नैमिषारण्य मे 88 हजार वृक्षों के खोज हेतू देश के 26 विशिष्ट विद्वानों की समिति गठित
– पुराणों मे वर्णित 88 हजार वृक्षों में औषधियुक्त,पर्यावरण की शुद्धि के लिये है।
– वराह पुराण के अनुसार यहां भगवान द्वारा निमिष मात्र में दानवों का संहार होने से यह ‘नैमिषारण्य’ कहलाया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के निर्देश पर नैमिषारण्य धाम को पुनर्स्थापित करने के लिये एक परियोजना को मूर्त रूप देने के लिये वहाँ पर 88 हजार ऋषियों के तप स्थली पर विभिन्न प्रकार के 88 हजार वृक्षों को 18 पुराणों के अनुसार चिन्हित करने के लिये कुलपति प्रो हरेराम त्रिपाठी के अध्यक्षता में आज 26 सदस्यीय/विशिष्ट विद्वानों की समितिं का गठन किया गया है।
क्या है नैमिषारण्य
नैमिषारण्य ,सीतापुर के गोमती नदी के बाएँ तट पर स्थित एक प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थ है। मार्कण्डेय पुराण में अनेक बार इसका उल्लेख ८८००० ऋषियों की तपःस्थली के रूप में आया है। वायु पुराणान्तर्गत माघ माहात्म्य तथा बृहद्धर्मपुराण, पूर्व-भाग के अनुसार इसके किसी गुप्त स्थल में आज भी ऋषियों का स्वाध्यायानुष्ठान चलता है। लोमहर्षण के पुत्र सौति उग्रश्रवा ने यहीं ऋषियों को पौराणिक कथाएं सुनायी थीं। वाराह पुराण के अनुसार यहां भगवान द्वारा निमिष मात्र में दानवों का संहार होने से यह ‘नैमिषारण्य’ कहलाया। वायु, कूर्म आदि पुराणों के अनुसार भगवान के मनोमय चक्र की नेमि (हाल) यहीं विशीर्ण हुई (गिरी) थी, अतएव यह नैमिषारण्य कहलाया। स्कन्द पुराण के अनुसार यह पवित्र स्थल उत्तम तीर्थ एवं क्षेत्र है।
इन वेद- पुराणों का किया जायेगा अध्ययन
4 वेद
इनमें ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद एवं अथर्ववेद ये चार वेद सम्मिलित हैं।
18 पुराण
स्कन्द पुराण, विष्णु पुराण, ब्रम्हाण्ड पुराण, लिंग पुराण, नारद पुराण, गरुड़ पुराण, ब्रम्ह पुराण, पद्म पुराण, कुर्म पुराण, भागवत पुराण, अग्नि पुराण, मार्कण्डेय पुराण, ब्रम्ह वैवर्तक पुराण, वाराह पुराण, भविष्य पुराण, वामन पुराण, मत्स्य पुराण एवं वायु पुराण।
छ: शास्त्र
नैमिषारण्य में रचे गए छः शास्त्र हैं, सांख्य, योग, वेदान्त, न्याय, मीमांसा एवं वैशेषिक।
कुछ प्रमुख वृक्ष एवं लतायें
88 हजार ऋषियों ने जिन 88 हजार वृक्षों के नीचे तप किया था उसमें प्रमुख नीम,आम,पीपल,बरगद,जामुन,पलाश,आंवला,खैर,पित्र पापड़ा,चन्दन,चमेली,परवल,तेंदू,अर्जुन,मधुक(महुआ),कदम्ब,इमली,शमी,सुपारी,पनस,मर्कटी,जयंत करवीर,बेल आदि वृक्ष एवं लता हैं जो कि औषधि एवं पर्यावरण की दृष्टि मे प्रमुख है।इस तरह के 88 हजार वृक्षों पर अन्वेषण किये जायेंगे।
कुलपति प्रो त्रिपाठी ने बताया कि रामायण काल,महाभारत काल के वृक्षों पर भी शोध कर अध्ययन किया जायेगा।मत्स्य पुराण मे अनेकों प्रकार के वृक्षों की महिमा एवं सामाजिक जीवन के बारे मे वर्णन किया जायेगा।
देश के विशिष्ट विद्वानों की समिति गठित विद्वानों की समिति गठित –
1-प्रो ० हरेराम त्रिपाठी कुलपति ,अध्यक्ष,
2-पद्यमभूषण प्रो ० वशिष्ठ त्रिपाठी अध्यक्ष काशी विद्वत परिषद् -सदस्य
3-प्रो ० कृष्णकान्त शर्मा , का ० हि ० वि ० वि ० , वाराणसी -सदस्य
4-प्रो ० हृदय रंजन शर्मा , का ० हि ० वि ० वि ० , वाराणसी – सदस्य
4-प्रो ० गंगाधर पण्डा , कुलपति , कोल्हान विश्वविद्यालय , झारखंड-सदस्य
6-प्रो ० गोपबन्धु मिश्र , का ० हि ० वि ० वि ० , वाराणसी-सदस्य
7- प्रो ० श्याम वापट , पूर्व आचार्य सं ० सं ० वि ० वि , वाराणसी-सदस्य
8- प्रो ० मखलेश उपाध्याय केन्द्रीय संस्कृत विद्यालय सदाशिव परिषद , पुरी-सदस्य
9- प्रो ० शीतला प्रसाद शुक्ल साहित्य संस्कृति संकायाध्यक्ष , श्री ला ० व ० शा ० राष्ट्रीय सं ० वि ० वि ० , नई दिल्ली-सदस्य
10. प्रो ० हरिशंकर पाण्डेय , छात्रकल्याण संकायाध्यक्ष सं ० सं ० वि ० वि ० , वाराणसी -सदस्य
11. प्रो ० हरिप्रसाद अधिकारी , सं ० सं ० वि ० वि ० , वाराणसी -सदस्य
12. प्रो ० सुधाकर मिश्रा , सं ० सं ० वि ० वि ० , वाराणसी -सदस्य
13. प्रो ० कमलाकान्त त्रिपाठी , सं ० सं ० वि ० वि ० , वाराणसी-,सदस्य
14. प्रो ० हीरककान्ति चक्रवर्ती , सं ० सं ० वि ० वि ० , वाराणसी-सदस्य
15. प्रो ० राजनाथ , पुस्तकालयाध्यक्ष सं ० सं ० वि ० वि ० , वाराणसी -सदस्य
16. प्रो ० रामनारायण द्विवेदी , महामंत्री काशी विद्वत परिषद , वाराणसी पदेन -सदस्य
17. प्रो ० विजय कुमार पाण्डेय , साहित्य संस्कृति संकायाध्यक्ष , सं ० सं ० वि ० वि ० , वाराणसी -सदस्य
18. प्रो ० दिनेश कुमार गर्ग , सं ० सं ० वि ० वि ० , वाराणसी -सदस्य
19. प्रो ० रविशंकर पाण्डेय , सं ० सं ० वि ० वि ० , वाराणसी-सदस्य
20. श्री बृजमोहन शुक्ला , प्रभारी निदेशक सामाजिक वानिकी वन प्रभाग सीतापुर -सदस्य सचिव।
21. श्री ब्रजेश पाण्डेय , वनाधिकारी , सीतापुर – सदस्य सह सचिव।
22. श्री अनिल किंजवेकर , न्यासी अध्यक्ष , संस्कृत भारती काशी प्रान्त , वाराणसी -,सदस्य
23. श्री दिनेश तिवारी , सहायक पुस्तकाध्यक्ष , सं ० सं ० वि ० वि ० , वाराणसी-सदस्य
24. परीक्षा नियंत्रक , सं ० सं ० वि ० वि ० , वाराणसी -सदस्य
25. कुलसचिव , सं ० सं ० वि ० वि ० , वाराणसी – सदस्य
26. जनसम्पर्क अधिकारी , सं ० सं ० वि ० वि ० , वाराणसी -सदस्य
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