जानिए हर दिन कौन कौन से पड़ते हैं काल, क्या हैं उनके नाम
1. #प्रातःकाल :
सूर्योदय से 48 मिनट पूर्व का समय प्रात:काल कहलाता है !
2.#अरुणोदय_काल :
सूर्योदय से 1 घंटा 12 मिनट पूर्व का समय अरुणोदयकाल होता है !
3. #उषाकाल :
सूर्योदय से 2 घंटा पूर्व का समय उषाकाल कहलाता है !
4. #अभिजित_काल :
दोपहर से 24 मिनट पहले से 24 मिनट बाद तक का समय अभिजित काल कहलाता है, परन्तु बुधवार को वर्जित होता है !
5. #प्रदोषकाल :
सूर्यास्त के 48 मिनट बाद तक का समय प्रदोषकाल होता है !
6. #गोधूलिकाल :
सूर्यास्त के 24 मिनट पहले तथा 24 मिनट बाद तक का समय !
7. #राहुकाल :
प्रतिदिन डेढ़-डेढ़ घंटे का होता है ! रविवार को सायं 4.30 से 6 तक, सोमवार को प्रात: 7.30 से 9 तक, मंगलवार को दोपहर 3 से 4.30 तक, बुधवार को दोपहर 12 से 1.30 तक, गुरुवार को दोपहर 1.30 से 3 तक, शुक्रवार को प्रात: 10.30 से 12 तक, शनिवार को प्रात: 9 से 10.30 तक ! राहुकाल को प्रत्येक शुभ कार्य के लिए त्याग देना चाहिए !
8. #गुलिक_काल :
प्रतिदिन डेढ़-डेढ़ घंटे का होता है ! रविवार को दोपहर 3 से 4.30 तक, सोमवार को दोपहर 1.30 से 3 तक, मंगलवार को दोपहर 12 से 1.30 तक, बुधवार को प्रात: 10.30 से 12 तक, गुरुवार को प्रात: 9 से 10.30 तक, शुक्रवार को प्रात: 7.30 से 9 तक, शनिवार को प्रात: 6 से 7.30 बजे तक होता है ! कुछ विशेष कार्यो में यह समय त्याज्य होता है !
9. #यमघंट_काल :
यह भी प्रतिदिन डेढ़-डेढ़ घंटे का होता है ! रविवार को दोपहर 12 से 1.30, सोमवार को प्रात: 10.30 से 12, मंगलवार को प्रात: 9 से 10.30 तक, बुधवार को प्रात: 7.30 से 9 तक, गुरुवार को प्रात: 6 से 7.30 तक, शुक्रवार को दोपहर 3 से 4.30 तक, शनिवार को दोपहर 1.30 से 3 बजे तक ! यमघंट काल को भी शुभ कार्यो में त्याग देना चाहिए !
10. #मध्याह्न_काल :
सूर्योदय से सूर्यास्त के समय के ठीक मध्य में पड़ने वाले समय को मध्याह्न काल कहते हैं ! यह प्रतिदिन बदलता रहता है !
– ” मोक्षभूमि ” डेस्क को फोन कर आप निशुल्क ज्योतिष,वास्तु और तीज – त्यौहार और व्रत या अन्य समस्या का समाधान पूछ सकते हैं।
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