य लेख पढ़ने के लिए साथ ही अपनी सुझाव संग पसंद – नापसंद जरूर बताएं। साथ ही जुड़ें रहें हमारी वेबसाइट ” मोक्ष भूमि – काशी “ के साथ। हमारी टीम को आपके प्रतिक्रिया का इन्तजार है। 9889881111
नवीनतम
जानिए पवित्र तुलसी के पौधे के 7 प्रकार और इसके 7 चमत्कारिक लाभ
26 दिसम्बर को गणेश चतुर्थी व्रत के शुभ मुहूर्त मन्त्र और पूजा विधि
कैसे बना गदा हनुमान जी का शस्त्र, किसने दिया गदा
घर में है हनुमान जी की तस्वीर या मूर्ति तो भूलकर भी ना करें ये 6 गलतियां
घर में करते हैं हनुमान चालीसा का पाठ तो भूलकर भी न करें ये गलतियां
हनुमान जी की पूजा करते वक्त महिलाएं रखें इन 4 बातों का ध्यान
जानें आखिर शनिदेव के कितने है वाहन, इन वाहनों का क्या है महत्व
जानिए, सांता क्लॉस कौन है, कहां रहते हैं और लाखों पत्रों का जवाब आखिर कौन देता?
जानिए कैसे है मोरपंख आपके घर परिवार के लिए चमत्कारी, अद्भुत लाभों के लिए करें ऐसे प्रयोग
पवित्र तिथियों पऱ नदी स्नान करने पर धुल जाते हैं अगले-पिछले जन्म के पाप, जानें इसका महत्व
जानिए, कब और किस देश से जन्मदिन पर शुरू हुई मोमबत्ती बुझाने की परंपरा
जानिए, कैसे हुई भंडारे की शुरुआत ?क्या हैं इससे जुड़ी कथा और क्या होता हैं लाभ
यदि आपका जन्म शुक्रवार को हुआ हैं तो ये रंग बदल सकती हैं आपकी लाइफ
संतोषी माता का रखती हैं व्रत तो भूलकर भी न करें ये गलतियां
जानिये कैसे आया भीम में दस हजार हाथियों का बल ? जबकि भीम और दुर्योधन में एक हजार हाथियों का था बल
पुखराज और पन्ना को न करे एक साथ धारण जानिए आखिर क्यों ?
स्वास्तिक को इन जगहों पर नहीं बनाना चाहिए , सामना करना पड़ सकता है अशुभता का
क्या वाकई हिन्दू धर्म में हैं 84 लाख योनियां ? पढ़िए शास्त्रों का सत्य
जानिए, ज्योतिष काल गणना के अनुसार प्रतिदिन किस समय कौन कौन से काल होते हैं
क्या शाम के समय झाड़ू लगाने से माता लक्ष्मी रूठ जाती हैं, क्या कहता है शास्त्र ?
जीवन में सभी कष्टों को ख़त्म करता है चमत्कारी श्री बजरंग बाण का पाठ !
अशुभ माने जाने वाले खरमास में भी कर सकते हैं ये काम, मिलेगा शुभ परिणाम
जानिए मकरसंक्रांति क्यों मनाया जाता है और क्या है इसका महत्व
खरमास 16 दिसंबर 2022 से : खरमास की पूरी जानकारी, भूल से भी ना करें खरमास में ये कार्य
दैनिक पंचांग / जन्मदिन राशिफल / जन्मदिन राशिफल
साप्ताहिक राशिफल 26 दिसंबर 2022 से 1 जनवरी 2023: जानें इस सप्ताह का अपना राशिफळ
कैसा होगा आने वाला साल 2023
2023 : जानें कैसा होगा नये साल में तुला राशि वालों का स्वास्थ्य
वृषभ राशि : नये वर्ष में ऐसा रहेगा वृषभ राशि के जातको का सेहत, ये करें उपाय
जानें कन्या राशि वालों के स्वास्थ्य के लिए कैसा रहेगा नया वर्ष 2023
जानिए आखिर किन किन ग्रहो के प्रभाव से जातक अपने जीवन यापन के लिए उन फील्ड में करता हैं प्रवेश
जानें कन्या राशि वालों के स्वास्थ्य के लिए कैसा रहेगा नया वर्ष 2023
सिंह राशि वालों के करियर के लिए ऐसा रहेगा आने वाला वर्ष 2023
2023 में शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करते ही बनेगा ये राजयोग, 5 राशियों की चमक जाएगी तकदीर
VIVAH VISHESH
जानिए, आखिर क्यों होती हैं ज्यादातर विवाह रात में… ?
प्रसिद्ध देव स्थान
शनि शिंगणापुर : गाँव वालों पर शनि देव के प्रकोप का खौफ़
जानिए कौन हैं तीनों लोकों की देवी मां अन्नपूर्णा
देव स्थान : ऐसा मंदिर जहाँ चूहा करते हैं भक्तों की मनोकामना पूरी
बृहदेश्वर मंदिर : कई भूकंपों के बाद भी नहीं टूटा यह मंदिर, बगैर नींव के बना है …
काशी में एकमात्र ऐसा मंदिर जहां पूजा करने से दूर होते हैं सफेद दाग जैसे भी असाध्य रोग….
व्रत – त्यौहार
जानिए, इस हप्ते आने वाले व्रत और त्यौहार का महत्व
व्रत : पति की दीर्घायु और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस व्रत का महत्व
– वास्तु – टोटका
वास्तु के अनुसार कुछ विशेष धातुओं की मूर्ति ही रखे घर के मंदिर में
सुख-समृद्धि लाता है एक्वेरियम, घर में रखने से पहले जान लें ये नियम
वास्तु के अनुसार आपके सोने का बिस्तर कुछ यूँ होना चाहिए
वास्तु : अपने घर या प्रतिष्ठान में लगाए कुबेर का पौधा, ये मिलेगा चमत्कारी परिणाम
वास्तु : जानिये काले चावल के उपाय जो आप में ला देगा बदलाव
वास्तु : अपने घर या प्रतिष्ठान में लगाए कुबेर का पौधा, ये मिलेगा चमत्कारी परिणाम
वास्तु : घोड़ा के नाल से न सिर्फ सुख-समृद्धि आती है बल्कि बचाती है बुरी नजर से भी
यदि आपके दाम्पत्य जीवन में है कुछ खटास तो करें ये उपाय, होगा सुखी वैवाहिक जीवन
परेशानियों से छुटकारा का उपाय है पवित्र पीपल पेड़, जानिए क्या है उपाय
– इन्हें भी जानिए
ग्रह चाल : जीवन के इन क्षेत्रों में मंगल की दशा का होता हैं प्रभाव, ये देता हैं शुभ एवं अशुभ फल
किसी काम में आ रही हो बाधा या हो आर्थिक संकट, इनसे बचने के लिए रखें मां वैभव लक्ष्मी का व्रत
शनि शिंगणापुर : गाँव वालों पर शनि देव के प्रकोप का खौफ़
कुंडली में यदि बुध ठीक है तो, जीवन में सब कुछ ठीक है बुध खराब तो, सब कुछ खराब
जानिए, रावण कुम्भकर्ण और विभीषण के पूर्वजन्म की एक अनसुनी कथा
किसने आशीर्वाद के कारण शनिदेव को चढ़ाया जाता है सरसों का तेल ? मिलता है ये फल
पंच कन्या : ये हैं यज्ञ कुंड से जन्मी ‘द्रौपदी’ के पांच पति पाने का रहस्य
पढ़िए वाल्मीकि रामायण का वर्णन, क्या अहिल्या वास्तव में निर्दोष थी..
“नवधा भक्ति” : पढ़िए क्या है नौ प्रकार की भक्ति ?
जानिए पूजा का सही समय …आखिर दोपहर के समय पूजा क्यों नहीं करनी चाहिए?
खबरों के लिए क्लिक करें – https://innovest.co.in
यदि आप सनातनी है तो काशी की नष्ट हो रही ऊर्जा को बचाने के लिए अभियान में आप के साथ की जरूरत है। कृपया सम्पर्क करें… 9889881111, 8765000123
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता को जाँच लें । सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/ प्रवचनों /धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। जानकारी पूरी सावधानी से दी जाती हैं फिर भी आप पुरोहित से स्पस्ट कर लें।
Leave a Reply