Home 2023 शनिदेव ने भगवान शिव पर क्यों डाली थी अपनी वक्र दृष्टि, फिर क्या हुआ …

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शनिदेव ने भगवान शिव पर क्यों डाली थी अपनी वक्र दृष्टि, फिर क्या हुआ …

हिन्दू धर्म में कई ऐसी पौराणिक कथाएं हैं जिनके से एक है शनिदेव और भगवान शिव की कथा।

दरअसल, हुआ ये था कि एक बार शनिदेव भगवान शिव के दर्शन के लिए उनके निवास स्थान कैलाश पहुंचे। वहां शनिदेव ने भगवान शिव के दर्शन किये, उन्हें प्रणाम किया और उन्हें बताया कि अगले दिन शनिदेव की दृष्टि उनकी राशि पर पड़ने वाली है।

हालांकि, भगवान शिव जन्म, मरण, राशि, कुंडली आदि से परे हैं लेकिन यह उनकी ही एक लीला थी जिसके पीछे का उद्देश्य बेहद रहस्यमयी और संसार के हित में था। संसार को एक दिव्य संदेश देने के लिए ही ये प्रकरण रचा गया था।

जब शनिदेव ने महादेव के सामने यह बात कही तो भगवान शिव ने शनिदेव से पूछा कि वह उनकी राशि में कितने समय के लिए रहेंगे और उनकी वक्र दृष्टि का प्रभाव कैसा होगा।

शनिदेव ने उन्हें विस्तार से अपनी वक्र दृष्टि के समय और प्रभाव के बारे में बताया। तब महादेव ने शनिदेव की दृष्टि से बचने के लिए एक युक्ति लगाई और अगले दिन शनिदेव के कैलाश पहुंचने से पहले ही वह पृथ्वी लोक पर आ गए।

पृथ्वी लोक पर शनि देव उन्हें खोजते हुए न आ जाएं इसलिए भगवान शिव ने हाथी का रूप धर लिया और वक्र दृष्टि के समय तक पृथ्वी पर उसी रूप में छिपे रहे। वक्र दृष्टि का समय पूर्ण हुआ तो भगवान शिव कैलाश की ओर लौट चले।

जैसे ही भगवान शिव कैलाश पर आए उन्हें वहां शनिदेव पूर्व से ही उपस्थित मिले। भगवान शिव ने शनिदेव को देखते ही उनकी दृष्टि से बचने की बात कह डाली। उन्होंने बोला कि शनिदेव में तो आपकी दृष्टि से आसानी से बच गया।

तब शनिदेव ने महादेव को बताया कि उनकी दृष्टि के प्रभाव से ही महादेव को देव योनी से पशु योनी में हाथी के रूप में परिवर्तित होना पड़ा और कैलाश छोड़ धरती पर छुपना पड़ा। यह सुन भगवान शिव मुस्कुराए और शनिदेव को आशीर्वाद दिया।


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  • Author: Admin Editor MBC

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