Nautapa : 22 मई से शुरू होगा नौतपा, इस दौरान बारिश हुई तो माना जाता है अपशुकन, जानें वजह
मई के आखिरी पड़ाव में एकदम से गर्मी का दबदबा बढ़ जाता है। इसकी वजह है कि सूर्यदेव ज्येष्ठ महीने में रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं। यहां 15 दिन रहते हैं। शुरू के 9 दिन भीषण गर्मी पड़ती है, जिसे नौतपा कहते हैं। इस दौरान सूरज की किरणें उत्तरी भारत पर सीधी पड़ती हैं। इस घटना का ज्योतिषीय महत्व भी है।
नौतपा के मध्य आगजनी की घटनाएं सबसे ज्यादा होती हैं लेकिन पृथ्वी पर जन-जीवन के लिए हानिकारक कीटाणुओं का नाश हो जाता है।हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष ज्येष्ठ माह के दौरान नौतपा आरंभ हो जाता है। आइए जानते हैं ज्योतिष और विज्ञान का नौतपा से संबंध।
क्या होता है नौतपा
नौतपा का मतलब नौ दिनों तक भयंकर गर्मी से होता है। नौतपा की शुरुआत तब होती है जब इस पृथ्वी पर प्रत्यक्ष देवता माने जाने वाले सूर्यदेव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हुए कुल 15 दिनों तक की यात्रा पर रहते हैं।
धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्यदेव ज्येष्ठ माह में रोहिणी नक्षत्र में होते हैं तब सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ती है जिस कारण से प्रचंड गर्मी पड़ती है। माना जाता है कि इस वक्त पृथ्वी सूर्य के बेहद करीब होती है। धर्म से जुड़ी कहानियों के अनुसार, चंद्रमा से शीतलता रहती है, लेकिन सूर्य से ताप मिलता है। ऐसे में जब सूर्य चंद्रमा के नक्षत्र रोहिणी में जाता है तो उससे उस नक्षत्र को अपने पूर्ण प्रभाव से ले लेता है। इस वजह से पृथ्वी को शीतलता नहीं मिलती है और तापमान बढ़ जाता है।
वैज्ञानिक वजह
नौतपा का समयकाल कुल 15 दिनों का होता है। इस दौरान चन्द्रमा कुल नौ नक्षत्रों से होकर गुजरता है। इन दिनों सूर्य और पृथ्वी के बीच दूरी न्यूनतम होने के कारण पृथ्वी पर गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि दिसंबर महीने में सूर्य किरणें 45 डिग्री तिरछी या टेढ़ी होकर धरती पर पड़ती हैं। लेकिन फिलहाल मई के महीने में यह 87 डिग्री यानी की धरती की सतह पर लगभग सीधी सूर्य की किरणें पड़ने लगी हैं। वहीं 15 जून के आसपास सूर्य की किरणे 90 डिग्री के कोण पर भारत पर सीधी पड़ेंगी।
मानसून है ये कनेक्शन
कई जगह भारत में इस बात से मानसून का अंदाजा लगाया जाता है कि नौतपा में गर्मी कितनी पड़ी है। लेकिन, ऐसा कोई प्रमाण नहीं है कि जून के शुरुआत में गर्मी तेज पड़ेगी तो मानसून अच्छा होगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, ये बात सच है कि तापमान ज्यादा होने से निम्न दबाव की स्थिति रहती है और इससे मानसून सक्रिय होने में मदद मिलती है। लेकिन, ये साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि अधिक गर्मी पड़ने से मानसून ज्यादा अच्छा होगा। लेकिन, बारिश से पहले गर्मी होने की वजह से इसे नौतपा से जोड़ा जाता है। अगर नौपता के दौरान बारिश हो जाए तो इसे अच्छा नहीं माना जाता है। माना जाता है कि इसका असर मानसून में देखने को मिलता है। बारिश बहुत कम होती है।
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