Home 2023 जानिए आखिर माथे के अलावा गले, भुजा और छाती पर क्यों लगाया जाता है तिलक

" मोक्ष भूमि " आपका अभिनंदन करता हैं। धार्मिक जानकारियों के लिए हमारे साथ बने रहिये।   निवेदन : " मोक्षभूमि " डेस्क को 9889940000 पर व्हाट्सअप कर निशुल्क ज्योतिष,वास्तु, तीज - त्यौहार और व्रत या अन्य समस्या का समाधान पूछ सकते हैं।

जानिए आखिर माथे के अलावा गले, भुजा और छाती पर क्यों लगाया जाता है तिलक

हिन्दू धर्म में तिलक लगाने का अत्यंत महत्व बताया गया है। तिलक लगाना न सिर्फ एक परंपरा है बल्कि धर्म का प्रतीक भी है। शास्त्रों में तिलक लगाना बहुत पवित्र और लाभकारी माना जाता है।

गले पर तिलक लगाने का महत्व

गले पर तिलक लगाना बहुत शुभ माना जाता है। गले से हमारी सांस की नली जुड़ी होती है। साथ ही, हमारी वाणी का संबंध भी गले से ही होता है।

हमारी भोजन नली भी गले से ही होते हुए आती है। इन सभी जरूरी भागों को कंठ द्वारा नियंत्रित करने के लिए गले में तिलक लगाया जाता है।

इसके अलावा, गले का संबंध मंगल ग्रह से होता है। मंगल को शांत रखने और मंगल दोष के निवारण हेतु भी गले में तिलक लगाया जाता है।

गले पर तिलक लगाने के लाभ

गले पर तिलक लगाने से कंठ शांत रहता है और वाणी में मधुरता आती है।

गले पर तिलक लगाने से ईश्वर का वास हमारे कंठ में स्थापित होता है।

गले पर तिलक लगाने से सांस की गति शांत होती है और मंगल शुभ होता है।

छाती पर तिलक लगाने का महत्व

छाती पर तिलक ज्यादतर पुरुषों द्वारा लगाया जाता है। छाती पर तिलक इसलिए लगाते हैं ताकि मन में भगवान का वास बना रहे। ग्रह बहुत प्रभावकारी होते हैं।

ग्रहों के प्रभाव से व्यक्ति के मन में भय, क्रोध, लालसा, अशांति आदि भाव उत्पन्न होते हैं जिनके कारण व्यक्ति का मन हर समय व्याकुल रहता है।

इसी व्याकुलता को रोकने के लिए छाती पर तिलक लगाने की महत्वपूर्ण परंपरा है। छाती पर तिलक लगाने से केतु के दुष्प्रभाव को भी कम किया जा सकता है।

छाती पर तिलक लगाने के लाभ

छाती पर तिलक लगाने से मन की चंचलता शांत होती है।

छाती पर तिलक लगाने से मन में दुर्भावना उत्पन्न नहीं होती है।

छाती पर तिलक लगाने से हृदय में ईश्वर का वास स्थापित होता है।

भुजा पर तिलक लगाने का महत्व

भुजा पर तिलक इसलिए लगाया जाता है क्योंकि भुजा का संबंध शुक्र से होता है। भुजा पर तिलक लगाने से शुक्र ग्रह को मजबूती मिलती है।

भुजा पर तिलक लगाने का एक कारण यह भी है कि इस स्थान पर तिलक लगते समय हम भगवान को अपनी भुजाओं में वास स्थापित करते हैं।

असल में तिलक जिस-जिस अंग पर लगता है, उस-उस अंग में भगवान का वास बना रहता है। साथ ही, उस अंग से जुड़े ग्रह का भी शुभ प्रभाव पड़ता है।

भुजा पर तिलक लगाने के लाभ

भुजा पर तिलक लगाने से शुक्र ग्रह का अशुभ प्रभाव कम हो जाता है।

भुजा पर तिलक लगाने से हाथों से जुड़े रोग पनप नहीं पाते हैं।

भुजा पर तिलक लगाने से बल और साहस का संचार होता है।


नवीनतम जानकारियां ..

जानिए पांडवो के स्वर्ग जाने की कथा, किन वजहों से पांचो पांडव बारी बारी नीचे गिरकर मृत्यु को प्राप्त हुए

घर में गलत जगह की लगी हनुमान जी की चित्र बन सकता है अमंगल का कारण

होलिका दहन 6 मार्च या 7 मार्च को, होली कब….? क्या मत हैं काशी सहित अन्य पंचांग का

बुध का गोचर से बनेगा त्रिग्रही युति, क्या हो सकता हैं आप पऱ इसका प्रभाव ?

होलाष्टक में करें कौन से 7 अचूक उपाय, होगा आपको बेहद लाभ

जानिए, होलाष्टक के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए

होलाष्टक के दौरान करना चाहिए ये 15 कार्य, सबकुछ मिलेगा

आइये जानते हैं क्या होता हैं होलाष्टक, इससे जुड़ी पौराणिक कथा और आखिकर क्या है इसके पीछे का कारण?

जानिए, आज से शुरू सप्ताह आपके भविष्‍य पर क्‍या प्रभाव डालेगा ?

जानें मंदिर जाते समय घंटा बजाना क्यों है जरूरी ?

जानिए क्या है रंग पंचमी कब और क्यों मनाया जाता है यह त्यौहार

सही दिशा में बैठकर करिये भोजन, मिलेंगे अनेक फायदे

हिन्दू नव वर्ष की शुरुआत पर इन चार राशियों का चमक उठेगा भाग्य



पौराणिक कथाएं

राक्षसी होलिका, कैसे बनी एक पूजनीय देवी, जानें रोचक पौराणिक कथा

कौन थीं शबरी ? जानिए इनके माता पिता और गुरु को

क्या आप जानते हैं सारे ज्योतिर्लिंग जमीन तल से नीचे क्यों स्थित हैं, कितने प्रकार के होते हैं शिव लिंग

महाभारत का युद्ध : आखिर 18 नंबर से क्या था कनेक्शन, क्यों चला था 18 दिन युद्ध ?

पौराणिक कथा : जानिए आखिर कैसे हुई थी श्री राधा रानी की मृत्यु ?

आखिर क्यों अपने ही बेटे के हाथों मारे गए थे अर्जुन

पत्थर रूप में ही क्यों शिंगणापुर में प्रकट हुए शनि पढ़िए पुरी कहानी


धार्मिक हलचल

पंचांग में समन्वय स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय पंचांग समन्वय संगोष्ठी का आयोजन

तीर्थाटन और पर्यटन को अलग करें सरकार : स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती

बाबा विश्वनाथ का मंगला आरती आम भक्त से और दूर, 500 रूपये के टिकट पऱ मिलेंगे दर्शन, सभी आरती के बढ़ें मूल्य



दैनिक पंचांग / राशिफल

आज का पंचांग, 27 फरवरी 2023, सोमवार

दैनिक राशिफल, 27 फरवरी 2023, सोमवार

आज का पंचांग, 26 फरवरी 2023, रविवार

दैनिक राशिफल 26 फरवरी 2023, रविवार


ग्रह चाल और आप

जानिए, आज से शुरू सप्ताह आपके भविष्‍य पर क्‍या प्रभाव डालेगा ?

शुक्रवार आज गुरु कर रहे हैं गोचर, पढ़िए क्या होगा असर आप के राशि पऱ ?



अवश्य पढ़िए..

हॉलीवुड की इन मशहूर हस्तियों ने अपनाया सनातन धर्म

जानिए क्या हैं राम गीता, कृष्ण से नहीं राम से जुड़ी हैं चार गीता

यदि आप रुद्राक्ष धारण करने वाले, भूलकर इन 6 जगहों पऱ न जाय

घर के मुख्य द्वार पर गणेश जी की फोटो लगाने से पहले जान लें ये नियम

आपके हाथ रेखाएं बताती हैं आपके के शरीर का रोग

इन पांच लोगों से डरते हैं शनि देव, जानें कौन हैं ये

नई दुल्हन को काले कपड़े पहनने की क्यों होती है मनाही, जानें सही वजह

परेशानियों से बचने के लिए 5 वस्तुएं को सदा रखे तुलसी से दूर

क्या है मंगला आरती ? जानिए महत्व और इससे जुड़ी पहलू

साल का पहला सूर्य ग्रहण, राशियों पर क्या होगा प्रभाव

ज्योतिष के अनुसार माथे पर चंदन का तिलक लगाने के फायदे

किनको और क्यों रखना चाहिए शिखा या चोटी, मिलता हैं ये लाभ…

भगवान विष्णु, राम और कृष्ण की तरह क्यों नहीं लगता महादेव के आगे ‘श्री’

इस साल 7 या 8 मार्च, किस दिन खेली जाएगी होली? जानें होलिका दहन का सही मुहूर्त

जानिए क्या है फाल्गुन मास का धार्मिक महत्व, किनका करें पूजा…

ये हैं आज से शुरू हुए हिंदी कैलेंडर के अंतिम मास फागुन की ख़ास बातें

आज से शुरू हो रहा है फाल्गुन माह, जानें महत्त्व, नियम और पूजा विधि

यदि हैं आज कोर्ट कचहरी के चक्कर से परेशान, राहत के लिए आजमाये ये उपाय

छिड़कें दो चुटकी नमक, मिलेगा जोरदार तरक्की आपको अपने करियर में

शनि देव को शांत करने के पाँच प्रयोग, पढ़िए ब्रह्म पुराण’ में क्या कहते है शनिदेव

कुछ ऐसा रहेगा आपका फरवरी में ग्रह चाल , जानिए अपने राशि का हाल

जानिए, फरवरी में ये हैं शादी के मूहूर्त, कब कर सकते हैं गृहप्रवेश, मुंडन, साथ ही पंचक का मतलब और कब है पंचक ?

ये है फरवरी माह के व्रत, त्योहार और छुट्टी की लिस्ट, जानिए कब है महाशिवरात्रि ?


उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। अन्य लेख पढ़ने के लिए साथ ही अपनी सुझाव संग पसंद – नापसंद जरूर बताएं। साथ ही जुड़ें रहें हमारी वेबसाइट ” मोक्ष भूमि – काशी “ के साथ। हमारी टीम को आपके प्रतिक्रिया का इन्तजार है। 9889881111


डिसक्लेमर

इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता को जाँच लें । सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/ प्रवचनों /धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। जानकारी पूरी सावधानी से दी जाती हैं फिर भी आप पुरोहित से स्पस्ट कर लें।

Author: Admin Editor MBC

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!