आपके हाथ रेखाएं बताती हैं आपके के शरीर का रोग
हस्तरेखा विज्ञान में मनुष्य के हाथ की प्रकृति, रेखाएं और विभिन्न चिन्हों को देखकर आसानी से पता लगाया जा सकता है किउसके शरीर में किस प्रकार का रोग है या हो सकता है। यदि हस्तरेखा शास्त्री सही विश्लेषण करे तो रोगों की सटीक जानकारी मिल जाती है।
आइए जानते हैं हस्तरेखा के अनुसार रोगों की स्थिति-
यदि किसी जातक के नाखून पतले हों तथा जीवन रेखा फीकी हो, साथ ही वह जंजीरदार होकर नीचे की ओर झुकी हुई हो तो ऐसे मनुष्य का शरीर अत्यंत दुर्बल और शक्तिहीन होता है।
यदि हृदय रेखा शनि पर्वत को स्पर्श करती हो, साथ ही मस्तिष्क रेखा के बीच में क्रॉस का चिन्ह हो तथा जीवन रेखा कटी हुई हो तो मनुष्य की अकाल मृत्य हो सकती है।
यदि हृदय रेखा शनि पर्वत के नीचे तक जाती हो या मस्तिष्क रेखा मणिबंध को स्पर्श करती हो तो मनुष्य की आकस्मिक मृत्यु की आशंका रहती है।
जहां से जीवन रेखा प्रारंभ हो रही हो वहीं पर द्वीप का चिन्ह हो तो उस व्यक्ति को वंशानुगत रोग होता है।
यदि भाग्य रेखा के प्रारंभ में कोई बिंदु का चिन्ह हो तो जातक बचपन में किसी दुर्घटना का शिकार होता है।
यदि जीवन रेखा, मस्तिष्क रेखा तथा हृदय रेखा अपने प्रारंभिक स्थान पर परस्पर पूरी तरह से जुड़ी हुई हो और जंजीरदार हो गई हो तो ऐसे मनुष्य की हत्या हो सकती है।
यदि मस्तिष्क रेखा सूर्य पर्वत के नीचे या शनि पर्वत के नीचे अचानक टूट गई हो तो पशु से दुर्घटना की आशंका होती है।
यदि मस्तिष्क रेखा पर लाल रंग के तारे का चिन्ह हो तो सिर पर चोट लगने की आशंका रहती है।
यदि चंद्र पर्वत पर वृत्त का चिन्ह हो या चंद्र पर्वत पर त्रिकोण हो अथवा बुध पर्वत पर बिंदु, त्रिकोण या तारक का चिन्ह हो तो मृत्यु जल में होने की आशंका रहती है।
यदि चंद्र पर्वत पर मौजूद यात्रा रेखाएं टूटी हुई हो तथा जरूरत से ज्यादा चौड़ी हो तो यात्राकाल में मृत्यु होती है।
यदि दोनों हाथों में मंगल रेखा पर शाखाएं निकली हुई हों या जीवन रेखा के प्रारंभ में तारे का चिन्ह हो तो कैंसर होने की आशंका रहती है।
हृदय रेखा तथा चंद्र पर्वत पर दो खड़ी लंबी रेखाएं हों तो पक्षाघात हो सकता है।
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