आपने भूतड़ी अमावस्या का नाम सुना है क्या ? जानिए मनाये जाने की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व
हिंदू धर्म में किसी भी अमावस्या तिथि का अलग महत्व है। पूरे साल में 12 अमावस्या तिथियां होती हैं जो 12 महीनों में पड़ती हैं। यदि हम शास्त्रों की बात करें तो हर एक अमावस्या तिथि दूसरी से अलग होती है। अमावस्या चंद्र चरण है और इस दिन चन्द्रमा दिखाई नहीं देता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, 30 चंद्र चरण होते हैं, जिन्हें तिथि कहा जाता है। सभी अमावस्या तिथियों में से चैत्र मास के कृष्ण पक्ष के दौरान आने वाली अमावस्या का विशेष महत्व है जिसे भूतड़ी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। यह हर साल मार्च या अप्रैल के महीने में होती है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान, दान और पितरों के लिए तर्पण करना शुभ माना जाता है। चैत्र अमावस्या को मुख्य रूप से पितृ तर्पण जैसे अनुष्ठान किए जाते हैं और पितरों की शांति के उपाय भी किया जाते हैं।
चैत्र अमावस्या की तिथि और शुभ मुहूर्त
इस साल चैत्र अमावस्या 21 मार्च 2023, मंगलवार के दिन पड़ेगी। चैत्र अमावस्या आरंभ 20 मार्च, रात्रि 1 बजकर 47 मिनट पर शुरू होगा और अगले दिन 21 मार्च 2023 को रात्रि 10 बजकर 53 मिनट पर इसका समापन होगा। उदया तिथि में होने की वजह से यह 21 मार्च को ही मनाई जाएगी।
चैत्र अमावस्या का महत्व
ऐसा माना जाता है कि यदि कोई व्यक्ति चैत्र अमावस्या के दिन पितरों की शांति के उपायकरता है तो उसे समस्त कष्टों से मुक्ति मिलती है और समस्याओं के समाधान के मार्ग खुलते हैं। इस दिन गंगा जैसी पवित्र नदी में स्नान करना भी विशेष रूप से फलदायी माना जाता है और इससे सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
चैत्र अमावस्या को हिन्दू कैलेंडर के अनुसार साल की पहली अमावस्या माना जाता है और इस दिन यदि कोई भी धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं तो उनमें सफलता जरूर मिलती है। चैत्र अमावस्या के दिन पर विष्णु जी का पूजन करने से बड़ी समस्याओं का समाधान भी मिल जाता है।
चैत्र अमावस्या के दिन पितृ तर्पण के उपाय
ऐसी मान्यता है कि अमावस्या तिथि के दिन हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं और हमसे अपनी मुक्ति की कामना करते हैं। यदि आप इस दिन पितरों के लिए जल में तिल डालकर तर्पण करते / करती हैं तो पितर प्रसन्न होते हैं और घर की समृद्धि बनी रहती है। जल तर्पण के साथ यदि आप ब्राह्मण को भोजन करते /कराती हैं तब भी आपके लिए फलदायी होगा और दोष मुक्ति के उपाय मिलेंगे।
चैत्र अमावस्या के दिन क्या करना शुभ होता है
चैत्र अमावस्या के दिन दान-पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और इस दिन पितरों की शांति के लिए व्रत करना भी शुभ माना जाता है।
यदि इस दिन किसी गरीब या जरूरतमंद को भोजन कराएं तो वो भी आपके लिए फलदायी होगा।
इस दिन प्रातः जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें। पितरों का तर्पण के साथ सूर्य को अर्घ्य दें ।
गरीबों को उनकी जरूरत की चीजें दान करें।
इस दिन पितरों के नाम का दीपक मुख्य द्वार पर जरूर जलाएं और उनकी शांति की प्रार्थना करें।
चैत्र अमावस्या पर पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना भी फलदायी माना जाता है।
चैत्र अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या क्यों कहा जाता है
हर एक महीने में पड़ने वाली अमावस्या तिथि का अपना अलग नाम है उसी प्रकार चैत्र की अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या नाम दिया गया है। इस अमावस्या का भूत-प्रेतों से कोई नाता नहीं है, लेकिन मान्यता है कि इस दिन नकारत्मक शक्तियां तीव्र हो जाती हैं और नुकसान पहुंचा सकती हैं।
लेकिन यदि आप सही तरीके से पूजन करती हैं तो किसी नकारात्मक शक्ति का प्रभाव नहीं होता है। चूंकि इस साल यह अमावस्या तिथि मंगलवार के दिन पड़ेगी। इसलिए इसे भौम अमावस्या भी कहा जाएगा।
यदि आप अमावस्या तिथि के दिन पितरों का तर्पण और दान-पुण्य करती हैं तो आपके लिए विशेष रूप से फलदायी होता है।
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