Home 2023 पूजा-पाठ के दौरान पत्नी को पति के किस तरफ बैठना चाहिए, आखिर क्या है वजह

" मोक्ष भूमि " आपका अभिनंदन करता हैं। धार्मिक जानकारियों के लिए हमारे साथ बने रहिये।   निवेदन : " मोक्षभूमि " डेस्क को 9889940000 पर व्हाट्सअप कर निशुल्क ज्योतिष,वास्तु, तीज - त्यौहार और व्रत या अन्य समस्या का समाधान पूछ सकते हैं।

पूजा-पाठ के दौरान पत्नी को पति के किस तरफ बैठना चाहिए, आखिर क्या है वजह

हिंदू धर्म में पूजा-पाठ को लेकर कई मान्यताएं हैं। जैसे यदि पति-पत्नी पूजा कर रहे हैं तो उन्हें जोड़े में पूजा करनी चाहिए। यदि दोनों गठबंधन जोड़कर पूजा करते हैं तो इसके ज्यादा फायदे हो सकते हैं। इसके अलावा उनकी पूजा में बैठने की स्थिति और दिशा का भी बहुत महत्व होता है।

आमतौर पर किसी भी अनुष्ठान में पत्नी अपने पति के बाईं तरफ ही बैठती है। यदि हम शास्त्रों की बात करते हैं तो पत्नी को पति की अर्धांगिनी और वामांगी माना जाता है। मान्यता है कि स्त्रियों की उत्पत्ति भगवान शिव के बाएं अंग से हुई है और माता पार्वती का स्थान भी उनके बाईं तरफ ही है।

इसी वजह से शादी जैसी रस्मों में पत्नी हमेशा पति की बाईं तरफ ही बैठती है। लेकिन जब हम पूजा-पाठ में पत्नी के बैठने की बात करते हैं तो ज्योतिष उसे हमेशा पति के दाहिनी तरफ बैठने की सलाह देता है। आइए ज्योतिषाचार्य डॉ आरती दहिया जी से जानें इसके कारणों के बारे में।

पूजा में पत्नी को किस ओर बैठना चाहिए

हालांकि पत्नी को पति की वामांगी कहा जाता है, लेकिन पूजा जैसे पवित्र अनुष्ठान में पत्नियों को पति के दाहिनी तरफ ही बैठने की सलाह दी जाती है।

इसके साथ ही उन्हें कुछ अन्य धार्मिक कामों जैसे बेटी के कन्यादान, किसी भी यज्ञ या हवन, बच्चे के नामकरण या अन्नप्रासन के समय भी पत्नियों को पति के दाहिनी ओर ही बैठना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि यदि पत्नी इसके विपरीत दिशा में बैठती है तो पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है।

पूजा में पत्नी पति के बाईं ओर क्यों नहीं बैठती

ऐसी मान्यता है कि विवाह जैसे अनुष्ठान में दुल्हन हमेशा दूल्हे के बाएं हाथ की तरफ ही बैठती है क्योंकि बाईं तरफ ह्रदय का स्थान होता है और इस दिशा में बैठने से वो होने वाले पति के ह्रदय से जुड़ जाती है। वहीं पूजा-पाठ का संबंध ईश्वर से माना जाता है और इस दौरान पति-पत्नी का जुड़ाव ईश्वर भक्ति में लगाने के लिए ही उसे पति के दाहिनी तरफ बैठने की सलाह दी जाती है।

दाहिने हिस्से को भक्ति का प्रतीक माना जाता है

ज्योतिष के अनुसार हमेशा से ही दाहिने हाथ को शक्ति और कर्तव्यों का प्रतीक माना जाता रहा है, इसी वजह से सभी काम दाहिने हाथ से ही करने की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही दाहिने हिस्से को भक्ति का प्रतीक माना जाता है और पूजा-पाठ के दौरान इसी दिशा में बैठने की सलाह दी जाती है। वहीं बायां हिस्सा प्रेम का प्रतीक माना जाता है इसलिए पत्नी को शादी और इसकी रस्मों में बाईं ओर बैठाया जाता है।

ज्योतिष में है ये मान्यता

हिंदू शास्त्रों और ज्योतिष के अनुसार पत्नी को हमेशा पूजा में अपने पति के दाएं हाथ की तरफ बैठना चाहिए। पूजा-पाठ के लिए यही दिशा सर्वोत्तम है जिससे पूजा में ध्यान केंद्रित करने में भी मदद मिलती है।

पूजा का पूर्ण फल प्राप्त करने और इसके शुभ लाभ के लिए यह नियम पालन करना अनिवार्य माना जाता है। धार्मिक कार्यों में पति-पत्नी के बैठने की दिशा का का ध्यान रखना जरूरी माना जाता है, जिससे जीवन में कई लाभ मिल सकें। ऐसा माना जाता है कि किसी को आशीर्वाद देते समय महिलाएं मां की भूमिका में आती हैं।

दाहिना भाग हमेशा माता के स्थान को दर्शाता है। वाम भाग पत्नी का माना जाता है। पूजा में पत्नी पति के दाहिनी ओर बैठती है और जब विधि से पूजा पूर्ण हो जाती है तब उसे पति के बाएं स्थान पर आने को कहा जाता है।


– ” मोक्षभूमि ” डेस्क को फोन कर आप निशुल्क ज्योतिष,वास्तु और तीज – त्यौहार और व्रत या अन्य समस्या का समाधान पूछ सकते हैं।



नवीनतम जानकारी

Wearing Tree Roots: ग्रहओं को शांत ही नहीं बीमारियों से मुक्त करते है इन पेड़ों की जड़

Hari Elaichi Ke Upay: नाकामयाबी को दूर कर सकते हैं हरी इलायची के ये उपाय

Bada Mangal : क्या है बड़ा मंगल का महत्त्व, ज्येष्ठ माह में कब है बुढ़वा मंगल की तिथियां, कृपा पाने के लिए करें ये उपाय

Ekdant Sankashti Chaturthi : एकदंत संकष्टी चतुर्थी 8 मई को, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि एवं मंत्र

ज्येष्ठ माह : इस मास के महत्व के साथ जानिए व्रत और त्योहारों की सूची

तीर्थायन की तीसरी श्रृंखला : प्राचीन देव स्थलों की परिक्रमा कर भक्तों ने जाना उनके धर्म, दर्शन और संस्कृति की महत्ता

Grahan 2023: बुद्ध पूर्णिमा पर भद्रा का साया, जानें समय और इससे बचाव के उपाय

Chandra Grahan 2023: इस बार लगेगा उपच्छाया चंद्र ग्रहण, जानिए क‍ितने तरह के होते है चंद्र ग्रहण

Buddha Purnima : बुद्ध पूर्णिमा के दिन राशि अनुसार आजमाएं ये उपाय, खुल सकते हैं किस्मत के दरवाजे

Narada Jayanti 2023: कैसे हुआ था देवऋषि नारद का जन्म ? कब मनेगा भक्त नारद का प्राकट्य दिवस

एक मंदिर जहां नरसिंह देवता के पतले हो रहे हाथ, आखिर क्या है रहस्य, जानिए

Narasimha Jayanti: संतान पर आने वाले संकट को दूर करने के लिए नरसिंह जयंती पर ऐसे करें पूजा

Narasimha Jayanti: संतान पर आने वाले संकट को दूर करने के लिए नरसिंह जयंती पर ऐसे करें पूजा

Narasimha Jayanti : आज है नरसिंह जयंती.. शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

Shri Ram Brother In Law: पौराणिक कथा में जानें कौन थे श्री राम के जीजा जी

Vastu Tips: वास्तु पुरुष के मुख से निकलता रहता है तथास्तु, घर में कभी न बोलें बुरे वचन

Buddha Purnima Upay: बुद्ध पूर्णिमा के दिन राशि अनुसार आजमाएं ये उपाय, खुल सकते हैं किस्मत के दरवाजे

Vat Savitri Vrat 2023: इस साल वट सावित्री व्रत पर बन रहा है शुभ संयोग, त्रिदेव के साथ मिलेगा शनि का आशीर्वाद

” कर्पूर गौरम करुणावतारम ” मंत्र से मिलते हैं अनगिनत फायदे, जानें इसका मतलब और महत्व

” कर्पूर गौरम करुणावतारम ” मंत्र से मिलते हैं अनगिनत फायदे, जानें इसका मतलब और महत्व

Vaishakh purnima : सुखी वैवाहिक जीवन के लिए वैशाख पूर्णिमा के दिन करें ये उपाय

Narad Jayanti: जब नारद मुनि के लिए मुसीबत बन गया हनुमान का संगीत, पढ़ें रोचक कथा

जानिए मई माह में पड़ेंगे वाले ये है व्रत और त्यौहार, ये है इनके नाम और तिथि

Mohini Ekadashi : कब है मोहिनी एकादशी? जानें पूजा मुहूर्त, महत्व और व्रत पारण समय

जानिए गाय, कुत्ता, कौवा, चींटी और पक्षी को खिलाने और पानी पिलाने से क्या है किस्मत का कनेक्शन

दैनिक पंचांग / राशिफल और जन्मदिन फल

Aaj Ka Panchang: आज का पंचांग, 8 मई 2023, सोमवार

Aaj Ka Rashifal 8th May: तुला राशि वालों को मिलेगा भाग्य का साथ, क्या है आज आपकी किस्मत में ?

Aaj Ka Panchang: आज का पंचांग, 7 मई 2023, रविवार

ग्रह चाल और आप

चांडाल योग : 6 अनहोनी का जन्म देगा मेष में सूर्य, गुरु और राहु की युति, जानिए इसका आप पर प्रभाव

हिन्दू नव वर्ष की शुरुआत पर इन चार राशियों का चमक उठेगा भाग्य

Weekly Numerology 1 -7 May: न्यूमेरोलॉजी से जानें इस सप्ताह का भविष्य

मई के महीने में इन राशियों पर आ सकती हैं समस्याएं, जानें ज्योतिष उपाय



अपने मूलांक से जानिए, कौन-कौन से रोग का हो सकता है आपसे कनेक्शन


धार्मिक हलचल

चक्रपुष्करिणी तीर्थ : उत्तराभिमुख गोमुख का रंगभरी एकादशी पर होंगे दर्शन


पौराणिक कथाएं

जानिये किसका अवतार थीं लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला

जब कर्ण ने श्री कृष्ण से पूछा मेरा दोष क्या था.? पढ़िए श्री कृष्ण का जवाब…

कौन हैं सुदर्शन चक्र ? जानें कैसे बने श्री कृष्ण का अस्त्र

महाभारत काल के वो पांच गांव, जिसकी वजह बना महाभारत युद्ध

जानिए पांडवो के स्वर्ग जाने की कथा, किन वजहों से पांचो पांडव बारी बारी नीचे गिरकर मृत्यु को प्राप्त हुए

राक्षसी होलिका, कैसे बनी एक पूजनीय देवी, जानें रोचक पौराणिक कथा

Mahabharat katha : आखिर क्यों गंगा ने मार दिया था अपने 7 बेटों को

पौराणिक कथा में पढ़िए कौन है खाटू श्याम जी, क्या है उनकी कहानी और 11 अनजाने रहस्य

कौन थीं शबरी ? जानिए इनके माता पिता और गुरु को

क्या आप जानते हैं सारे ज्योतिर्लिंग जमीन तल से नीचे क्यों स्थित हैं, कितने प्रकार के होते हैं शिव लिंग

महाभारत का युद्ध : आखिर 18 नंबर से क्या था कनेक्शन, क्यों चला था 18 दिन युद्ध ?

पौराणिक कथा : जानिए आखिर कैसे हुई थी श्री राधा रानी की मृत्यु ?

आखिर क्यों अपने ही बेटे के हाथों मारे गए थे अर्जुन

पत्थर रूप में ही क्यों शिंगणापुर में प्रकट हुए शनि पढ़िए पुरी कहानी




अवश्य पढ़िए..

जानिए आखिर कहां कहां है माता सीता का मंदिर, क्यों है ख़ास

Narad Jayanti: पढ़िए नारद मुनि के पत्रकार बनने की पौराणिक कथा, नारद मुनी थे पूर्व जन्म में….

Sita Navami : कब है सीता नवमी? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

सुयोग्य वर पाने और दीर्घायु सुहागन रहने के लिए सीता नवमी के दिन करें ये काम

क्या होती है भंडारा खाने से समस्या ? आइए जानते हैं…

आखिर क्यों भंडारे में नहीं करना चाहिए भोजन, जानें असल कारण

अनोखा भंडारा : रात के अंधियारे में जलती चिताओं के बीच लोग ग्रहण करते हैं भंडारा, जानिए परंपरा

भंडारा : जानें कैसे हुई शुरुआत भंडारे की, क्या है इसे जुड़ी कथा

क्यों बद्रीनाथ में नहीं बजाया जाता शंख, जानें इसके पीछे का बड़ा रहस्य

क्या होता है पंचक, पंचक क्यों नहीं करते हैं ये पांच कार्य

जानिए हर दिन कौन कौन से पड़ते हैं काल, क्या हैं उनके नाम

शनिवार को शनि की साढ़ेसाती और ढैया के करिये ये उपाय

घर में सुख-शांति के लिए आजमाए वास्तु के ये कारगर उपाय

क्या आप भी किसी की हथेली पर बिना सोचे समझे रखते हैं कुछ भी सामान.. हो सकता हैं नुकसान

जानिए आखिर क्यों नहीं किया जा सकता 3 मई तक मांगलिक कार्य

इन पांच लोगों से डरते हैं शनि देव, जानें कौन हैं ये

नई दुल्हन को काले कपड़े पहनने की क्यों होती है मनाही, जानें सही वजह

परेशानियों से बचने के लिए 5 वस्तुएं को सदा रखे तुलसी से दूर

साल का पहला सूर्य ग्रहण, राशियों पर क्या होगा प्रभाव

ज्योतिष के अनुसार माथे पर चंदन का तिलक लगाने के फायदे

किनको और क्यों रखना चाहिए शिखा या चोटी, मिलता हैं ये लाभ…

भगवान विष्णु, राम और कृष्ण की तरह क्यों नहीं लगता महादेव के आगे ‘श्री’

यदि हैं आज कोर्ट कचहरी के चक्कर से परेशान, राहत के लिए आजमाये ये उपाय

छिड़कें दो चुटकी नमक, मिलेगा जोरदार तरक्की आपको अपने करियर में

शनि देव को शांत करने के पाँच प्रयोग, पढ़िए ब्रह्म पुराण’ में क्या कहते है शनिदेव


उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। अन्य लेख पढ़ने के लिए साथ ही अपनी सुझाव संग पसंद – नापसंद जरूर बताएं। साथ ही जुड़ें रहें हमारी वेबसाइट ” मोक्ष भूमि – काशी “ के साथ। हमारी टीम को आपके प्रतिक्रिया का इन्तजार है। 9889881111


डिसक्लेमर

इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता को जाँच लें । सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/ प्रवचनों /धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। जानकारी पूरी सावधानी से दी जाती हैं फिर भी आप पुरोहित से स्पस्ट कर लें।


Author: Admin Editor MBC

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!