महाशिवरात्रि पर क्यों होती है शिवलिंग की पूजा ? क्यों ख़ास हैं ये दिन..
वैसे शिवरात्रि के पीछे एक कहानी और है और वो ये कि माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती जी ने पति-पत्नी के रूप सात फेरे लिए थे।
सनातन धर्म में महाशिवरात्रि की पूजा का खासा महत्व है, फाल्गुन मास की शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की खास पूजा की जाती है। कहते हैं कि इस दिन सच्चे मन से जो भी भगवान शिव की पूजा करता है, उसकी समस्त मुरादें पूरी होती हैं और वो स्वस्थ और सुखी रहता है। इस बार ये महापर्व 18 फरवरी को है। इस दिन शिवलिंग की विशेष पूजा की जाती है। उनका अभिषेक होता है, उन पर बेलपत्र और दूध चढ़ाया जाता है।
क्यों होती है शिवलिंग की पूजा?
क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर शिवलिंग की खास पूजा महाशिवरात्रि के ही दिन क्यों होती है, अगर नहीं तो चलिए आपको बताते हैं, दरअसल ऐसा माना जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे, जिनकी खास पूजा भगवान विष्णु और ब्रह्माजी ने की थी और उनका अभिषेक किया था। तब से ही शिवलिंग की पूजा होने लगी।
शिवलिंग को भगवान विष्णु ने पूजा था
इसी दिन पहली बार शिवलिंग को भगवान विष्णु और ब्रह्माजी ने पूजा था, इस घटना के चलते महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग की विशेष पूजा की जाती है और शिव-पार्वती की पूजा भी होती है। आपको बता दें कि महाशिवरात्रि का पर्व भारत की तरह नेपाल में भी जोर-शोर से मनाया जाता है।
महाशिवरात्रि के दिन उपवास
महाशिवरात्रि के दिन भक्तगण उपवास रखते हैं, कुछ लोग इस दिन निर्जला व्रत रखते हैं तो कुछ लोग पूरे दिन उपवास रखते हैं और शाम को भोजन करते हैं। कुंवारी कन्याएं इस दिन मनचाहे पति की प्राप्ति के लिए इस दिन का व्रत करती हैं। इस दिन मंदिरों में भजन-कीर्तन का आयोजन होता है और लोग नाचते -गाते और उत्सव मनाते हैं। इस दिन शिव ज्वाला प्रकट हुई थी,इसी वजह से महाशिवरात्रि की रात्रि को कालरात्रि कहते हैं।
शिवलिंग पर जल चढ़ाते वक्त करें इन मंत्रों का जाप
ॐ नम: शिवाय।।
मन्दाकिन्यास्तु यद्वारि सर्वपापहरं शुभम् ।
तदिदं कल्पितं देव स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम् ॥
श्रीभगवते साम्बशिवाय नमः । स्नानीयं जलं समर्पयामि।
विशुद्धज्ञानदेहाय त्रिवेदीदिव्यचक्षुषे।
श्रेय:प्राप्तिनिमित्ताय नम: सोमाद्र्धधारिणे।।
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