क्या घर में रखी भगवान की मूर्ति का अचानक से टूटना हो सकता है अशुभ, जानें क्या कहता है शास्त्र ?
हमारे देश में लगभग सभी घरों में भगवान की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि पूरे श्रद्धा भाव से पूजन करने से भगवान को प्रसन्न किया जा सकता है और उनकी विशेष कृपा दृष्टि प्राप्त होती है। लोगों के घर में पूजा का एक खास स्थान और भगवान की कुछ मूर्तियां होती हैं जिनसे वो पूजन करते हैं और अपनी भक्ति प्रकट करते हैं।
वास्तु और ज्योतिष की मानें तो कुछ विशेष प्रकार की भगवान की मूर्तियां घर में और मंदिर में स्थापित की जाती हैं। लेकिन कई बार जल्दबाजी में या फिर बिना किसी कारण के ही भगवान की मूर्तियां खंडित हो जाती हैं। लोगों की श्रद्धा उस मूर्ति से इतनी जुड़ी होती है कि लोग खंडित मूर्तियों को घर से बाहर भी नहीं हटा पाते हैं। लेकिन आपने कभी सोचा है कि आपके घर में यदि भगवान की कोई मूर्ति अचानक से टूट जाए तो इसका क्या मतलब हो सकता है। जी हां, यदि आपके घर में रखी भगवान की मूर्ति टूट जाए तो ये कुछ बातों को और संकेत करता है।
टूटी मूर्तियां हो सकती हैं नकारात्मकता की प्रतीक
कई बार हमारे घर में कुछ ऐसी घटनाएं घटने लगती हैं जिनका संबंध जीवन के लिए नकारात्मक संकेत लेकर आता है। कई बार कुछ चीजें भी नकारात्मक ऊर्जा लेकर आती हैं। ऐसे ही कई कारकों में से एक है घर में रखी भगवान की टूटी हुई मूर्तियां। शीतल जी बताती हैं कि इस तरह की टूटी मूर्तियां अपनी तरफ नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं। लोग अक्सर घर के मंदिर में टूटी हुई मूर्तियों को छोड़ देते हैं, जिससे घर की ऊर्जा पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। घर में मूर्तियों के रूप में रखे भगवान भले ही आपको श्रद्धा दिखाने का मौका देते हों लेकिन उनकी खंडित मूर्ति को रखने से घर का अनिष्ट हो सकता है। इस तरह की विखंडित मूर्तियां घर में होने वाले लड़ाई झगड़े का कारण भी बन सकती हैं।
भगवान की मूर्ति का गिरकर टूटने का मतलब
कई बार हमने देखा है कि अंजाने में भगवान की मूर्ति हाथ से छूट जाती है, जिससे वह टूट जाती है। यही नहीं कई बार भगवान की मूर्तियां अचानक से खंडित हो जाती हैं। ऐसी मूर्तियों के लिए खंडित शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसी खंडित मूर्तियां भविष्य में आने वाली किसी अनहोनी का संकेत हो सकती हैं। दरअसल ऐसा माना जाता है कि खंडित मूर्तियां घर की अनहोनी घटना को अपने भीतर समाहित कर लेती हैं जिससे होने वाले अनिष्ट का फल कम हो जाता है। भगवान की टूटी हुई मूर्तियों को घर से तुरंत बाहर कर दें जिससे से बचा जा सके। वास्तु शास्त्रके अनुसार न केवल आपको मंदिर में टूटी हुई मूर्तियों का उपयोग करने से बचना चाहिए, बल्कि खंडित रोशनी के उपयोग से भी बचना चाहिए क्योंकि यह घर को खराब कर सकती है।
मूर्ति के अपने आप टूटने पर क्या कहता है शास्त्र
ऐसा कहा जाता है कि यदि मूर्ति किसी कारणवश टूट जाती है या स्वतः टूट जाती है, तो इसका मतलब है कि एक त्रासदी आप पर हमला करने वाली थी, लेकिन यह टल गई या मूर्ति द्वारा आपदा के प्रभाव को हटा दिया गया है। भले ही मूर्ति का टूटना खराब संकेत क्यों न हो लेकिन ये आपके लिए एक तरह से अच्छा भी है क्योंकि ये किसी भी बुरी घटना के प्रभाव को कम कर देता है। यदि आपके घर में रखी भगवान को मूर्ति टूट जाए तो घबराने की बजाय उस मूर्ति को सही स्थान पर रखना चाहिए और ऐसी खंडित मूर्ति की पूजा करने से बचना चाहिए।
खंडित मूर्तियां ध्यान में डालती हैं बाधा
शास्त्रों के अनुसार पूजा करते समय आपको अपना पूरा ध्यान भगवान की पूजा पर लगाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि यदि आप घर के पूजा स्थान पर खंडित मूर्ति को रखते हैं तो ये आपके पूजा में मन लगाने में बाधा पैदा कर सकता है। दरअसल पूजा करते समय भक्तों के मन में देवता की स्पष्ट तस्वीर होनी चाहिए। यदि खंडित तस्वीर या मूर्ति की पूजा की जाती है तो ये अनायास ही आपके लिए अशुभ संकेत ला सकती है। खंडित मूर्ति की पूजा करते समय भक्त का मन विचलित होता रहता है और इस तरह की अशांत प्रार्थना का कोई सकारात्मक परिणाम नहीं होता है।
खंडित मूर्ति का क्या करें
वास्तु शास्त्र के अनुसार टूटी हुई मूर्तियां जिन पर प्राण प्रतिष्ठा की गई है, उन्हें जल में नहीं डालना चाहिए। इसे किसी गुरु या मंदिर के पंडित को सर्वोत्तम उपयोग के लिए सौंप दिया जाना चाहिए। खंडित मूर्ति को किसी चौराहे या पेड़ के नीचे लावारिस रखने के बजाय ध्यान और सम्मान के साथ विसर्जित किया जाना चाहिए। यदि मूर्ति एक फोटो फ्रेम में लगी है और वह टूट जाती है, तो उसे फ्रेम और कांच से हटा देना चाहिए और फोटो को विसर्जित कर देना चाहिए। अगर आप ऐसी फोटो को हटाती नहीं हैं तो इसे ठीक करके ही घर पर रखें। कभी भी टूटे फ्रेम की तस्वीर घर में न लगाएं।
इस प्रकार घर में रखी विखंडित मूर्तियां किसी अशुभ संकेत को दिखाती हैं इसलिए इन्हें श्रद्धा पूर्वक घर से बाहर कर देना ही ठीक होता है।
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