Home 2023 गणगौर तीज : जानिए माता पार्वती के किस 10 स्वरूप को पूजा जाता है इस व्रत में

" मोक्ष भूमि " आपका अभिनंदन करता हैं। धार्मिक जानकारियों के लिए हमारे साथ बने रहिये।   निवेदन : " मोक्षभूमि " डेस्क को 9889940000 पर व्हाट्सअप कर निशुल्क ज्योतिष,वास्तु, तीज - त्यौहार और व्रत या अन्य समस्या का समाधान पूछ सकते हैं।

गणगौर तीज : जानिए माता पार्वती के किस 10 स्वरूप को पूजा जाता है इस व्रत में

चैत्र शुक्ल तृतीया को गणगौर व्रत रखकर माता गौरी की पूजा की जाती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह व्रत आज 24 मार्च को है। इस पूजा में माता गौरी और शिवजी की पूजा होती है। यह एक लोकपर्व है जो खासकर उत्तर भारत में प्रचलित है।

इस व्रत की शुरुआत चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी से होती है और शुक्ल की तीज पर इसका समापन होता है।

गणगौर

गणगौर माता पार्वती का गौर अर्थात श्वेत रूप है। उन्हें गौरी और महागौरी भी कहते हैं। अष्टमी के दिन इनकी पूजा होता है, लेकिन चैत्र नवरात्रि की तृतीया को उन्हें इसलिए पूजा जाता है क्योंकि राजस्थान की लोक परंपरा के अनुसार इस दिन माता की अपने मायके के यहां से विदाई हुई थी।

गण का अर्थ

शिव और गौर का अर्थ गौरी मान्यता अनुसार माता गवरजा होली के दूसरे दिन अपने पीहर आती हैं तथा आठ दिनों के बाद ईसर (भगवान शिव) उन्हें वापस लेने के लिए आते हैं। विदाई के दिन को ही गणगौर कहा जाता है। गणगौर की पूजा में गाए जाने वाले लोकगीत में इसी घटना का वर्णन होता है।

इस दिन मां गौरी के 10 रूपों की पूजा करते हैं- गौरी, उमा, लतिका, सुभागा, भगमालिनी, मनोकामना, भवानी, कामदा, सौभाग्यवर्धिनी और अम्बिका।

माता देती हैं वरदान

इस दिन भगवान शिव ने पार्वतीजी को तथा पार्वतीजी ने समस्त स्त्रियों को सौभाग्य का वरदान दिया था। इसीलिए पौराणिक काल से ही इस व्रत पूजा का प्रचलन रहा है। इस दिन सुहागिनें देवी पार्वती और शिवजी की विशेष पूजा अर्चना करके पति की लंबी उम्र और सौभाग्य की कामना के साथ ही घर-परिवार की खुशहाली की कामना करती हैं।



चैत्र नवरात्रि विशेष

काशी में नौ गौरी का मंदिर, जानिए कहां है स्थित क्या है इनका महत्व

चैत्र नवरात्रि: नवरात्र के नव दिनों में स्वास्थ्य, प्रसन्नता, समृद्धि और संतान के उन्नति के लिए करिए ये उपाय

आखिर दक्षिण दिशा को क्यों नकारात्मक और अशुभ माना गया है।

जानिए, क्या मायने है नवरात्रि क्या.. ?

चैत्र नवरात्रि विशेष : जानिए कलश स्थापना के विशेष मुहूर्त

शिव की नगरी में शक्ति की आराधना, जानिए चैत्र नवरात्र में किन किन नौ गौरी का होता है दर्शन पूजन

अखंड ज्योति रखते समय वास्तु के नियमों का रखें ध्यान

चैत्र नवरात्रि विशेष : किस सवारी पर सवार होकर आ रही है माता रानी, क्या होगा इसका असर

चैत्र नवरात्रि घट स्थापना के नियम, भूलकर न करें ये दस गलतियां

धन लाभ के लिए चैत्र नवरात्रि में आजमाएं ये उपाय

कब है राम नवमी ? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

पंचक में शुरू होंगी नवरात्रि, जानें पूजा का सही शुभ मुहूर्त

नवरात्रि के दौरान क्यों रखा जाता है व्रत? जानें क्या है इसका महत्व और नियम



नवीनतम जानकारी

जानिये अंतरिक्ष मे हिन्दू नव वर्ष के कौन होंगे राजा और कौन होगा मंत्री, आखिर कैसा होगा ये साल

कैसा होगा बुधवार से शुरू हो रहे नव संवत्सर में आपका राशि का फल

आखिर आपको तुलसी का पौधा क्या दे रहा है संदेश, संदेश कहीं परेशानियों से तो फिर जुड़ा नहीं

तिथि विशेष : जीवन को बनाना निष्कंटक तो जानिए आज अमावस्या पर क्या करें क्या न करें

शास्त्रों के अनुसार अन्नप्राशन संस्कार से पहले छोटे बच्चों को अनाज क्यों नहीं खिलाना चाहिए

जब कर्ण ने श्री कृष्ण से पूछा मेरा दोष क्या था.? पढ़िए श्री कृष्ण का जवाब…

भगवान श्री राम के जन्मोत्सव से जुड़ी दिलचस्प बातें जानें, क्या है लौकी कनेक्शन


दैनिक पंचांग / राशिफल और जन्मदिन फल

आज का पंचांग, चैत्र शुक्ल पक्ष तृतीया, शुक्रवार ( 24 मार्च 2023 )

आज का राशिफल, 24 मार्च 2023 : क्या कहते है आज आपके सितारे…

जन्मदिन फल 24 मार्च, सहायक होगा यह साल

आज का पंचांग, शुक्ल पक्ष द्वितीय, गुरुवार, 2080 (23 मार्च 2023)


अपने मूलांक से जानिए, कौन-कौन से रोग का हो सकता है आपसे कनेक्शन

आखिर क्यों लिया जायेगा बाबा विश्वनाथ के स्पर्श दर्शन का शुल्क….? जानिए मंदिर के न्यासियों और विद्वानों की राय

चैत्र मास का हुआ आरम्भ , जानिए इस मास के प्रमुख व्रत और त्योहार

जानिए, चैत्र मास की पूरी बातें साथ ही इस मास का महत्व, नियम और उपाय


पौराणिक कथाएं

कौन हैं सुदर्शन चक्र ? जानें कैसे बने श्री कृष्ण का अस्त्र

महाभारत काल के वो पांच गांव, जिसकी वजह बना महाभारत युद्ध

जानिए पांडवो के स्वर्ग जाने की कथा, किन वजहों से पांचो पांडव बारी बारी नीचे गिरकर मृत्यु को प्राप्त हुए

राक्षसी होलिका, कैसे बनी एक पूजनीय देवी, जानें रोचक पौराणिक कथा

Mahabharat katha : आखिर क्यों गंगा ने मार दिया था अपने 7 बेटों को

पौराणिक कथा में पढ़िए कौन है खाटू श्याम जी, क्या है उनकी कहानी और 11 अनजाने रहस्य

कौन थीं शबरी ? जानिए इनके माता पिता और गुरु को

क्या आप जानते हैं सारे ज्योतिर्लिंग जमीन तल से नीचे क्यों स्थित हैं, कितने प्रकार के होते हैं शिव लिंग

महाभारत का युद्ध : आखिर 18 नंबर से क्या था कनेक्शन, क्यों चला था 18 दिन युद्ध ?

पौराणिक कथा : जानिए आखिर कैसे हुई थी श्री राधा रानी की मृत्यु ?

आखिर क्यों अपने ही बेटे के हाथों मारे गए थे अर्जुन

पत्थर रूप में ही क्यों शिंगणापुर में प्रकट हुए शनि पढ़िए पुरी कहानी


धार्मिक हलचल

चक्रपुष्करिणी तीर्थ : उत्तराभिमुख गोमुख का रंगभरी एकादशी पर होंगे दर्शन

ग्रह चाल और आप

चांडाल योग : 6 अनहोनी का जन्म देगा मेष में सूर्य, गुरु और राहु की युति, जानिए इसका आप पर प्रभाव

हिन्दू नव वर्ष की शुरुआत पर इन चार राशियों का चमक उठेगा भाग्य

जानिए, मार्च मास में कैसा होगा आपका का राशिफल

शुक्रवार आज गुरु कर रहे हैं गोचर, पढ़िए क्या होगा असर आप के राशि पऱ ?




अवश्य पढ़िए..

सूर्योदय से पहले उठना क्यों है जरूरी, जानें क्या कहता है शास्त्र

अंधविश्वास : जानिए, महिलाओं के साथ होते अंधविश्वास की 5 खौफनाक कहानियां

नववर्ष का प्रारंभ 22 मार्च से, जानिए उस दिन के वो 3 संयोग जो है अत्यंत शुभकारी

जानिए क्या हैं राम गीता, कृष्ण से नहीं राम से जुड़ी हैं चार गीता

यदि आप रुद्राक्ष धारण करने वाले, भूलकर इन 6 जगहों पऱ न जाय

घर के मुख्य द्वार पर गणेश जी की फोटो लगाने से पहले जान लें ये नियम

आपके हाथ रेखाएं बताती हैं आपके के शरीर का रोग

इन पांच लोगों से डरते हैं शनि देव, जानें कौन हैं ये

नई दुल्हन को काले कपड़े पहनने की क्यों होती है मनाही, जानें सही वजह

परेशानियों से बचने के लिए 5 वस्तुएं को सदा रखे तुलसी से दूर

साल का पहला सूर्य ग्रहण, राशियों पर क्या होगा प्रभाव

ज्योतिष के अनुसार माथे पर चंदन का तिलक लगाने के फायदे

किनको और क्यों रखना चाहिए शिखा या चोटी, मिलता हैं ये लाभ…

भगवान विष्णु, राम और कृष्ण की तरह क्यों नहीं लगता महादेव के आगे ‘श्री’

यदि हैं आज कोर्ट कचहरी के चक्कर से परेशान, राहत के लिए आजमाये ये उपाय

छिड़कें दो चुटकी नमक, मिलेगा जोरदार तरक्की आपको अपने करियर में

शनि देव को शांत करने के पाँच प्रयोग, पढ़िए ब्रह्म पुराण’ में क्या कहते है शनिदेव


उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। अन्य लेख पढ़ने के लिए साथ ही अपनी सुझाव संग पसंद – नापसंद जरूर बताएं। साथ ही जुड़ें रहें हमारी वेबसाइट ” मोक्ष भूमि – काशी “ के साथ। हमारी टीम को आपके प्रतिक्रिया का इन्तजार है। 9889881111


डिसक्लेमर

इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता को जाँच लें । सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/ प्रवचनों /धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। जानकारी पूरी सावधानी से दी जाती हैं फिर भी आप पुरोहित से स्पस्ट कर लें।


Author: Admin Editor MBC

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!