दो नहीं चार कन्याओं से किया था भीम ने विवाह, हर एक की है पौराणिक कथा
महाभारत ग्रंथ में पांडवों का वर्णन मिलता है। इन्हीं पांडवों में से एक हैं भीम। भीम को एक बलशाली योद्धा के तौर पर जाना जाता हिया। जब भी बात पांडु पुत्र भीम की होती है तो यही बात दिमाग में आती है कि भीम वो थे जो प्रचंड ताकत के स्वामी थे। महाभारत के अनुसार, भीम में 10 हजार हाथियों का बल था। यह कहना गलत नहीं होगा कि ज्यादातर भीम को उनकी वीरता के लिए जाना जाता है लेकिन आज हम आपको भीम की प्रेम कथा के बारे में बड़ी ही दिलचस्प बात बताने जा रहे हैं।
हिडिंबा और द्रौपदी के अलावा भीम की दो पत्नियां और थीं। हिडिंबा और द्रौपदी से विवाह की कथा तो जाहिर है कि आप में से अधिकतर लोगों को पता होगी लेकिन अन्य दो पत्नियां कौन थीं और क्या है भीम के उनसे विवाह की कहानी इस बारे में जानना मनोरंजक और दिलचस्प होगा।
हिडिंबा से विवाह की कथा
लाक्षागृह की घटना के बाद जब पांडव वन में भटक रहे थे तब हिडिम्ब नामक एक राक्षस पांडवों को मौत के घात उतारने पहुंच गया। हिडिम्ब की एक बहन थी जिसका नाम हिडिंबा था और उसी की सहायता से भीम ने हिडिंब का वध किया था।भीम को समर्थन देते देते कब हिडिंबा को भीम से प्रेम हो गया इसका उसे पता भी नहीं चला। मगर माता किन्तु ने यह भांप लिया था जिसके बाद उन्होंने हिडिंबा का भीम से गन्धर्व विवाह करा दिया।हिडिंबा से भीम को एक पुत्र भी प्राप्त हुआ जिसका नाम घटोत्कच पड़ा।
द्रौपदी से विवाह की कथा
भीम की दूसरी पत्नी द्रौपदी थीं। हालांकि द्रौपदी का भीम से विवाह नहीं हुआ था।असल में, अर्जुन (अर्जुन के महिला बनने की कथा) ने द्रौपदी को स्वयंवर में जीता था। यह सुखद समाचार सुनाने जब पांचों भाई द्रौपदी समेत माता कुंती के पास पहुंचे तो उन्होंने भूलवश बिना देखे यह कह दिया कि जो भी लाये हो आपस में बांट लो जिसके बाद माता की आज्ञा का पालन करते हुए द्रौपदी ने पांचों पांडवों से विवाह कर लिया।
बलंधरा से विवाह की कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, बलंधरा न सिर्फ एक सुंदर कन्या थी बल्कि स्त्री तत्व होने के बावजूद भी वह अपार बलशाली थी। उसके इसी व्यक्तित्व से प्रभावित हो कर भीम (हिडिंबा और भीम की अनोखी प्रेम कहानी) ने उन्हें स्वयंवर में जीता था और उनसे विवाह किया था। बलंधरा से भीम को एक पुत्र भी हुआ था जिसका नाम सुतसोम था।
काली से विवाह की कथा
भीम की चौथी पत्नी थीं काली। हालांकि, महाभारत ग्रंथ में इनके बारे में ज्यादा कुछ वर्णन मिलता नही है लेकिन जो जानकारी मौजूद है उसके अनुसार, यह मद्र देश की राजकन्या थीं।
नवीनतम लेख
दो नहीं चार कन्याओं से किया था भीम ने विवाह, हर एक की है पौराणिक कथा
30 साल बाद गोचर शनि इन चार राशियों का बदलेगा किस्मत राह
जानिए मकरसंक्रांति क्यों मनाया जाता है और क्या है इसका महत्व
उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। अन्य लेख पढ़ने के लिए साथ ही अपनी सुझाव संग पसंद – नापसंद जरूर बताएं। साथ ही जुड़ें रहें हमारी वेबसाइट ” मोक्ष भूमि – काशी “ के साथ। हमारी टीम को आपके प्रतिक्रिया का इन्तजार है। 9889881111
दैनिक पंचांग / जन्मदिन राशिफल / जन्मदिन राशिफल
दैनिक राशिफल 17 जनवरी (Tuesday)
आज का पंचांग, 17 जनवरी 2023, मंगलवार
दैनिक राशिफल 16 जनवरी ( सोमवार )
आज का पंचांग, 16 जनवरी 2023, सोमवार
साल 2023 में कैसा रहेगा आपका भाग्य, मेष राशि से मीन राशि तक का जानिए वार्षिक राशिफल
प्रसिद्ध देव स्थान
जानिए कौन है दक्षिणामूर्ति शिव, काशी में कहां है स्थित, क्या है महत्ता
जानिए कौन हैं तीनों लोकों की देवी मां अन्नपूर्णा
देव स्थान : ऐसा मंदिर जहाँ चूहा करते हैं भक्तों की मनोकामना पूरी
बृहदेश्वर मंदिर : कई भूकंपों के बाद भी नहीं टूटा यह मंदिर, बगैर नींव के बना है …
काशी में एकमात्र ऐसा मंदिर जहां पूजा करने से दूर होते हैं सफेद दाग जैसे भी असाध्य रोग….
वास्तु – टोटक
घर में फिटकरी रखने से होते हैं ये 15 चमत्कार, आप भी जानें
जानिए, कब और किस देश से जन्मदिन पर शुरू हुई मोमबत्ती बुझाने की परंपरा
यदि आपके दाम्पत्य जीवन में है कुछ खटास तो करें ये उपाय, होगा सुखी वैवाहिक जीवन
href=”https://www.mokshbhumi.com/2022/2225/”>परेशानियों से छुटकारा का उपाय है पवित्र पीपल पेड़, जानिए क्या है उपाय
खबरों के लिए क्लिक करें – https://innovest.co.in
यदि आप सनातनी है तो काशी की नष्ट हो रही ऊर्जा को बचाने के लिए अभियान में आप के साथ की जरूरत है। कृपया सम्पर्क करें… 9889881111, 8765000123
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता को जाँच लें । सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/ प्रवचनों /धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। जानकारी पूरी सावधानी से दी जाती हैं फिर भी आप पुरोहित से स्पस्ट कर लें।
Leave a Reply