आखिर क्यों ख़ास हैं बसंत पंचमी का दिन
हिन्दू धर्म के मुताबिक समस्त धार्मिक व मांगलिक कृत्य भी आज विशेष तौर से सम्पन्न होते हैं। नव प्रतिष्ठान व व्यापार के प्रारम्भ हेतु आज का दिन सर्वोत्तम माना गया है। घर परिवार के अतिरिक्त मंदिरों व सार्वजनिक स्थलों पर माँ सरस्वती जी की मूर्ति स्थापित करके विधि-विधानपूर्वक पूजा-अर्चना करने की धार्मिक परम्परा है। बसन्त पंचमी के दिन होलिका की स्थापना करके उनके गीतों का गायन भी किया जाता है। बसन्त पंचमी का पर्व मौसम में परिवर्तन के साथ ही खुशहाली का संदेश देता है। आज से ‘वसन्त ऋतु’ की शुरुआत भी हो जाती है। आज के दिन रति काम महोत्सव’ भी मनाने की परम्परा है।
इस पावन उत्सव से कई रोचक तथ्य भी जुड़े हुए हैं आइए जानते हैं ..
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– ऋतुराज बसंत के आगमन पर विद्या और बुद्धि की देवी मां सरस्वती को समर्पित है बसंत पंचमी का त्योहार।
– भगवान श्रीकृष्ण से प्राप्त वरदान से कारण बसंत पंचमी के दिन मां की आराधना की जाती है ।
– बसंत पंचमी के दिन होलिका स्थपित कर होली के त्योहार की औपचारिक शुरुआत हो जाती है।
– कुछ प्रांतों में बसंत पंचमी के दिन पतंग उड़ाने की परंपरा है
– माता शबरी के जुठे बेर प्रभु श्रीराम ने बसंत पंचमी के दिन ही खाए थे।
– बसंत पंचमी के दिन ही पृथ्वी राज चौहान ने शब्दभेदी बाण चलाकर मोहम्मद गौरी का वध किया था।
– बसंत पंचमी के दिन ही राजा भोज के जन्मदिवस को भी मनाया जाता है।
– राजा भोज आज के दिन आम जनता के लिए बहुत बड़े भोज का आयोजन कराते थे, जिसमे 40 दिनों तक पूरी प्रजा भोजन करती थी।
– बसंत पंचमी के दिन ही बच्चों की शिक्षा का आरंभ शुभ माना जाता है।
– शास्त्रों के अनुसार मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए पीले रंग के वस्त्र धारण किए जाते हैं।
– इस दिन सांप को दूध पिलाने से परिवार में सुख और समृद्धि का वृद्धि होता है।
– बच्चे पढ़ाई में कमजोर हैं तो बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा कर हल्दी को एक कपड़े में बांधकर बच्चे की दाएं भुजा में बांध दें।
– माता सरस्वती की उपासना से मन शांत होता है और वाणी में निखार आता है।
आज की जानकारी
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