महाभारत : सत्य से परे है कि श्री कृष्ण के किया था सोलह हजार विवाह, जानिए पूरी बात
श्री कृष्ण के 16 हजार विवाहों की बात झूठ है और पूर्णतः मिथ्या है। दरअसल, श्री कृष्ण की 16 हजार पत्नियां तो थीं किन्तु श्री कृष्ण ने उनसे कभी भी विवाह नहीं किया था।
16 हजार पत्नियों के अलावा श्री कृष्ण की 8 पटरानियां थीं। लेकिन कुल संख्या मिलाकर देखी जाए तो 16108 रानियों में से श्री कृष्ण का विवाह मात्र 3 से ही हुआ था। मगर अन्य सभी भी पत्नियां ही कहलाईं।
महाभारत में सिर्फ 1 विवाह का उल्लेख
महाभारत ग्रंथ में इस बात का वर्णन मिलता है कि श्री कृष्ण की मात्र एक ही पत्नी थीं जिनसे उन्होंने विवाह किया था। उनका नाम है रुक्मणि। देवी रुक्मणि विदर्भ के राजा भीष्मक की पुत्री थीं। देवी रुक्मणि को ही मां लक्ष्मी का अवतार माना गया है। देवी रुक्मणि श्री कृष्ण से प्रेम करती थीं और उनसे विवाह करना चाहती थीं। इसलिए श्री कृष्ण ने उनकी इच्छा से उनका हरण कर उनसे विवाह रचाया था। इस आधार पर यह बात स्पष्ट है कि जहां एक ओर श्री कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार थे तो मां लक्ष्मी का अवतार देवी रुक्मणि थीं। हालांकि, भ्रांतियां फैलते फैलते और गलत प्रचार प्रसार के कारण अधिकतर लोग श्री राधा रानी को लक्ष्मी मां का अवतार मानते हैं। जबकि श्री राधा रानी तो श्री कृष्ण का ही एक स्वरूप हैं।
श्री कृष्ण के 16 हजार विवाह का सत्य
लोगों के बीच इस बात को अक्सर आपने कहते सुना होगा कि श्री कृष्ण ने 16 हजार विवाह किए थे लेकिन यह बात पूरी तरह से गलत है। श्री कृष्ण के 16 हजार पत्नियां जरूर थीं लेकिन उन्होंने उनसे विवाह नहीं किया था। पुराणों में इस कथा का उल्लेख मिलता है कि जब पृथ्वी पर भूमासुर नाम के एक राक्षस ने अपार बल और अमृत्व के लालच में एक हजार सोलह कन्याओं को बलि के लिए बंधक बना लिया था। तब श्री कृष्ण ने ही उस दानव का अंत कर उन कन्याओं को उसके दासत्व से मुक्त किया था। सभी कन्याएं जब अपने अपने घर पहुंची तो उन्हें अपमानित कर उनके परिवार ने अस्वीकार कर दिया। अपने ही परिवार से बहिष्कृत होने के कारण जब सभी कन्याएं मृत्यु को गले लगाने के लिए चल दीं तब श्री कृष्ण ने पुनः प्रकट होकर उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार कर लिया।
किसी भी पुराण में इस बात का उल्लेख नहीं मिलता कि श्री कृष्ण ने 16 हजार विवाह किए थे यानी कि 16 हजार कन्याओं से अग्नि के समक्ष फेरे लिए थे। जबकि सत्य ये है कि उन स्त्रियों की रक्षा करने के उद्देश्य से श्री कृष्ण ने उन्हें अपना नाम और पत्नी होने का पद दिया था।
श्री कृष्ण की 8 पटरानियां
श्री कृष्ण की मुख्य रूप से 8 पटरानियां थीं जिनके नाम रुक्मणि, जाम्बवंती, सत्यभामा, कालिंदी, मित्रबिंदा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा था। श्री कृष्ण ने विवाह के केवल देवी रुक्मणि देवी सत्यभामा और देवी जाम्बवंती से ही किया था। अन्य सभी पटरानियों ने तपोबल के कारण श्री कृष्ण का सानिध्य मात्र प्राप्त किया था। अर्थात अन्य सभी पटरानियों ने घोर तप के चलते श्री कृष्ण की अर्धांगिनी का पद पाया था। इसके अलावा, श्री कृष्ण की एक और पटरानी हैं जिनकी ब्रजधाम में पूजा होती है और वह हैं यमुना। यमुना मैय्या श्री कृष्ण की अति प्रिय हैं और उनकी पटरानियों में सर्वश्रष्ठ भी।
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