88 हजार ऋषियों की तपोभूमि नैमिषारण्य में लगाये जायेंगे पुराणों में उल्लेखित 88 हजार विभिन्न वृक्ष
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की योजना के अनुरूप सीतापुर स्थित नैमिसारण्य में 88 हजार ऋषियों की तपोभूमि पर पर्यावरण एवं संस्कृति को विकसित करने के लिये विभिन्न तरह के वृक्ष(औषधि एवं पर्यावरण की शुद्धि) रोपित करने की एक योजना शीघ्र मूर्तरूप लेने वाला है। इस सम्बंध में आज काशी के सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो हरेराम त्रिपाठी के अध्यक्षता में बैठक की गयी।
मुख्यमंत्री की परिकल्पना
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी की सतत परिकल्पना है कि सीतापुर के नैमिषारण्य में 88 हजार ऋषियों की तपोभूमि पर 88 हजार विभिन्न तरह के जो पुराणों में उल्लेख है वो वृक्ष रोपित किये जायेंगे। इस परिकल्पना को मूर्तरूप देने के लिए पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन के अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने विश्वविद्याल्य को पत्र के माध्यम अवगत कराया है। पूर्व में 88 हजार वृक्षों की पहचान शास्त्रानुसार कराने के लिये बुधवार को विश्वविद्यालय के विद्वतजनों के साथ बैठक किया गया । बताते चले इस संदर्भ में प्रभागीय निदेशक,सामाजिक वानिकी वन प्रभाग,सीतापुर बृजमोहन शुक्ल के द्वारा भी विश्वविद्यालय को पत्र द्वारा सहयोग की मांग की गयी थी।
अध्ययन कर वृक्षों के सम्बंध में होगा रिसर्च
कुलपति के अनुसार विद्वतजनों की एक समिति गठित की जा रही है जो कि 18 पुराणों में वर्णित 88 हजार ऋषियों के तपोभूमि पर जो 88 हजार वृक्ष थे उनका पुराणों (शास्त्रानुसार)अध्ययन/खोज कर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे जिसके माध्यम से उत्तर प्रदेश शासन के सीतापुर नैमिषारण्य धाम को विकसित किया जायेगा।
पर्यावरण एवं संस्कृति को आगे बढाने में बल मिलेगा
कुलपति प्रो त्रिपाठी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की योजना है कि ऋषियों के तप स्थली को जागृत करने तथा उनके तप के ज्ञान से जनसामान्य को अवगत कराने तथा इस तरह पर्यावरण सुधारने और हमारी संस्कृति को आगे बढने में और बल मिलेगा।
बैठक मे उपस्थित
प्रो हरिशंकर पांडेय,प्रो हरिप्रसाद अधिकारी,प्रो हीरककान्ति चक्रवर्ती,प्रो विजय कुमार पांडेय,डॉ रविशंकर पांडेय,प्रभागीय निदेशक,सामाजिक वानिकी वन प्रभाग,सीतापुर बृजमोहन शुक्ल एवं क्षेत्रीय वनाधिकारी,सीतापुर बृजेश पांडेय
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