Home 2023 शनि देव की पूजा करते वक्‍त रखें इन बातों का ध्‍यान

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शनि देव की पूजा करते वक्‍त रखें इन बातों का ध्‍यान

शनि देव को न्‍याय का देवता कहा जाता है। शायद यही वजह है कि शनि देव से सभी को डर लगता है। कई लोग तो शनि के प्रकोप से बचने के लिए उनकी हर शनिवार को पूजा भी करते हैं। मगर शनि देव की पूजा करते वक्‍त कुछ बातों का विशेष ध्‍यान रखना जरूरी होता है।

कहां देख कर करें शनि देव की पूजा

किसी भी देवी-देवता की पूजा करते वक्‍त आमतौर पर हमारी आंखें उनके स्‍वरूप को ही निहारती है। मगर जब हम शनि देव की पूजा कर रहे होते हैं, तो आपको उनकी आंखों की ओर नहीं देखना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि शनि देव की दृष्टि बहुत तेज होती है और अगर वह किसी मनुष्‍य पर पड़ती है तो उसका अनिष्‍ट हो सकता है। इसलिए हमेशा जब आप शनिदेव की पूजा करें तो आंखों को झुकाकर ही उनकी पूजा करें।

शनि देव की पूजा के कैसे बर्तनों का करें इस्‍तेमाल

शनि देव की पूजा हमेशा स्‍टील या लोहे के बर्तन में ही करनी चाहिए। भूल से भी पीतल और तांबे के बर्तन में आपको शनि देव की पूजा नहीं करनी चाहिए क्‍योंकि यह सूर्य का प्रतिनिधित्‍व करते हैं और शनि और सूर्य की नहीं बनती हैं। बेस्‍ट होगा कि आप लोहे के बर्तन का ही इस्‍तेमाल करें क्‍योंकि लोहा शनि का प्रतिनिधित्‍व करता है। लोहे के बर्तन से शनि देव को जल चढ़ाना बहुत ही शुभ माना गया है।

शनि देव को दीपक जलाते वक्‍त रखें ध्‍यान

शनि देव के आगे दीपक जलाने के स्‍थान पर अगर आप उन्‍हें दीपक दिखाकर पीपल के पेड़ के नीचे रखती हैं, तो आपको इससे ज्‍यादा फायदे होते हैं। क्‍योंकि पीपल का पेड़ शनिदेव को अतिप्रिय है। इस बात का भी ध्‍यान रखें कि शनिदेव को आप सरसों के तेल का दिया ही जलाएं।

शनि देव को प्रसाद क्‍या चढ़ाएं?

वैसे तो सभी देवी देवताओं को मीठे का भोग चढ़ता है, मगर शनिदेव को काले तिल और खिचड़ी का भोग ही चढ़ाया जाता है। आपको बता दें कि शनि देव को पीली खिचड़ी नहीं चढ़ती है। इसलिए उरद की दाल की खिचड़ी ही आपको बना कर शनि देव को चढ़ानी चाहिए।

शनि देव की पूजा के वक्‍त कैसे कपड़े पहनें?

जब भी आप शनिदेव की पूजा करें तो आपको नीले या फिर काले कपड़े ही पहनने चाहिए। यह रंग शनिदेव का प्रतिनिधित्‍व करते हैं। अगर आप इन दो रंगों के कपड़े शनिवार को पहन कर शनिदेव की पूजा करते हैं तो आपको और भी फायदे होंगे। यह बात जान लें कि शनिदेव की पूजा सूर्य ढलने के बाद ही की जाती है।




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Author: Admin Editor MBC

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