Home 2023 पौराणिक कथा : महाभारत और रामायण के विनाशकारी युद्धों के शक्तिशाली हथियारों के बारें में जान आप

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पौराणिक कथा : महाभारत और रामायण के विनाशकारी युद्धों के शक्तिशाली हथियारों के बारें में जान आप रह जाएंगे हैरान

आप ने महाकाव्य महाभारत और रामायण पर बनें टीवी सीरियल्स और फिल्मों में अक्सर देखा होगी कि देवी-दोवताओं के पास अस्त्र विद्या की शक्ति होती है, जिससे वो दानवों का विनाश करते हैं। भगवान राम ने अपने अस्त्र धनुष-बाण के जरीये रावण का विराश किया था। इसी तरह से भगवान विष्णु ने अपने अस्त्र सुदर्शन चक्र से दुश्मनों का नाश किया है। वहीं आप ने कई दूसरे देवताओं के हाथों में अस्त्र और शस्त्रों को थामे देखा होगा। जो देवी-देवताओं के द्वारा बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए इस्तेमाल में आते रहे हैं।

हिंदू पौराणिक कथाओं में दानवों के साथ लड़ाइयों का चित्रण किया गया है। जिसमें देवों, देवियों और असुरों से जुड़े युद्ध और संघर्ष हैं। भागवान शिव के त्रिशूल से लेकर ब्रह्मशात्र तक कुछ ऐसे ही सबसे शक्तिशाली हथियारों के बारें में हम यहां आपको बताने वाले हैं, जिनका इस्तेमाल देव और देवियां युद्ध में करते थे।

महाकाव्य महाभारत में, 1000 से ज्यादा तरह के अस्त्रों के बारें में वर्णन मिलता है। जो मंत्रों के उच्चारण के द्वारा इस्तेमाल में लाए जाते थे। हर अस्त्र की कहानी भी कुछ अलग और खास है और उतना ही पावरवफुल देवों के अस्त्र और शस्त्र रहे हैंष जो शक्तिशाली लड़ाइयों में रोमांच पैदा कर देते थे।

पाशुपतास्त्र

हिंदू माइथोलॉजिकल स्टोरीज में पाशुपतास्त्र भगवान शिव और भगवान विष्णु के सबसे घातक हथियारों में से एक है। देवों के द्वारा इस विनाशकारी शस्त्र को आंखों के द्वारा या फिर मन, शब्दों या धनुष द्वारा दुश्मनों पर छोड़ा जाता है। महाकाव्य महाभारत में अर्जुन ने इसे खतरनाक शस्त्र को भगवान शिव से प्राप्त किया था, लेकिन इसका इस्तेमाल अर्जुन ने कभी नहीं किया।

त्रिशूल

भगवान शिव का हथियार तीन भाले वाला त्रिशूल है। ये सबसे शक्तिशाली हथियारों में से एक है जिसे देवो के देव शिव खुद इस्तेमाल करते हैं। ये बहुत ही विनाशकारी हथियार है, जो सबकुछ तबाह कर सकता है। त्रिशूल मौजूद शक्ति सब कुछ तबाह कर सकती है। ये भागवान शिव के द्वारा ही नियंत्रित होता है।

सुदर्शन चक्र

भगवान विष्णु की हर तस्वीर और मूर्ति में आप ने सुदर्शन चक्र को उनकी तर्जनी उंगली पर देखा होगा। ये सुदर्शन चक्र 108 दांतेदार और घूमते डिस्क जैसा बहुत ही खतरनाक हथियार है। ये सूर्य की धूल और शिव के त्रिशूल से लिए गए स्क्रैप से तैयार किया गया है। भगवान विश्वकर्मा जो देवताओं के वास्तुकार हैं, उनके द्वारा ये हथियार तैयार किया गया था। ये अस्त्र भगवान शिव ने भागवान विष्णु को उपहार स्वारूप प्रदान किया था।

ब्रह्माण्ड अस्त्र

ब्रह्माण्ड अस्त्र को सप्तऋषियों द्वारा अन्य सभी हथियारों का मुकाबला करने के लिए बनाया गया था। ये देवताओं के सबसे शक्तिशाली हथियारों में से एक है। जो दूसरे घातक हथियारों की काट है। ब्रह्मास्त्र जिसे सबसे मजबूत हथियारों में से एक माना जाता है। ऋषि विश्वामित्र के आक्रमण का बचाव करते हुए ब्रह्मऋषि वशिष्ठ ने इस शस्त्र का इस्तामल किया था।

ब्रह्मशिरा

ब्रह्मशिरा अस्त्र ब्रह्मास्त्र से कई गुना घातक माना जाता है। ब्रह्मशिरा का इस्तेमाल विनाशकारी होता होता है। ये भूमि को दशकों तक बंजर बना सकता है। रामायण में, इंद्रजीत (मेघानंद) ने इसका इस्तेमाल 670 मिलियन वारनों को मारने के लिए किया था। वहीं अश्वस्थामा ने महाभारत में पांडवों के वंश को खत्म करने के लिए इसी अस्त्र का इस्तेमाल किया था।

वज्रायुध

देवों के राजा, वज्रायुध, जिसे वज्र कहते हैं, के पास ये हथियार मौजूद है। ये बहुत ही शक्तिशाली अस्त्र है, जो बिजली को छोड़ता है जो इसे ज्ञात सबसे शक्तिशाली हथियारों में से एक बनाता है।

ब्रह्मास्त्र

ये सारे हथियारों में सबसे घातक माना जाने वाला अस्त्र है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, ये बहुत विनाशकारी और परमाणु हथियारों जितना शक्तिशाली है।देवता जब इस हथियार को छोड़ते हैं ये सब कुछ नष्ट कर सकता है।


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Author: Admin Editor MBC

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