Home 2023 क्यों होता है प्रत्येक पूर्णिमा ख़ास, जानिए पुरे वर्ष के पूर्णिमा पऱ मनाये जाने वाले विशेष पर्व

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क्यों होता है प्रत्येक पूर्णिमा ख़ास, जानिए पुरे वर्ष के पूर्णिमा पऱ मनाये जाने वाले विशेष पर्व

भारतीय सनातन परम्परा में हिन्दू धर्मग्रन्थों में हर माह के विशिष्ट तिथि की विशेष महिमा है। चन्द्रमास के सभी तिथियों का किसी न किसी देवी-देवता की पूजा-अर्चना से सम्बन्ध है। तिथि विशेष पर की गई पूजा-अर्चना से सर्वमनोकामना की पूर्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। पूर्णिमा तिथि पर स्नान-दान देवदर्शन विशेष पुण्यफलदायी माना गया है। इस दिन व्रत उपवास करके पूजा करने का विधान है।

वर्षभर की पूर्णिमा

चैत्र शुक्लपक्ष की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयन्ती, वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध जयन्ती, ज्येष्ठ मास की पुर्णिमा को सावत्री व्रत, आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा, सावन के पूर्णिमा को रक्षाबन्धन, आश्विन शुक्लपक्ष की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा कार्तिक मास के शुक्ल की पूर्णिमा को गुरुनानक जयन्ती मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष की पूर्णिमा को दत्तात्रेय जयन्ती पौष शुक्लपक्ष की पूर्णिमा तिथि को शाम्बरी जयन्ती माघ शुक्लपक्ष की पूर्णिमा तिथि को संत रविदास जयन्ती, श्रीभैरव जयन्ती श्रीललिता जयन्ती मनाने की पौराणिक व धार्मिक मान्यता है।

इस बार स्नान-दान एवं आदि की पूर्णिमा

2023 में 5 फरवरी रविवार को पूर्णिमा मनाया जायेगा। शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 4 फरवरी, शनिवार को रात्रि 9 बजकर 31 मिनट पर लगेगी जो कि अगले दिन 5 फरवरी, रविवार को रात्रि 11 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। आज पूर्णिमा तिथि पर पुष्य नक्षत्र 4 फरवरी, शनिवार को प्रातः 9 बजकर 17 मिनट से 5 फरवरी, रविवार को दिन 12 बजकर 13 मिनट तक रहेगी। आज के दिन पूर्णिमा तिथि पर गंगा स्नान-दान विशेष पुण्य फलदायी रहेगा 7 जनवरी, शनिवार से प्रारम्भ हुए माघ मास के नियम-धर्म की समाप्ति भी आज हो जाएगी।



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दैनिक पंचांग / जन्मदिन राशिफल / जन्मदिन राशिफल

आज का पंचांग, 4 फरवरी 2023, शनिवार

राशिफल 4 फरवरी 2023 शनिवार

3 फरवरी 2023 का शुभ मुहूर्त (गुरूवार )

3 फरवरी 2023, शुक्रवार का राशिफल


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Author: Admin Editor MBC

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