जानिये अंतरिक्ष मे हिन्दू नव वर्ष के कौन होंगे राजा और कौन होगा मंत्री, आखिर कैसा होगा ये साल
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 22 मार्च 2023, बुधवार से हिंदू नव संवत्सर 2080 और शालिवाहन शक 1945 प्रारंभ हो रहा है। इस संवत्सर का नाम होगा नल। इसके राजा बुध और मंत्री शुक्र होंगे। शिव विंशति के इस नल नामक संवत्सर की गणना 10वें क्रम पर होती है। वर्ष के राजा बुध, मंत्री शुक्र, सस्येश चंद्र, मेघेश गुरु, दुर्गेश गुरु, धनेश सूर्य, रसेश बुध, धान्येश शनि, निरसेश चंद्र और फलेश गुरु रहेंगे। ग्रह मंडल में 8 स्थान शुभ ग्रहों को प्राप्त हुए हैं और दो स्थान क्रूर ग्रहों को प्राप्त हुए हैं।
संवत्सर फल
राजा बुध : नव संवत्सर का राजा बुध होने से इस वर्ष श्रेष्ठ वर्षा होने के योग हैं। धान्योत्पादन अच्छा होगा, मांगलिक कार्यों की प्रधानता रहेगी। सभी प्राणियों में सौख्य बना रहेगा। प्रजा में आरोग्यता बनी रहेगी। रस पदार्थों के भावों में प्रारंभ में तेजी के बाद साम्यता आएगी।
मंत्री शुक्र : वर्ष के मंत्री शुक्र हैं। वर्षा अच्छी होने से अन्नोत्पित्त उत्तम किंतु कहीं-कहीं टिड्डी दल और वन्य जीवों से फसलों को हानि। शासन महंगाई पर नियंत्रण का प्रयास करेगा। कुछ क्षेत्रों में अज्ञात रोगों से जनता में भय का माहौल रहेगा।
वर्ष के अन्य महत्वपूर्ण पर्वकाल
अधिकमास
नव संवत्सर 2080 में अधिकमास आ रहा है। यह अधिकमास श्रावण रहेगा। श्रावण अधिकमास 18 जुलाई से 16 अगस्त तक रहेगा। प्रथम शुद्ध श्रावण का कृष्ण पक्ष 4 जुलाई से 17 जुलाई तक रहेगा। शुद्ध श्रावण का शुक्ल पक्ष 17 अगस्त से 31 अगस्त तक रहेगा।
अमावस्या
सोमवती अमावस्या- 17 जुलाई 2023 प्रथम श्रावण अमावस्या और 13 नवंबर 2023 कार्तिक अमावस्या
शनैश्चरी अमावस्या- 14 अक्टूबर 2023 आश्विन अमावस्या
शनि जयंती- 19 मई 2023 ज्येष्ठ अमावस्या
शनि दृष्टि
वर्षपर्यंत शनि के कुंभ राशि में भ्रमण करने से शनि की दृष्टि उत्तर की ओर रहेगी। अत: उत्तर दिशा विशेषत: उत्तरी गोलार्द्ध के क्षेत्रों, नगरों, देशों तथा भारत के उत्तर दिशावर्ती पड़ोसियों व अन्य राष्ट्रों के लिए विशेष अरिष्टप्रदायक है। हिंसा, बम विस्फोट, युद्ध, रक्तपात, यान दुर्घटना, रोग-शोक, अतिवर्षण, भूकंप, भूस्खलन, आंधी-तूफान आदि प्राकृतिक प्रकोप से जन धन की हानि।
ग्रहण
खंडग्रास चंद्रग्रहण : संवत 2080 आश्विन पूर्णिमा शनिवार 28-29 अक्टूबर 2023 को रात्रि में भारत में खंडग्रास चंद्रग्रहण दिखाई देगा। भूमंडल में यह ग्रहण रात्रि 11 बजकर 32 मिनट से प्रारंभ होकर 3 बजकर 56 मिनट पर समाप्त होगा।
सूर्यग्रहण : वैशाख अमावस्या गुरुवार 20 अप्रैल 2023 को सूर्यग्रहण होगा किंतु यह भारत में दिखाई नहीं देगा।
छाया चंद्रग्रहण : वैशाख पूर्णिमा शुक्रवार 5 मई को छाया चंद्रग्रहण है जो भारत में नहीं होगा।
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