षटतिला एकादशी : एकादशी में क्या खाएं ? क्यों मना है चावल खाना ? पढ़िए इसका कथा
माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी कहकर संबोधित किया जाता है, इस बार यह पावन दिन बुधवार 18 जनवरी को है।
माघ माह को ईश्वर का महीना कहा जाता है। इस महीने में किए जाने वाले व्रत या उपवास बहुत प्रभावी माने जाते हैं। इसलिए इस दौरान किए जाने व्रत को बड़े ही ध्यान और नियम से करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से इंसान को सही ढंग से उस उपवास का फल मिलता है। एकादशी का व्रत इस महीने के प्रमुख व्रतों में से एक माना जाता है।
क्यों नहीं खाया जाता है चावल?
माना जाता है कि एकादशी का व्रत करने से श्रीहरि विष्णु प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को दोनों हाथों से आशीष देते हैं। एकादशी का व्रत रखने वाले अक्सर ये कहते हैं कि इस दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। हालांकि इसके पीछे पंडितगण एक धार्मिक कारण बताते हैं। उनका कहना है कि एक महर्षि मेधा थे, जिन्होंने मां दुर्गा के क्रोध से बचने के लिए अपना शरीर त्याग दिया था और जमीन पर धान के रूप में जन्मे थे। जिस दिन उन्होंने अपना शरीर त्यागा था, वो दिन एकादशी का था और इसी कारण जो लोग पूजा करते हैं वो लोग एकादशी के दिन चावल नहीं खाते क्योंकि चावल उन्हें महर्षि मेधा के शरीर की याद दिलाता है।
दूसरा कारण
हालांकि इसके पीछे दूसरा कारण भी है, दरअसल चावल, धान से तैयार होता है और धान के खेत में पानी बहुत होता है। पानी चंद्रमा यानि चंचलता का पर्याय माना जाता है और व्रत करते हुए इंसान का दिल-दिमाग एकदम शांत होना चाहिए, उसका दिमाग भटकना नहीं चाहिए इसलिए लोग एकादशी के व्रत में चावल खाने से लोगों को रोकते हैं।
व्रत में क्या खाएं क्या नहीं
कुछ लोग एकादशी का व्रत बिना नमक के और कुछ लोग नमक खाकर करते हैं। जो नमक खाया जाता है वो सेंधानमक होता है।इसके अलावा व्रतियों को एकादशी के व्रत में सिंघाड़े का आटा, आलू, शकरकंद, कुट्टू, साबूदाना, नारियल, काली मिर्च,, दूध,अदरक, चीनी , फल और गुड़ का सेवन करना चाहिए और मांसाहारी भोजन से दूर रहना चाहिए। जिस घर में लोग व्रत करते हैं, वहां भी एकादशी के दिन शुद्ध सात्विक भोजन ही बनना चाहिए और प्याज-लहसुन से भी दूर रहना चाहिए।
नवीनतम लेख
दो नहीं चार कन्याओं से किया था भीम ने विवाह, हर एक की है पौराणिक कथा
30 साल बाद गोचर शनि इन चार राशियों का बदलेगा किस्मत राह
जानिए मकरसंक्रांति क्यों मनाया जाता है और क्या है इसका महत्व
उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। अन्य लेख पढ़ने के लिए साथ ही अपनी सुझाव संग पसंद – नापसंद जरूर बताएं। साथ ही जुड़ें रहें हमारी वेबसाइट ” मोक्ष भूमि – काशी “ के साथ। हमारी टीम को आपके प्रतिक्रिया का इन्तजार है। 9889881111
दैनिक पंचांग / जन्मदिन राशिफल / जन्मदिन राशिफल
दैनिक राशिफल 17 जनवरी (Tuesday)
आज का पंचांग, 17 जनवरी 2023, मंगलवार
दैनिक राशिफल 16 जनवरी ( सोमवार )
आज का पंचांग, 16 जनवरी 2023, सोमवार
साल 2023 में कैसा रहेगा आपका भाग्य, मेष राशि से मीन राशि तक का जानिए वार्षिक राशिफल
प्रसिद्ध देव स्थान
जानिए कौन है दक्षिणामूर्ति शिव, काशी में कहां है स्थित, क्या है महत्ता
जानिए कौन हैं तीनों लोकों की देवी मां अन्नपूर्णा
देव स्थान : ऐसा मंदिर जहाँ चूहा करते हैं भक्तों की मनोकामना पूरी
बृहदेश्वर मंदिर : कई भूकंपों के बाद भी नहीं टूटा यह मंदिर, बगैर नींव के बना है …
काशी में एकमात्र ऐसा मंदिर जहां पूजा करने से दूर होते हैं सफेद दाग जैसे भी असाध्य रोग….
वास्तु – टोटक
घर में फिटकरी रखने से होते हैं ये 15 चमत्कार, आप भी जानें
जानिए, कब और किस देश से जन्मदिन पर शुरू हुई मोमबत्ती बुझाने की परंपरा
यदि आपके दाम्पत्य जीवन में है कुछ खटास तो करें ये उपाय, होगा सुखी वैवाहिक जीवन
href=”https://www.mokshbhumi.com/2022/2225/”>परेशानियों से छुटकारा का उपाय है पवित्र पीपल पेड़, जानिए क्या है उपाय
खबरों के लिए क्लिक करें – https://innovest.co.in
यदि आप सनातनी है तो काशी की नष्ट हो रही ऊर्जा को बचाने के लिए अभियान में आप के साथ की जरूरत है। कृपया सम्पर्क करें… 9889881111, 8765000123
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता को जाँच लें । सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/ प्रवचनों /धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। जानकारी पूरी सावधानी से दी जाती हैं फिर भी आप पुरोहित से स्पस्ट कर लें।
O
Leave a Reply