अखंड ज्योति रखते समय वास्तु के नियमों का रखें ध्यान
इस साल चैत्र नवरात्रि का आरंभ 22 मार्च से हो रहा है और इन दिनों में माता दुर्गा की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दौरान वास्तु और ज्योतिष के नियमों का पालन करता है उसके घर में सदैव समृद्धि बनी रहती है। नवरात्रि के दिनों में भक्त अपने घर में कलश की स्थापना करते हैं और अखंड ज्योति जलाते हैं। मान्यता है कि यह ज्योति आपके घर की खुशहाली की ओर संकेत करती है।
अखंड ज्योति से तात्पर्य होता है बिना खंडित हुए प्रज्वलित रहने वाली ज्योति। इसलिए इसे यदि आप घर में प्रज्ज्वलित करती हैं तो आपको इसके नियमों का पालन करना चाहिए और इसे सुरक्षित बनाए रखें चाहिए।
इस ज्योति को प्रज्वलित करने के कुछ वास्तु नियम भी बनाए गए हैं जिनका पालन करने से आपके घर में समस्याओं का अंत होता है।
नवरात्रि में क्यों रखी जाती है अखंड ज्योति
नवरात्रि में प्रज्वलित होने वाली अखंड ज्योति घर की खुशहाली के संकेत देती है। इस ज्योति से कई मानसिक और शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि इसकी ज्योति से जो रोशनी निकलती है वो घर के लोगों के मन में सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। अगर हम अखंड ज्योति प्रज्वलित करके करते हैं तो ये आने वाले जीवन के लिए शुभ संकेत देती है।
वास्तु के अनुसार किसी दिशा में रखें अखंड ज्योति
यदि आप वास्तु की मानें तो अखंड ज्योति का संबंध अग्नि से होता है इसलिए इसे स्थापित करते समय दिशा का ध्यान जरूर रखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इसकी स्थापना आग्नेय कोण में करना सबसे अच्छा होता है।
यह दक्षिण-पूर्व दिशा होती है और इसमें ज्योति प्रज्वलित करने से आपको शुभ लाभ मिल सकते हैं और पूजा का पूर्ण अल भी मिलता है। अखंड ज्योति इस प्रकार रखें कि पूजा करते समय इसका मुख उत्तर या पूर्व दिशा की और होना चाहिए।
किस स्थान पर रखें अखंड ज्योति
आपको हमेशा उसी जगह पर अखंड ज्योति रखनी चाहिए जहां माता की मूर्ति या कलश की स्थापना की गई हो। अखंड ज्योति कलश के पास हमेशा जलती रखनी चाहिए। इसका खंडित होना शुभ नहीं माना जाता है। ध्यान रखें कि यह ज्योति कभी भी दक्षिण दिशा की तरफ न रखें इसे यम की दिशा माना जाता है और पूजा से जुड़े कोई काम इस दिशा में न करने की सलाह दी जाती है।
कैसी होनी चाहिए अखंड ज्योति
अखंड ज्योति हमेशा ऐसी हो कि आप इसकी गर्माहट का अनुभव कर सकें और इसकी लौ हमेशा सुनहरी जलनि चाहिए। अखंड ज्योति रखते समय आपको पहले कुछ अक्षत रखने चाहिए फिर इसके ऊपर कुमकुम डालना चाहिए और फिर अखंड ज्योति की स्थापना करनी चाहिए।
अखंड ज्योति को हमेशा माता दुर्गा की तस्वीर के दाहिनी तरफ रखना चाहिए। अगर आप इसके लिए घी का इस्तेमाल करती हैं तो सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है, लेकिन आप तिल के तेल का इस्तेमाल भी कर सकती हैं। अखंड ज्योति की बत्ती हमेशा मौली की बनानी चाहिए और इसे बीच -बीच में बढ़ाते रहना चाहिए।
इन नियमों का करें पालन
यदि आप घर में प्रज्ज्वलित करती हैं तो आपको घर को कभी भी खाली नहीं छोड़ना चाहिए। घर के किसी न किसी सदस्य को दिन और रात ज्योति का ख्याल रखना चाहिए जिससे ये बुझे न।
हमेशा स्नान करके ही ज्योति का स्पर्श करें। अखंड ज्योति के साथ सुबह-शाम माता की आरती जरूर करें। अगर आप घर में अखंड ज्योति प्रज्वलित कर रही हैं तो भूलकर भी घर का कोई सदस्य मांस मदिरा और लहसुन प्याज का सेवन न करें। यदि आप ज्योति प्रज्वलित करने के साथ नौ दिनों का उपवास भी करती हैं तो ये विशेष रूप से फलदायी होगा।
नवीनतम जानकारी
शास्त्रों के अनुसार अन्नप्राशन संस्कार से पहले छोटे बच्चों को अनाज क्यों नहीं खिलाना चाहिए
जब कर्ण ने श्री कृष्ण से पूछा मेरा दोष क्या था.? पढ़िए श्री कृष्ण का जवाब…
नवरात्रि के दौरान क्यों रखा जाता है व्रत? जानें क्या है इसका महत्व और नियम
धन लाभ के लिए चैत्र नवरात्रि में आजमाएं ये उपाय
कब है राम नवमी ? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व
भगवान श्री राम के जन्मोत्सव से जुड़ी दिलचस्प बातें जानें, क्या है लौकी कनेक्शन
चैत्र नवरात्रि घट स्थापना के नियम, भूलकर न करें ये दस गलतियां
पंचक में शुरू होंगी नवरात्रि, जानें पूजा का सही शुभ मुहूर्त
दैनिक पंचांग / राशिफल और जन्मदिन फल
आज का पंचांग, कृष्ण चतुर्दशी 2079, सोमवार ( 20 मार्च 2023)
आज का राशिफल, सोमवार, 20 मार्च 2023
अपने मूलांक से जानिए, कौन-कौन से रोग का हो सकता है आपसे कनेक्शन
चैत्र मास का हुआ आरम्भ , जानिए इस मास के प्रमुख व्रत और त्योहार
जानिए, चैत्र मास की पूरी बातें साथ ही इस मास का महत्व, नियम और उपाय
पौराणिक कथाएं
कौन हैं सुदर्शन चक्र ? जानें कैसे बने श्री कृष्ण का अस्त्र
महाभारत काल के वो पांच गांव, जिसकी वजह बना महाभारत युद्ध
राक्षसी होलिका, कैसे बनी एक पूजनीय देवी, जानें रोचक पौराणिक कथा
Mahabharat katha : आखिर क्यों गंगा ने मार दिया था अपने 7 बेटों को
पौराणिक कथा में पढ़िए कौन है खाटू श्याम जी, क्या है उनकी कहानी और 11 अनजाने रहस्य
कौन थीं शबरी ? जानिए इनके माता पिता और गुरु को
महाभारत का युद्ध : आखिर 18 नंबर से क्या था कनेक्शन, क्यों चला था 18 दिन युद्ध ?
पौराणिक कथा : जानिए आखिर कैसे हुई थी श्री राधा रानी की मृत्यु ?
आखिर क्यों अपने ही बेटे के हाथों मारे गए थे अर्जुन
पत्थर रूप में ही क्यों शिंगणापुर में प्रकट हुए शनि पढ़िए पुरी कहानी
धार्मिक हलचल
चक्रपुष्करिणी तीर्थ : उत्तराभिमुख गोमुख का रंगभरी एकादशी पर होंगे दर्शन
ग्रह चाल और आप
चांडाल योग : 6 अनहोनी का जन्म देगा मेष में सूर्य, गुरु और राहु की युति, जानिए इसका आप पर प्रभाव
हिन्दू नव वर्ष की शुरुआत पर इन चार राशियों का चमक उठेगा भाग्य
जानिए, मार्च मास में कैसा होगा आपका का राशिफल
शुक्रवार आज गुरु कर रहे हैं गोचर, पढ़िए क्या होगा असर आप के राशि पऱ ?
अवश्य पढ़िए..
सूर्योदय से पहले उठना क्यों है जरूरी, जानें क्या कहता है शास्त्र
अंधविश्वास : जानिए, महिलाओं के साथ होते अंधविश्वास की 5 खौफनाक कहानियां
नववर्ष का प्रारंभ 22 मार्च से, जानिए उस दिन के वो 3 संयोग जो है अत्यंत शुभकारी
जानिए क्या हैं राम गीता, कृष्ण से नहीं राम से जुड़ी हैं चार गीता
यदि आप रुद्राक्ष धारण करने वाले, भूलकर इन 6 जगहों पऱ न जाय
घर के मुख्य द्वार पर गणेश जी की फोटो लगाने से पहले जान लें ये नियम
आपके हाथ रेखाएं बताती हैं आपके के शरीर का रोग
इन पांच लोगों से डरते हैं शनि देव, जानें कौन हैं ये
नई दुल्हन को काले कपड़े पहनने की क्यों होती है मनाही, जानें सही वजह
परेशानियों से बचने के लिए 5 वस्तुएं को सदा रखे तुलसी से दूर
साल का पहला सूर्य ग्रहण, राशियों पर क्या होगा प्रभाव
ज्योतिष के अनुसार माथे पर चंदन का तिलक लगाने के फायदे
किनको और क्यों रखना चाहिए शिखा या चोटी, मिलता हैं ये लाभ…
भगवान विष्णु, राम और कृष्ण की तरह क्यों नहीं लगता महादेव के आगे ‘श्री’
यदि हैं आज कोर्ट कचहरी के चक्कर से परेशान, राहत के लिए आजमाये ये उपाय
छिड़कें दो चुटकी नमक, मिलेगा जोरदार तरक्की आपको अपने करियर में
शनि देव को शांत करने के पाँच प्रयोग, पढ़िए ब्रह्म पुराण’ में क्या कहते है शनिदेव
उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। अन्य लेख पढ़ने के लिए साथ ही अपनी सुझाव संग पसंद – नापसंद जरूर बताएं। साथ ही जुड़ें रहें हमारी वेबसाइट ” मोक्ष भूमि – काशी “ के साथ। हमारी टीम को आपके प्रतिक्रिया का इन्तजार है। 9889881111
डिसक्लेमर
इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता को जाँच लें । सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/ प्रवचनों /धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। जानकारी पूरी सावधानी से दी जाती हैं फिर भी आप पुरोहित से स्पस्ट कर लें।
Leave a Reply