Home 2023 वट सावित्री व्रत के दिन क्या है बांस का महत्व ? जानें का हैं इसका कनेक्शन

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वट सावित्री व्रत के दिन क्या है बांस का महत्व ? जानें का हैं इसका कनेक्शन

19 मई, दिन शुक्रवार को वट सावित्री का व्रत रखा जाएगा। इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा कर सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं।

वट सावित्री व्रत के दिन जितना बरगद के पेड़ का महत्व है उतना ही बांस का भी महत्व है। मान्यता है कि इस दिन बांस का प्रयोग करने से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है और संबंध में मधुरता स्थापित होती है।

जानिए बांस का किस प्रकार वट सवित्री की पूजा में किया जाता है प्रयोग।

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार सत्यवान जंगल में लकड़ी काटने गए थे।

उनके पीछे-पीछे सावित्री भी वहां पहुंची। उन्होंने देखा कि उनके पति बहुत थक गए हैं।

तब सावित्री ने बांस का पंखा बनाकर अपने पति सत्यवान को पंखा किया।

ऐसा करने से सत्यवान की थकावट दूर हो गई और गर्मी से उन्हें राहत मिली।

तभी से वट सावित्री व्रत के दिन बांस का पंखा बनाने की परंपरा स्थापित हुई।

बांस का पंखा इस दिन अपने पति को करने से वैवाहिक जीवन खुशहाल बनता है।

साथ ही, वैवाहिक जीवन की समस्याएं भी दूर होती हैं।वैवाहिक संबंध मधुर बनता है।

अगर बांस का पंखा बनाना आपके लिए मुश्किल हो तो आप बांस को पूजा में ले सकते हैं।

वट सावित्री व्रत की पूजा सामग्री में एक सामग्री बांस को भी जोड़ लीजिए।

बरगद के पेड़ की पूजा के बाद बांस की पूजा कीजिये।

फिर उस बांस को घर में अगले वट सावित्री व्रत तक रखिये।

अगले व्रत पर उस बांस को किसी मंदिर में चढ़ा दीजिए।

ध्यान रहे बांस काटना नहीं है पेड़ से अलग हुआ बांस का टुकड़ा ही लेना है।

पूजा में बांस रखना संभव न हो तो पेड़ से अलग होकर गिरी हुई कोई टहनी भी ले सकते हैं।

उस टहनी को आप गंगाजल या जल में तुलसी डालकर धो सकते हैं।इससे वह लड़की शुद्ध हो जाएगी।


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Author: Admin Editor MBC

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