Home 2023 पत्थर रूप में ही क्यों शिंगणापुर में प्रकट हुए शनि पढ़िए पुरी कहानी

" मोक्ष भूमि " आपका अभिनंदन करता हैं। धार्मिक जानकारियों के लिए हमारे साथ बने रहिये।   निवेदन : " मोक्षभूमि " डेस्क को 9889940000 पर व्हाट्सअप कर निशुल्क ज्योतिष,वास्तु, तीज - त्यौहार और व्रत या अन्य समस्या का समाधान पूछ सकते हैं।

पत्थर रूप में ही क्यों शिंगणापुर में प्रकट हुए शनि पढ़िए पुरी कहानी

हिन्दू धर्म में शनिदेव को कर्मफल दाता के रूप में वर्णित किया गया है। शनि देव का स्थान ग्रहों में भी है। जहां हर देवी-देवता या ग्रह मूर्ति रूप में पूजे जाते हैं तो वहीं, शनि देव काले पत्थर के रूप में शिंगणापुर में विराजमान है।

शनिदेव पहली बार शिंगणापुर में एक काले पत्थर के रूप में प्रकट हुए थे और तभी से उनकी पूजा का विधान इसी रूप में आरंभ हुआ।

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार श्रावण माह में भारी वर्षा के कारण जल स्तर बहुत बढ़ गया था और जगह-जगह नदियां उफान पर थीं। नदी के बहाव में बहकर एक दिन एक बड़ा सा काला पत्थर शिंगणापुर के तट पर जा पहुंचा।

इतना बड़ा पत्थर देख शिंगणापुर के बच्चों ने उसके ऊपर चढ़कर खेलना शुरू कर दिया। खेल-खेल में जब एक बच्चे ने काली शिला पर दूसरा पत्थर मारा तब शिला से आवाज आई और रक्त बहने लगा। यह देख बच्चे डर गए।

सभी बच्चे भागे-भागे अपने परिवार के पास पहुंचे और उन्हें जाकर पूरी बात बताई। बच्चों की बात सुन सभी गांव वाले शिला को देखने के लिए तट पर गए लेकिन उन्हें कुछ भी विचित्र नहीं दिखा और न ही उस शिला को लेकर उन्हें कुछ समझ आया।

जब गांव के सभी लोग सो गए तब शनि देव ने हर एक ग्राम वासी के सपने में जाकर उनके शिला में वहां होने की बात बताई। यह सुन सभी लोग अगले दिन संपूर्ण पूजन सामग्री और बैलगाड़ी के साथ शिला के पास पहुंचे।

इसके बाद बैलगाड़ी में रखकर शिला को गांव वालों ने पूर्ण विधि-विधान के साथ स्थापित किया और तभी से आजतक शिला के रूप में ही शनि देव शिंगणापुर में विराजमान हैं। माना जाता है कि शनि देव आज भी उस गांव की रक्षा करते हैं।

मान्यता है कि शनि देव शिला रूप में इसलिए प्रकट हुए थे ताकि उनकी पूजा का अधिकार सभी को मिल सके। मूर्ति रूप में पूजा-अभिषेक आदि करना महिलाओं के लिए बाध्य हो जाता है। शिला रूप में तेल अर्पित करना और पूजा-पाठ आदि सरल है।


अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे facebook पर शेयर और लाइक, इंस्टाग्राम और Twitter पर फॉलो व सब्सक्राइब जरूर करें।



इन्हें भी पढ़िए..

राम मंदिर निर्माण में लगेगें शालिग्राम के पवित्र शिला , जानिए क्या है इसका धार्मिक महत्व

03, 04 एवं 05 फरवरी को माघ मास की अंतिम 3 तिथियाँ क्यों है बेहद ख़ास, आपको भी मिल सकता है महापुण्य पुंज,

कल, गुरूवार को है माध मास का अंतिम प्रदोष व्रत, जानें मुहूर्त और महत्व

कुछ ऐसा रहेगा आपका फरवरी में ग्रह चाल , जानिए अपने राशि का हाल

जानिए, फरवरी में ये हैं शादी के मूहूर्त, कब कर सकते हैं गृहप्रवेश, मुंडन, साथ ही पंचक का मतलब और कब है पंचक ?

ये है फरवरी माह के व्रत, त्योहार और छुट्टी की लिस्ट, जानिए कब है महाशिवरात्रि ?

घर में रखा आटा खोल सकता है धन के मार्ग

जानें हनुमान चालीसा में वर्णित अष्ट सिद्धियों के नाम और रहस्य

क्यों की जाती है मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा ? बरतें ये सावधानियां…

शनि को ख़ुश कर पाना हो मान और सम्मान तो करिये ये खास चमत्कारिक उपाय


दैनिक पंचांग / जन्मदिन राशिफल / जन्मदिन राशिफल

3 फरवरी 2023 का शुभ मुहूर्त (गुरूवार )

3 फरवरी 2023, शुक्रवार का राशिफल

आज का पंचांग, 2 फरवरी 2023, गुरुवार

दैनिक राशिफल 02 फरवरी (Thursday)


उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। अन्य लेख पढ़ने के लिए साथ ही अपनी सुझाव संग पसंद – नापसंद जरूर बताएं। साथ ही जुड़ें रहें हमारी वेबसाइट ” मोक्ष भूमि – काशी “ के साथ। हमारी टीम को आपके प्रतिक्रिया का इन्तजार है। 9889881111



अभियान में आप के साथ की जरूरत है। कृपया सम्पर्क करें… 9889881111, 8765000123

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता को जाँच लें । सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/ प्रवचनों /धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। जानकारी पूरी सावधानी से दी जाती हैं फिर भी आप पुरोहित से स्पस्ट कर लें।

Author: Admin Editor MBC

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!