Home 2023 18 फरवरी 4 मार्च को है शनि प्रदोष, जानिए पूजन मुहूर्त

" मोक्ष भूमि " आपका अभिनंदन करता हैं। धार्मिक जानकारियों के लिए हमारे साथ बने रहिये।   निवेदन : " मोक्षभूमि " डेस्क को 9889940000 पर व्हाट्सअप कर निशुल्क ज्योतिष,वास्तु, तीज - त्यौहार और व्रत या अन्य समस्या का समाधान पूछ सकते हैं।

18 फरवरी 4 मार्च को है शनि प्रदोष, जानिए पूजन मुहूर्त

संवत 2079 के इस फाल्गुन मास में दो-दो शनिप्रदोष का संयोग बना है। पहला शनिप्रदोष कृष्ण पक्ष में 18 फरवरी को आ रहा है और दूसरा शुक्ल पक्ष में 4 मार्च को आएगा। प्रदोष व्रत वैसे तो हर महीने आता है किंतु सोमवार, मंगलवार और शनिवार को प्रदोष आने से यह विशेष फलदायी होता है। सोमवार को सोमप्रदोष, मंगलवार को भौमप्रदोष और शनिवार को शनिप्रदोष कहलाता है। शनिप्रदोष के दिन भगवान शिव का व्रत-पूजन, अभिषेक करने से ग्रहजनित पीड़ा दूर होती है। विशेषकर शनि का प्रकोप कम होता है। शनिवार के दिन भगवान शिव का अभिषेक विभिन्न पदार्थो से करने से शनि की साढ़ेसाती और लघुकल्याणी ढैया वालों को कष्टों से राहत मिलती है।

कैसे करें शनि प्रदोष व्रत का पूजन

शनि प्रदोष के दिन व्रती सूर्योदय पूर्व उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर गायत्री मंत्र का जाप करते हुए सूर्यदेव को जल में लाल पुष्प डालकर तांबे के कलश से अ‌र्घ्य दें। इसके बाद साफ-स्वच्छ वस्त्र धारण कर शिवजी के सामने प्रदोष व्रत का संकल्प लें। मां पार्वती सहित शिवजी का पूजन करें। दिनभर व्रत रखें। सायंकाल प्रदोषकाल में शिवजी का पूजन करें। अभिषेक करें। पूजन में बिल्वपत्र, मदार के फूल, धतूरा आदि अवश्य अर्पित करें। प्रदोषव्रत की कथा सुनें या पढ़ें, नैवेद्य लगाएं, आरती करें।

विशेष क्या

जिन लोगों को शनि की पीड़ा है वे लोग पंचामृत से शिवाभिषेक करें। अभिषेक करते समय शिवमहिम्नस्तोत्र का पाठ करें। इसके साथ ही शनिस्तोत्र का पाठ भी करें। इससे शीघ्र ही शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलेगी।

शनिवार का दिन होने के कारण इस दिन हनुमानजी का पूजन करने से भी शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है।

नवग्रह स्तोत्र के 21 पाठ करें, सभी ग्रहों की पीड़ा शांत होगी और कार्य शीघ्र बनने लगेंगे।

शनि प्रदोष के दिन महामृत्युंजय मंत्र की 11 माला जाप करें, निरोगी बनेंगे और धन-समृद्धि की प्राप्ति होगी।

शनिप्रदोष के दिन सायंकाल के समय शनि मंदिर में तिल के तेल के 11 दीपक लगाएं। दीपक में थोड़े से काले तिल और काले उड़द डालें।

यदि शनि खराब है तो शीघ्र ठीक होगा। इस उपाय को करने से दुर्घटनाओं से रक्षा होगी। शत्रु परेशान नहीं करेंगे।


इन्हें भी पढ़िए..

भगवान शिव को बेलपत्र है बेहद प्रिय, शिवलिंग पर इसे ऐसे चढ़ाने से होगा फायदा

शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय भूलकर भी न करें ये गलतियां

महाशिवरात्रि : जानिए भोलेनाथ को कौन- कौन से रस और फूल अर्पित करने से क्या- क्या मिलता है…?

भगवान शिव को बेलपत्र है बेहद प्रिय, जानिए शिवलिंग पर चढ़ाने का तरीका और उसके फायदें

पौराणिक कथा : भगवान शिव का नाम त्रिपुरारी कैसे पड़ा

इस स्थान पर होती है शिवलिंग की रात में पूजा, जानें इसकी वजह

साल का पहला सूर्य ग्रहण, राशियों पर क्या होगा प्रभाव
<a

ज्योतिष के अनुसार माथे पर चंदन का तिलक लगाने के फायदे

किनको और क्यों रखना चाहिए शिखा या चोटी, मिलता हैं ये लाभ…

भगवान विष्णु, राम और कृष्ण की तरह क्यों नहीं लगता महादेव के आगे ‘श्री’


दैनिक पंचांग / राशिफल

आज जिनका जन्मदिन हैं, 16 फरवरी

आज का पंचांग 16 फरवरी 2023 गुरुवार

आज का राशिफल 16 फरवरी 2023

जन्मदिन 15 फरवरी : आज जन्मे जातको ऐसा होगा अगला वर्ष

दैनिक राशिफल 15 फरवरी 2023 (बुधवार)

आज का पंचांग, 15 फरवरी 2023, बुधवार

साप्ताहिक राशिफल 13 -19 फरवरी : जानिए ग्रहों के चाल से कैसा रहेगा यह सप्ताह


अवश्य पढ़िए..

जानें शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या है अंतर

इस साल 7 या 8 मार्च, किस दिन खेली जाएगी होली? जानें होलिका दहन का सही मुहूर्त

जानिए क्या है फाल्गुन मास का धार्मिक महत्व, किनका करें पूजा…

ये हैं आज से शुरू हुए हिंदी कैलेंडर के अंतिम मास फागुन की ख़ास बातें

आज से शुरू हो रहा है फाल्गुन माह, जानें महत्त्व, नियम और पूजा विधि

यदि हैं आज कोर्ट कचहरी के चक्कर से परेशान, राहत के लिए आजमाये ये उपाय

छिड़कें दो चुटकी नमक, मिलेगा जोरदार तरक्की आपको अपने करियर में

शनि देव को शांत करने के पाँच प्रयोग, पढ़िए ब्रह्म पुराण’ में क्या कहते है शनिदेव

कुछ ऐसा रहेगा आपका फरवरी में ग्रह चाल , जानिए अपने राशि का हाल

जानिए, फरवरी में ये हैं शादी के मूहूर्त, कब कर सकते हैं गृहप्रवेश, मुंडन, साथ ही पंचक का मतलब और कब है पंचक ?

ये है फरवरी माह के व्रत, त्योहार और छुट्टी की लिस्ट, जानिए कब है महाशिवरात्रि ?


पौराणिक कथाएं

आखिर क्यों अपने ही बेटे के हाथों मारे गए थे अर्जुन

पत्थर रूप में ही क्यों शिंगणापुर में प्रकट हुए शनि पढ़िए पुरी कहानी


उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। अन्य लेख पढ़ने के लिए साथ ही अपनी सुझाव संग पसंद – नापसंद जरूर बताएं। साथ ही जुड़ें रहें हमारी वेबसाइट ” मोक्ष भूमि – काशी “ के साथ। हमारी टीम को आपके प्रतिक्रिया का इन्तजार है। 9889881111



डिसक्लेमर

इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता को जाँच लें । सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/ प्रवचनों /धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। जानकारी पूरी सावधानी से दी जाती हैं फिर भी आप पुरोहित से स्पस्ट कर लें।

Author: Admin Editor MBC

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!