Home 2023 रथसप्तमी : पढ़िए इस दिन का महत्व, जब सूर्य देव अपने सात घोड़ो के रथ पऱ हुए सवार

" मोक्ष भूमि " आपका अभिनंदन करता हैं। धार्मिक जानकारियों के लिए हमारे साथ बने रहिये।   निवेदन : " मोक्षभूमि " डेस्क को 9889940000 पर व्हाट्सअप कर निशुल्क ज्योतिष,वास्तु, तीज - त्यौहार और व्रत या अन्य समस्या का समाधान पूछ सकते हैं।

रथसप्तमी : पढ़िए इस दिन का महत्व, जब सूर्य देव अपने सात घोड़ो के रथ पऱ हुए सवार

सूर्य, चंद्र, अग्नि, पवन, वरुण और इंद्र प्रमुख गौण देवता हैं। ये देवता मानव जीवन के साथ-साथ सभी जीवों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारतीय संस्कृति सभी के प्रति कृतज्ञता सिखाती है। इसी के अनुसार सूर्य देव के प्रति आभार प्रकट करने के लिए ‘रथ सप्तमी’ का पर्व मनाया जाता है। इसलिए इस दिन सूर्य की पूजा की जाती है ।

रथसप्तमी का महत्व :

माघ शुक्ल सप्तमी को रथसप्तमी मनाई जाती है। इस दिन से सूर्य अपने रथ में भ्रमण करते हैं। इस रथ में सात घोड़े हैं; इसलिए रथसप्तमी शब्द का प्रयोग हुआ है। यह भास्कर की पूजा है, सूर्य जो अंधकार को दूर करता है और चराचर को नया जीवन देता है। यह सूर्य देव व प्रकाश की पूजा है।रथसप्तमी को संक्रांति के अवसर पर महिलाओं द्वारा किए जाने वाले हल्दी-कुंकवा का अंतिम दिन माना जाता है।

सभी अंकों में ‘सात’ अंक का विशेष महत्व है। अंक ‘सात’ में त्रिगुणों के संतुलन के साथ-साथ सत्त्व गुण की वृद्धि के लिए आवश्यक जीवन शक्ति, आनंद आदि की सूक्ष्म तरंगों को अवशोषित करने की विशेष क्षमता होती है। सप्तमी शक्ति और चैतन्य का सुंदर संगम है। इस दिन किसी देवता विशेष का सिद्धांत और शक्ति, आनंद और शांति की तरंगें 20 प्रतिशत अधिक सक्रिय होती हैं। रथसप्तमी को निर्गुण सूर्य (सूक्ष्म सौर तत्व) की तरंगें अन्य दिनों की अपेक्षा 30 प्रतिशत अधिक सक्रिय होती हैं।’

इतिहास :

रथ सप्तमी वह दिन है जब सूर्य देव हीरे से जड़ित सोने के रथ में विराजमान हुए। सूर्यदेव को स्थिर रूप से खड़े रह कर साधना करते समय स्वयं की गति संभालना संभव नहीं हो रहा था। उनके पैर दुखने लगे और उसके कारण उनकी साधना ठीक से नही हो रही थी । तब उन्होंने परमेश्वर से उस विषय मे पूछा और बैठने के व्यवस्था करने के लिए कहा। मेरे बैठने के उपरांत मेरी गति कौन संभालेगा? “ऐसा उन्होंने परमेश्वर से पूछा”। तब परमेश्वर ने सूर्यदेव को बैठने के लिये सात घोड़े वाला हीरे से जड़ा हुआ सोने का एक रथ दिया। जिस दिन सूर्यदेव उस रथ पर विराजमान हुए, उस दिन को रथसप्तमी कहते हैं। इसका अर्थ है ‘सात घोड़ों का रथ’।

‘रथसप्तमी’ सूर्य देव का जन्म दिवस ! –

‘माघ शुक्ल पक्ष सप्तमी’ को ‘रथ सप्तमी’ कहा जाता है। महर्षि कश्यप और देवी अदिति के गर्भ से सूर्य देव का जन्म इसी दिन हुआ था। श्री सूर्यनारायण, भगवान श्री विष्णु के एक रूप ही है । संपूर्ण विश्व को अपने महातेजस्वी स्वरूप से प्रकाशमय करने वाले सूर्यदेव के कारण ही पृथ्वी पर जीवन का अस्तित्व है।

सूर्य का उत्तरायण की और मार्गक्रम हो रहा है, यह दर्शाने वाला रथ सप्तमी का त्योहार ! – रथसप्तमी एक ऐसा त्योहार है जो सूचित करता है कि सूर्य उत्तरायण में मार्गक्रमण कर रहा है। उत्तरायण अर्थात उत्तर दिशा से मार्गक्रमण करना। उत्तरायण यानी सूर्य उत्तर दिशा की ओर झुका होता है। ‘श्री सूर्यनारायण अपने रथ को उत्तरी गोलार्ध में घुमा रहे हैं’, इस स्थिति मे रथसप्तमी को दर्शाया गया है। रथसप्तमी किसानों के लिए फसल का दिन और दक्षिण भारत में धीरे-धीरे बढ़ते तापमान का दर्शक है एवं वसंत ऋतु नजदीक आने का प्रतीक भी है।

जीवन का मूल स्रोत है सूर्य ! –

सूर्य जीवन का मूल स्रोत है। सूर्य की किरणें, विटामिन ‘डी’ जीवनसत्व प्रदान करती हैं, जो शरीर के लिए आवश्यक है। समय का मापन सूर्य पर निर्भर होता है। सूर्य ग्रहों का राजा है और इसका स्थान नवग्रहों में है। यह स्थिर है और अन्य सभी ग्रह इसकी परिक्रमा करते हैं। सूर्य स्वयं प्रकाशमान है और अन्य ग्रह उसका प्रकाश प्राप्त करते हैं।

हिंदू धर्म में सूर्य पूजा का महत्व –

हिंदू धर्म में सूर्य पूजा का बहुत महत्व है। प्रतिदिन प्रातः काल सूर्य को अर्घ्य देने से, अंधकार का नाश कर जगत को प्रकाशमान करने की शक्ति सूर्य को प्राप्त होती है। (जिस प्रकार उपासना के कारण मूर्ति जागृत होती है यह उसी प्रकार है)

ज्योतिष शास्त्र अनुसार रवि का (अर्थात सूर्य का) महत्व

ज्योतिष शास्त्र अनुसार रवि (अर्थात् सूर्य) आत्मकारक है। मानव शरीर का जीवन, आध्यात्मिक शक्ति और चैतन्य शक्ति इनका बोध रवि के माध्यम से होता है’, यह उसका अर्थ है। किसी की जन्मकुंडली में सूर्य जितना बलवान होगा, उसकी जीवन शक्ती और प्रतिरोधक क्षमता उतनी ही बेहतर होगी। राजा, मुखिया, सत्ता, अधिकार, कठोरता, तत्वनिष्ठ, कर्तृत्व, सन्मान, प्रसिद्धि, स्वास्थ्य, वैद्यकशास्त्र आदि का कारक रवि है। सूर्य देव के रथ में सात घोड़े सप्ताह की सात दिनों का प्रतिनिधित्व करते हैं। रथ के बारह पहिये बारह राशियों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

रथसप्तमी पर किये जाने वाले सूर्यदेव की पूजा विधि –

रथ सप्तमी के दिन सूर्योदय के समय स्नान करना चाहिये। सूर्य देव के 12 नाम ले कर कम से कम 12 सूर्य नमस्कार करें । पीढ़े पर, रथ पर विराजमान सूर्यनारायण की आकृति बनाकर उनकी पूजा करें। उन्हे लाल फूल अर्पित करे। सूर्यदेव से प्रार्थना करें और भक्ति के साथ आदित्य हृदयस्तोत्रम, सूर्याष्टकम् और सूर्य कवचम् में से किसी एक स्त्रोत्र का पाठ करें या सुनें। रथसप्तमी के दिन कोई नशा न करे। रथसप्तमी के दूसरे दिन से प्रतिदिन सूर्य को प्रार्थना करनी चाहिए और सूर्य नमस्कार करना चाहिए। इससे स्वास्थ्य अच्छा रहता है।’

रथसप्तमी मनाने की विधि :
सूर्यनारायण की पूजा :

सूर्यनारायण के सात घोड़ों का रथ, अरुण सारथी और सूर्यनारायण को रंगोली या चंदन से पीढ़े पर बनाया जाता है और सूर्यनारायण की पूजा की जाती है । आंगन में, गाय के गोबर के उपलों को जलाकर उस पर एक कटोरे में तब तक दूध गर्म किया जाता है जब तक कि दूध बरतन से गिर नही जाता है; अर्थात अग्नि को समर्पण होने तक रखते है। फिर बचा हुआ दूध सभी को प्रसाद के रूप में दिया जाता है।

मकर संक्रांति से रथसप्तमी के काल में की जाने वाली पारिवारिक विधियां :

‘बहु का तिलवण अर्थात तिल और शक्कर की चिरौंजी से बने अलंकार बहू को पहनाकर हल्दी कुमकुम किया जाता है। दामाद को विवाह के उपरांत प्रथम संक्रांति पर उपायन देते हैं और एक वर्ष की आयु के बालक का बोरवण अर्थात बालक को भी तिल और शक्कर की चिरौंजी से बने अलंकार पहनाकर अन्य बच्चों को बुलाया जाता है तथा दामाद को भी अलंकार पहनाए जाते हैं।’

– श्री गुरुराज प्रभु, सनातन संस्था


आप हमें facebook, इंस्टाग्राम और Twitter पर फॉलो व सब्सक्राइब कर सकते हैं

आज की जानकारी

रथसप्तमी : पढ़िए इस दिन का महत्व, जब सूर्य देव अपने सात घोड़ो के रथ पऱ हुए सवार

साप्ताहिक राशिफल 30 जनवरी -5 फरवरी : इस सप्ताह किन राशियों के लिए बन रहे हैं धन योग

हवन और यज्ञ है अलग अलग, न करें एक समझने की भूल , जानें बड़ा अंतर

पौराणिक कथा : वह कौन सा राजा था जिससे उसके पुत्र को आरे से काटना …पुत्र का मांस शेर को खिलाया

जानिए श्रीरामचरितमानस की विवादित चौपाई का सही अर्थ


दैनिक पंचांग / जन्मदिन राशिफल / जन्मदिन राशिफल

आज का पंचांग, 27 जनवरी 2023, शुक्रवार

आज का पंचांग, 27 जनवरी 2023, शुक्रवार

आज का पंचांग, 26 जनवरी 2023, बसंत पंचमी, गुरुवार

दैनिक राशिफल 26 जनवरी ( गुरूवार )

साप्ताहिक राशिफल 30 जनवरी -5 फरवरी : इस सप्ताह किन राशियों के लिए बन रहे हैं धन योग

जिनका आज जन्मदिन है, पुरे साल की जानकारी


ग्रह चाल और भाग्य

30 साल बाद गोचर शनि इन चार राशियों का बदलेगा किस्मत राह

साल 2023 में कैसा रहेगा आपका भाग्य, मेष राशि से मीन राशि तक का जानिए वार्षिक राशिफल


इन्हें भी जानिए

जानिए कब शुरू हो रहा हैं गुप्त नवरात्रि ? क्या हैं इनका महत्व और पूजा एवं मन्त्र

माता सरस्वती को समर्पित हैं बसंत पंचमी, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व जानें

मौनी अमावस्या पर क्या करें दान?, स्नान के क्या हैं महत्व, कैसे करें भगवान विष्णु को प्रसन्न

मौनी अमावस्या : शनिवार अमावस्या की रात करें लौंग का ये प्रयोग , पैसों के आवक की बढ़ेगी रफ़्तार

आइये जानते हैं अमावस्या के 10 रहस्य, कलशनिवार को हैं मौनी अमावस्या

पितरों से आशीर्वाद पाने के लिए कल मौनी अमावस्या को ये उपाय, ये होंगे लाभ

आखिर क्यों महाभारत में गंगा ने मार दिया था अपने 7 बेटों को

आज बुधवार से शनिदेव कुंभ राशि में किये प्रवेश, इन राशियों पऱ पड़ेगा असर…

जानिए आखिर क्यों जाते हैं मंदिर, क्या होता हैं इसका अनगिनत लाभ

दो नहीं चार कन्याओं से किया था भीम ने विवाह, हर एक की है पौराणिक कथा


उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। अन्य लेख पढ़ने के लिए साथ ही अपनी सुझाव संग पसंद – नापसंद जरूर बताएं। साथ ही जुड़ें रहें हमारी वेबसाइट ” मोक्ष भूमि – काशी “ के साथ। हमारी टीम को आपके प्रतिक्रिया का इन्तजार है। 9889881111


खबरों के लिए क्लिक करें – https://innovest.co.in


यदि आप सनातनी है तो काशी की नष्ट हो रही ऊर्जा को बचाने के लिए अभियान में आप के साथ की जरूरत है। कृपया सम्पर्क करें… 9889881111, 8765000123

डिसक्लेमर
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता को जाँच लें । सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/ प्रवचनों /धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। जानकारी पूरी सावधानी से दी जाती हैं फिर भी आप पुरोहित से स्पस्ट कर लें।

Author: Admin Editor MBC

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!