Home 2023 जानें शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या है अंतर

" मोक्ष भूमि " आपका अभिनंदन करता हैं। धार्मिक जानकारियों के लिए हमारे साथ बने रहिये।   निवेदन : " मोक्षभूमि " डेस्क को 9889940000 पर व्हाट्सअप कर निशुल्क ज्योतिष,वास्तु, तीज - त्यौहार और व्रत या अन्य समस्या का समाधान पूछ सकते हैं।

जानें शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या है अंतर

18 फरवरी, दिन शनिवार को महाशिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष विधान है। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव के शिवलिंग रूप की आराधना करता है उसके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

जहां एक ओर महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है तो वहीं, शिवरात्रि के दिन भी महादेव की आराधना का विशेष विधान है। महाशिवरात्रि और शिवरात्रि दोनों ही भगवान शिव को समर्पित होती हैं लेकिन एक होते हुए भी दोनों बहुत भिन्न हैं। दोनों में बहुत बड़ा अंतर है।

क्या होती है शिवरात्रि?

हर माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि मनाई जाती है जिसे मासिक शिवरात्रि के रूप में जाना जाता है। इस गणना के आधार पर साल में 12 मासिक शिवरात्रि पड़ती हैं। हर माह में पड़ने वाली शिवरात्रि का महत्व अलग-अलग है। हालांकि सावन के महीने में पड़ने वाली शिवरात्रि अधिक महत्व रखती है।

क्या होती है महाशिवरात्रि?

फाल्गुन माह (फाल्गुन माह के नियम और पूजा विधि) में आने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है। यह शिवरात्रि महाशिवरात्रि इसलिए कहलाती है क्योंकि इस दिन भगवान शिव ने वैराग्य को त्याग कर माता पार्वती से विवाह किया था। मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव के साथ-साथ माता पार्वती की पूजा का भी विशेष विधान है।

शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में अंतर

जहां एक ओर मासिक शिवरात्रि में सिर्फ महादेव की पूजा की जा सकती है। वहीं महाशिवरात्रि में महादेव के साथ-साथ माता पार्वती की पूजा का भी विधान है।

जहां एक ओर शिवरात्रि की पूजा का अर्थ यह है कि भगवान शिव को मन में बसा कर उन्हीं का अंश खुद को समझते हुए उनके प्रति समर्पण करना।

तो वहीं, महाशिवरात्रि की पूजा का अर्थ है अग्नि तत्व को मन में जागृत करना क्योंकि इस दिन महादेव पहली बार शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे।

जहां शिवरात्रि के दिन पूजा-पाठ (पूजा-पाठ से जुड़ी जरूरी बातें) करने से भगवान शिव की कृपा बरसती है और व्यक्ति आध्यात्म की ओर बढ़ता है और भक्ति रस मन में स्थान लेता है।

वहीं, महाशिवरात्रि पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा से दांपत्य जीवन में मधुरता आती है और प्रेम संबंध भी मजबूत होता है।




इन्हें भी पढ़िए..

इस साल 7 या 8 मार्च, किस दिन खेली जाएगी होली? जानें होलिका दहन का सही मुहूर्त

जानिए क्या है फाल्गुन मास का धार्मिक महत्व, किनका करें पूजा…

महाशिवरात्रि पर इन राशियों को मिलेगा शिव जी का महा आर्शीवाद


दैनिक पंचांग / राशिफल

आज का पंचांग, 10 फरवरी 2023, शुक्रवार

आज का राशिफल 10 फरवरी 2023 शुक्रवार

आज का पंचांग, 9 फरवरी 2023, गुरुवार

आज का राशिफल , 9 फरवरी 2023, गुरुवार


अवश्य पढ़िए..

ये हैं आज से शुरू हुए हिंदी कैलेंडर के अंतिम मास फागुन की ख़ास बातें

आज से शुरू हो रहा है फाल्गुन माह, जानें महत्त्व, नियम और पूजा विधि

यदि हैं आज कोर्ट कचहरी के चक्कर से परेशान, राहत के लिए आजमाये ये उपाय

छिड़कें दो चुटकी नमक, मिलेगा जोरदार तरक्की आपको अपने करियर में

शनि देव को शांत करने के पाँच प्रयोग, पढ़िए ब्रह्म पुराण’ में क्या कहते है शनिदेव

पत्थर रूप में ही क्यों शिंगणापुर में प्रकट हुए शनि पढ़िए पुरी कहानी

कुछ ऐसा रहेगा आपका फरवरी में ग्रह चाल , जानिए अपने राशि का हाल

जानिए, फरवरी में ये हैं शादी के मूहूर्त, कब कर सकते हैं गृहप्रवेश, मुंडन, साथ ही पंचक का मतलब और कब है पंचक ?

ये है फरवरी माह के व्रत, त्योहार और छुट्टी की लिस्ट, जानिए कब है महाशिवरात्रि ?


उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। अन्य लेख पढ़ने के लिए साथ ही अपनी सुझाव संग पसंद – नापसंद जरूर बताएं। साथ ही जुड़ें रहें हमारी वेबसाइट ” मोक्ष भूमि – काशी “ के साथ। हमारी टीम को आपके प्रतिक्रिया का इन्तजार है। 9889881111



डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता को जाँच लें । सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/ प्रवचनों /धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। जानकारी पूरी सावधानी से दी जाती हैं फिर भी आप पुरोहित से स्पस्ट कर लें।

Author: Admin Editor MBC

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!