जानिए वजह, आखिर क्यों माता सीता को श्री राम से रहना पड़ा था अलग
एक बार सीताजी अपनी सहेलियों के साथ जनकजी के महल के बगीचे में मनोरंजन के लिए गई। वहां पर एक वृक्ष पर उन्होंने तोते के एक जोड़े को देखा। दोनों आपस में बाते कर रहे थे। एक ने कहा कि अयोध्या में एक सुंदर और प्रतापी कुमार हैं जिनका नाम श्रीराम है। उनसे सीताजी का विवाह होगा।
श्रीराम 11 हजार वर्षों तक इस धरती पर राज्य करेंगे। सीता और राम दोनों एक दूसरे के जीवनसाथी की तरह इस धरती | पर सुख से जीवन बिताएंगे। सीता ने अपना नाम सुना तो दोनों पक्षी की बात गौर से सुनने लगीं। उन्हें अपने जीवन के बारे में और बातें सुनने की इच्छा हुई। सकी सहेलियों से कहकर उन्होंने दोनों पक्षी पकड़वा लिए।
सीता ने उन्हें प्यार से सहलाया और कहा- भय मत करो! तुम बड़ी अच्छी बातें करते हो। यह बताओ ये ज्ञान तुम्हें कहां से मिला? मुझसे डरने होने की जरूरत नहीं। दोनों का डर समाप्त हुआ। वे समझ गए कि यह स्वयं सीता हैं दोनों ने बताया कि वाल्मिकी नाम के एक महर्षि हैं। वे उनके आश्रम में ही रहते हैं। वाल्मिकी रोज श्रीराम और सीता के जीवन की चर्चा करते हैं। उन्होंने वहीं यह सब सुना जो अब सब कंठस्थ हो गया है।
सीता ने और पूछा तो तोते ने कहा- दशरथ पुत्र श्री शिव का धनुष भंग करेंगे और सीता उन्हें पति के रूप में स्वीकार करेंगी। तीनों लोकों में यह अद्भुत जोड़ी बनेगी। सीता पूछती जाती और तोता उसका उत्तर देते जाते। दोनों थक गए। उन्होंने सीता से कहा यह कथा बहुत विस्तृत है। कई माह लगेंगे सुनाने में। दोनों उड़ने को तैयार हुए।
यह देख सीता ने कहा- तुमने मेरे भावी पति के बारे में बताया। उनके बारे में बड़ी जिज्ञासा हुई है। जब तक श्रीराम आकर मेरा वरण नहीं करते मेरे महल में तुम आराम से रहकर सुख भोगो।
तोती ने कहा- देवी हम वन के प्राणी है। पेड़ों पर रहते सर्वत्र विचरते हैं। मैं गर्भवती हूँ। मुझे घोसले में जाकर अपने बच्चों को जन्म देना है। सीताजी नहीं मानी तोते ने कहा- आप जि न करें। जब मेरी पत्नी बच्चों को जन्म दे देगी तो में स्वयं आकर शेष कथा सुनाऊंगा। अभी तो हमें जाने दें।
सीता ने कहा- ऐसा है तो तुम चले जाओ लेकिन तुम्हारी पत्नी यहीं रहेगी। में इसे कष्ट न होने दूंगी। तोते को पत्नी से बड़ा प्रेम था। वह अकेला जाने को तैयार न था। जब तोते को लगा कि वह सीता के चंगुल से मुक्त नहीं हो सकता तो विलाप करने लगा- मुनियों ने सत्य कहा है, मौन रहना चाहिए। यदि हम कथा न कहते तो मुक्त होते।
तोती अपने पति से विछोह सहन नहीं कर पा रही थी। उसने सीता को कहा- आप मुझे पति से अलग न करें। में आपको शाप दे दूंगी।
सीता हंसने लगीं। उन्होंने कहा- शाप देना है तो दे दो। राजकुमारी को पक्षी के शाप से क्या बिगड़ेगा। तोती ने शाप दिया- एक गर्भवती को जिस तरह तुम उसके पि रही हो उसी तरह तुम जब गर्भवती रहोगी तो तुम्हें पति का बिछोह सहना पड़ेगा। शाप देकर तोती ने प्राण त्याग दिए ।
पत्नी को मरता देख तोता क्रोध में बोला- अपनी पत्नी के वचन सत्य करने के लिए मैं ईश्वर को प्रसन्न कर श्रीराम के नगर में जन्म लूंगा और अपनी पत्नी का शाप सत्य कराने का माध्यम बनूंगा।
वही तोता बाद में अयोध्या का धोबी बना जिसने झूठा लांछन लगाकर श्रीराम को इस बात के लिए विवश किया कि वह सीता को अपने महल से निष्काषित कर दें।
आज की जानकारी
जानिए वजह, आखिर क्यों माता सीता को श्री राम से रहना पड़ा था अलग
जानिए, आखिर कैसे हुआ था भगवान ब्रह्मा का जन्म….
गुप्त नवरात्र की सम्पूर्ण जानकारी, नामकरण, महत्व, किन देवियों का करे आराधना और पूजा की विधि
सोमवार की शाम पश्चिम दिशा में दिखेगा एक साथ “चन्द्रमा शुक्र और शनि ग्रह”
कल रविवार को होने जा रहा है शुक्र गोचर, इन राशियों के जीवन में होगा बल्ले बल्ले
दैनिक पंचांग / जन्मदिन राशिफल / जन्मदिन राशिफल
आज का पंचांग, 23 जनवरी 2023, सोमवार
दैनिक राशिफल 23 जनवरी (सोमवार)
आज जिनका जन्मदिन है उनके लिए पुरे साल का शुभ दिन तारीख और रंग
ग्रह चाल और भाग्य
30 साल बाद गोचर शनि इन चार राशियों का बदलेगा किस्मत राह
साल 2023 में कैसा रहेगा आपका भाग्य, मेष राशि से मीन राशि तक का जानिए वार्षिक राशिफल
इन्हें भी जानिए
जानिए कब शुरू हो रहा हैं गुप्त नवरात्रि ? क्या हैं इनका महत्व और पूजा एवं मन्त्र
माता सरस्वती को समर्पित हैं बसंत पंचमी, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व जानें
मौनी अमावस्या पर क्या करें दान?, स्नान के क्या हैं महत्व, कैसे करें भगवान विष्णु को प्रसन्न
मौनी अमावस्या : शनिवार अमावस्या की रात करें लौंग का ये प्रयोग , पैसों के आवक की बढ़ेगी रफ़्तार
आइये जानते हैं अमावस्या के 10 रहस्य, कलशनिवार को हैं मौनी अमावस्या
पितरों से आशीर्वाद पाने के लिए कल मौनी अमावस्या को ये उपाय, ये होंगे लाभ
आखिर क्यों महाभारत में गंगा ने मार दिया था अपने 7 बेटों को
आज बुधवार से शनिदेव कुंभ राशि में किये प्रवेश, इन राशियों पऱ पड़ेगा असर…
जानिए आखिर क्यों जाते हैं मंदिर, क्या होता हैं इसका अनगिनत लाभ
दो नहीं चार कन्याओं से किया था भीम ने विवाह, हर एक की है पौराणिक कथा
उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। अन्य लेख पढ़ने के लिए साथ ही अपनी सुझाव संग पसंद – नापसंद जरूर बताएं। साथ ही जुड़ें रहें हमारी वेबसाइट ” मोक्ष भूमि – काशी “ के साथ। हमारी टीम को आपके प्रतिक्रिया का इन्तजार है। 9889881111
खबरों के लिए क्लिक करें – https://innovest.co.in
यदि आप सनातनी है तो काशी की नष्ट हो रही ऊर्जा को बचाने के लिए अभियान में आप के साथ की जरूरत है। कृपया सम्पर्क करें… 9889881111, 8765000123
डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता को जाँच लें । सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/ प्रवचनों /धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। जानकारी पूरी सावधानी से दी जाती हैं फिर भी आप पुरोहित से स्पस्ट कर लें।
Leave a Reply