सुयोग्य वर पाने और दीर्घायु सुहागन रहने के लिए सीता नवमी के दिन करें ये काम
माता सीता और श्री राम के विवाह के लिए जितने गुण मिले उतने गुण मिलना शायद संभव नहीं है। माता सीता स्वयं आदि शक्ति की अवतार थीं।
रावण के कैद में रहने के बावजूद लंकापति इनको कोई हानि नहीं पंहुचा पाया। माता सीता का सतित्व ही उनकी शक्ति थी। एक आदर्श पति और एक आदर्श पत्नी के रूप में सीता राम की जोड़ी की पूजा अर्चना की जाती है।
शक्ति स्वरूपा माता सीता की पूजा करने से दीर्घ सुहागन जीवन का आशीर्वाद मिलता है और साथ ही पति पत्नी के बीच सम्बन्ध मधुर रहते हैं। माता सीता का आशीर्वाद जिस पर हो उसके जीवन में सुख समृधि और पति के स्नेह की कोई कमी नहीं होती है। आइये आपको बताते हैं की इस सीता नवमी माता सीता तिथि-मुहूर्त और सीता मैया की पूजा अर्चना कैसे करें ताकि घर में सुख समृद्धि आये।
सीता नवमी 2023 तिथि और मुहूर्त अप्रैल महीने में वैशाख शुक्ल पक्ष की नवमी जो की 29 अप्रैल 2023 को है, इसे सीता माता के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को सीता नवमी कहते हैं। वैसे तो तिथि 28 अप्रैल को शाम 4 बजे से है लेकिन उदय तिथि के अनुसार सीता नवमी 29 अप्रैल को मनाई जायेगी। पूजा का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 19 मिनट से दोपहर 1 बजकर 53 मिनट तक रहेगा।
सीता नवमी की पूजा विधि 29 अप्रैल को सुबह में ही स्नान करके एक लाल कपडा बिछा लें। पूजा अपने पूजा स्थल पर करें तो और बढ़िया है। फिर लाल कपड़े के ऊपर सीता और राम की तस्वीर रखें। इस आसन के आसपास गंगा जल छिड़क कर पवित्र कर दें। फिर दोनों की पूजा करें। पूजा के दौरान सुहाग से जुड़े वस्त्र और श्रृंगार के सामान चढ़ाएं और फिर अगले दिन किसी ब्राह्मण को दान कर दें। पूजा के दौरान गाय के घी से दीपक जलायें। सुगन्धित फूल की माला चढ़ाएं और माता सीता को सिंदूर जरुर चढ़ाएं। फिर फल और मिठाई का भोग लगायें जिसे पूजा के उपरान्त प्रसाद के रूप में बाँट दें।
पूजा मंत्र माता सीता को श्रृंगार का सामान अर्पित करने के उपरांत इस मंत्र का 108 बार जरुर जाप करें – श्री जानकी रामाभ्यां नमः। धन प्राप्ति हेतु ये करें माता सीता लक्ष्मी का ही रूप हैं। इस दिन गाय के दूध से स्वादिष्ट खीर बनाएं और इस खीर को सात कन्याओं को खिलायें। ऐसा करने से कन्याओं का आशीर्वाद मिलता है और घर में सुख समृद्धि आती है।
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